कुंभ मेले के तीर्थक्षेत्रों की महिमा !
आज हम हरिद्वार के अतिरिक्त अन्य कौन से तीर्थक्षेत्रों पर कुंभ मेले होते हैं, यह समझ लेंगे । साथ ही कुंभ मेले में धार्मिक दृष्टि से स्नान का क्या महत्त्व है, यह भी समझ लेंगे ।
आज हम हरिद्वार के अतिरिक्त अन्य कौन से तीर्थक्षेत्रों पर कुंभ मेले होते हैं, यह समझ लेंगे । साथ ही कुंभ मेले में धार्मिक दृष्टि से स्नान का क्या महत्त्व है, यह भी समझ लेंगे ।
आज हम कुम्भ क्षेत्र में होनेवाली अयोग्य बातें और उस विषय में श्रद्धालुओं का कर्तव्य, इस विषय में जानकारी लेंगे ।
धर्मनिष्ठ व्यक्ति कभी धर्म की हानि नहीं कर सकता तथा वह धर्म हानि खुली आंखों से देख भी नहीं सकता एवं उसे रोकने का प्रयत्न करता है ।उसे यह भान होता है कि धर्म कार्य करते समय उसके पास ईश्वरीय शक्ति है ।
भाग्यनगर (हैदराबाद) में प्रतिवर्ष गणेशविसर्जन के समय मुसलमान दंगा करवाते थे l एक वर्ष हिन्दुओं ने निर्धार कर उनपर प्रतिप्रहार किया l तबसे वहां के दंगे बंद हो गए l यदि हिन्दुओं ने प्रतिप्रहार करना चालू किया तभी हिन्दू समाज की रक्षा हो सकती है l
इस कथा का आरंभ हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, काशी विश्वनाथ मंदिर वॉर्ड के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय एवं अन्य संतों की ओर से दीप प्रज्वलित किया गया ।
स्वामी श्री. आनंद कृष्णा सिंधी वंश के हैं तथा इंडोनेशिया उनका जन्मस्थल है । वे इंडोनेशिया के ‘आध्यात्मिक मानवतावाद, साथ ही अंतरधर्मीय सुसंवाद’ के प्रवर्तक हैं । उन्होंने प्रचुर लेखनकार्य भी किया है ।
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) यहां के काशी विश्वेश्वर मंदिर को मुक्त कराने के लिए वैधानिक लडाई लडनेवाले धर्मप्रेमियों का वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में सम्मान किया गया ।
‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’ की मनोविज्ञान शाखा की प्राध्यापिका डॉ. पूर्णिमा सक्सेना और विश्व के अलग-अलग महाद्वीपों में प्रबंध शास्त्र और नेतृत्व कुशलता सिखानेवाले और वाराणसी के ‘स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज’ के प्राध्यापक डॉ. संजय सक्सेना सनातन के वाराणसी आश्रम में आए ।
यह प्रशंसनीय है कि सनातन संस्था के आश्रम में सभी से साधना करवाने की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है । आश्रम में अत्यधिक सात्त्विक वातावरण और सकारात्मक ऊर्जा है ।, ऐसा श्री. प्रवीण चतुर्वेदी ने कहा ।
तनाव को नियंत्रित करने के लिए शारीरिक, मानसिक स्तर के साथ-साथ आध्यात्मिक स्तर पर किस प्रकार से समाधान किया जा सकता हैं, इस दृष्टि से समाज की सहायता हो, इसके लिए समाज के विविध वर्गाें के लिए ‘तनाव निर्मूलन हेतु अध्यात्म’ विषय का आयोजन किया गया ।