वैश्‍विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव का छठा दिन (29 जून) – न्याय एवं संविधान

डॉ. दाभोलकर हत्याकांड एक हत्या का प्रकरण है; लेकिन समस्त जांच एजेंसियों ने उसे अलग मोड़ दे दिया । यह प्रकरण सनातन साधकों को फंसाने के एकमात्र उद्देश्य से आरंभ किया गया था ।

HVP Advocate Threatened : न्यायालय के परिसर में हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता निरंजन चौधरी को धर्मांधों द्वारा हत्या की धमकी !

धर्मांधों को छोड हिन्दुओं का दमन करनेवाली पुलिस भारत की है या पाकिस्तान की ? ऐसी पुलिस जहां है, वहां के हिन्दू असुरक्षित ही रहेंगे !

Dabholkar Murder Case Verdict : ३ व्यक्तियों का निर्दोष मुक्त होना, यह विजय ही है ! – अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर, अध्यक्ष, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

डॉ. वीरेंद्रसिंह तावडे निर्दोष मुक्त हुए हैं । उन पर सूत्रधार होने का आरोप था, वह न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया है । सीबीआई ने उन पर आतंकवादी कार्यवाहियां करने का आरोप लगाकर उन्हें दोषी सिद्ध करने का प्रयास किया था ।

भक्तों को उन्ही दुकानों में जाना चाहिए जहां भगवा ध्वज लगा हो ! – विश्व हिन्दू परिषद

मंगलुरु (कर्नाटक) में श्री मंगला देवी मंदिर क्षेत्र में केवल हिन्दू व्यापारियों को दुकानें लगाने की अनुमति देने का प्रकरण 

हरियाणा के १४ गांवों में मुसलमानों का बहिष्कार !

नूंह में हिंसा का प्रकरण ! 
मुसलमानों को घर भाडे पर न देने तथा उन्हें नौकरी पर न रखने का आह्वान !

नक्सली ही वामपंथी तथा वामपंथी ही नक्सली हैं, यह न बताना ही वैचारिक आतंकवाद ! – अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

वामपंथियों ने संपूर्ण विश्व में जो हत्याएं कीं, उनका आंकडा १० करोड से भी अधिक है । नक्सलियों ने ही भारत में १४ सहस्र से अधिक लोगों की हत्याएं की हैं । नक्सलियों ने जिनकी हत्याएं की हैं, उनमें आदिवासी, विधायक एवं मंत्री अंतर्भूत हैं; परंतु यह हमें दिखाया नहीं जाता ।

हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ताओं को हिन्दूविरोधी ‘नैरेटिव’ के (कथानक के) विरुद्ध एकत्रित लडना आवश्यक ! -अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर, सचिव, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

वर्ष २००८ के मालेगांव बमविस्फोट प्रकरण की कथित आरोपी साध्वी प्रज्ञासिंह जब कारागार में थी, उस समय एक मुसलमान महिला ने उन पर कारागार में आक्रमण किया ।

अधिवक्ता के रूप में धर्मकार्य करते समय ईश्वर ही कार्य करवा रहे हैं ! – अधिवक्ता अमिता सचदेवा, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, देहली

देहली में हिन्दुत्व के लिए कार्य करने हेतु अधिवक्ता आगे आ रहे हैं, यह ईश्वर की ही लीला है । ईश्वर ही सर्व करते हैं और हमें आनंद देते हैं

धर्मांतरितों का शुद्धिकरण करने के उपरांत उसे कानूनी वैधता प्राप्त होने के लिए आवश्यक कागदपत्रों की पूर्तता करें ! – अधिवक्ता नागेश जोशी, सचिव, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, गोवा

हिन्दुओं के अन्य पंथ में धर्मांतरण होने के कागदपत्र मिलते हैं; परंतु हिन्दू धर्म में ‘घरवापसी’ करने के कागदपत्र अधिकतर नहीं मिलते; इसलिए कागदपत्रीय जानकारी इकट्ठा करने का महत्त्व होता है ।

न्यायव्यवस्था में कर्मफलन्याय सिद्धांत का समावेश अत्यावश्यक ! – अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

एक ही प्रकार का अपराध होते हुए भी अपराधियों को भिन्न दंड क्यों दिया जाता है ? उसके पीछे क्या कर्मफलसिद्धांत है ? जब एकाध द्वारा बलात्कार के समान अपराध होता है, तब उसके पीछे ‘काम’ एवं ‘क्रोध’ ये षड्रिपुओं के दोष समाहित होते हैं । क्या उसका अध्ययन नहीं होना चाहिए ?