केरल सरकार ने मोपला मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं के नरसंहार पर बनी फिल्म को प्रमाणपत्र देने से किया मना

केंद्र सरकार को घोषित करना चाहिए कि हिन्दुओं के नरसंहार को जमीनदारों के विरुद्ध विद्रोह ठहराकर हिन्दुओं के घाव पर नमक छिडकनेवाले इतिहासकारों ने लिखा इतिहास झूठ है ।

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में जाकर दर्शन करने पर लगा प्रतिबंध अस्थायी रूप से हटाया

मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश संबंधी निर्णय धर्माचार्य एवं वहां के पुजारियों को करना अपेक्षित है । गर्भगृह का अलग ही आध्यात्मिक महत्त्व है । वहां की पवित्रता संजोना आवश्यक है । देश के सभी बडे मंदिरों में इसका पालन किया जाता है ।

उदयपुर (राजस्थान) में मुसलमानों द्वारा एक हिन्दू का शिरच्छेद

मुसलमानों को भीड द्वारा मारे जाने पर हिन्दुओं को असहिष्णु कहनेवाले धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी अब कहां हैं ? ऐसी घटनाओं का होना हिन्दू राष्ट्र के निर्माण को अपरिहार्य बना देता है !

अमरावती के वैद्यकीय व्यावसायिक की निर्मम हत्या के संबंध में ६ कट्टरपंथियों को पकडा

हत्याकांड के कट्टरपंथियों को शरीयत कानून के अंतर्गत हाथ-पैर तोडने की या भरे चौक में बांधकर उनपर पत्थर फेंकने की सजा की कोई मांग करे, तो आश्चर्य न होगा !

समष्टि कार्य की लगन रखनेवाले हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळजी (आयु ५५ वर्ष) सद्गुरु पद पर विराजमान !

गुरुकृपायोगानुसार साधना कर पू. नीलेश सिंगबाळजी ने सद्गुरु पद प्राप्त किया । इस समय परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी और सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी की पत्नी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने उनका सम्मान किया ।

दंगों के अपराधियों की गिरफ्तारी !

जब हिन्दुओं और हिन्दुत्व के लिए प्रतिकूल समय था, तब अनेक राष्ट्रविरोधी शक्तियों ने उसमें अपने हाथ धो लिए । अब उसका दंड भुगतने का समय आ गया है; क्योंकि आज के समय में हिन्दुओं, हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र के लिए अनुकूल समय बडी तीव्र गति से आ रहा है ।

समाजविघातक प्रवृत्तियों के घर पर ही नहीं; अपितु जिहादी विचारधारा पर भी बुलडोजर चलाना पडेगा – विनोद बंसल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, विहिंप

‘राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल नामक हिन्दू युवक की जिहादियों ने निर्मम हत्या कर दी । यह कोई सामान्य घटना नहीं है, अपितु इस देश के सार्वभौमत्व के साथ ही यहां के सभ्य समाज, संविधान एवं लोकतंत्र पर किया गया आक्रमण ही है ।

नागपंचमी

नागपंचमी के दिन हलदी से अथवा रक्तचंदन से एक पीढे पर नवनागों की आकृतियां बनाते हैं एवं उनकी पूजा कर दूध एवं खीलों का नैवेद्य चढाते हैं । नवनाग पवित्रकों के नौ प्रमुख समूह हैं । पवित्रक अर्थात सूक्ष्मातिसूक्ष्म दैवी कण (चैतन्यक) ।

‘कश्मीर से कन्याकुमारी’, ‘कच्छ से कामरूप’ ऐसा ‘आसेतु हिमालय’ एवं सिंधु से सेतुबंध’ तक हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना है !

अगले २-३ वर्ष हिन्दू राष्ट्र की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं । इसके लिए हमें निरंतर हिन्दू राष्ट्र की मांग करते रहना होगा । इस दृष्टि से ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ महत्त्वपूर्ण है । यह कार्य करते समय कालमहिमा के अनुसार वर्ष २०२५ में हिन्दू राष्ट्र आने ही वाला है, इसके प्रति आश्वस्त रहिए !

नई पीढी को इन्क्विजिशन (धर्म छल) द्वारा किए क्रूरतापूर्ण अत्याचारों की जानकारी देने हेतु जल्दी ही ‘गोवा फाइल्स २’ गोमंतकियों के समक्ष रखेंगे ! – प्रा. सुभाष वेलिंगकर, गोवा

भगवान परशुराम ही गोवा के रक्षक हैं; इसलिए कथित संत फ्रान्सिस जेवियर को ‘गोंयचो सायब’ (गोवा का साहब) कहना अनुचित है । गोवा में क्रूरतापूर्ण तंत्र इन्क्विजिशन लाने के लिए फ्रान्सिस जेवियर ही पूर्ण रूप से उत्तरदायी था ।