Ganesh Chaturth : गणेश जी को गुडहल का लाल पुष्प अर्पित करें !
लाल रंग के गुडहल के पुष्प के रंगकणों एवं गंधकणों के कारण ब्रह्मांड से गणेशतत्त्व उसकी ओर आकर्षित होते हैं ।
लाल रंग के गुडहल के पुष्प के रंगकणों एवं गंधकणों के कारण ब्रह्मांड से गणेशतत्त्व उसकी ओर आकर्षित होते हैं ।
गणपति को अर्पित की जानेवाली दूर्वा कोमल होनी चाहिए । दूर्वा की पत्तियां ३, ५, ७ अथवा २१ की विषम संख्या में हों ।
‘श्री गणेश चतुर्थी’ पर चंद्र को नहीं देखा जाता । इस दिन चंद्र का दर्शन करना वर्जित होता है । ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो चंद्र दर्शन करता है वह मिथ्या आरोप से कलंकित होता है ।
मूर्ति घर पर लाने के उपरांत उनकी स्थापना के लिए एक सुंदर चौकी लें । उस पर चावल (अक्षत) का छोटा सा पुंज बनाएं अथवा थोडे से चावल रखें । उसके उपरांत उनपर मूर्ति की स्थापना करें ।
श्री गणेश चतुर्थी अर्थात भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी का अवतरण दिन माना जाता है । इस दिन पूरे देश में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है । श्री गणेश चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश जी की पूजा की जाती है ।
श्री गणेश चतुर्थी पर तथा गणेशोत्सव काल में नित्य की तुलना में पृथ्वी पर गणेशतत्त्व १,००० गुना कार्यरत रहता है । इस अवधि में श्री गणेश का नामजप, प्रार्थना एवं अन्य उपासना करने से गणेशतत्त्व का लाभ अधिकाधिक मिलता है ।
जिन ऋषियों ने अपने तपोबल से विश्व-मानव पर अनंत उपकार किए हैं, मनुष्य के जीवन को उचित दिशा दी है, उन ऋषियों का इस दिन स्मरण किया जाता है ।
हमारे उपास्यदेवता की विशेषता तथा उनकी उपासना से संबंधित अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी ज्ञात होने पर देवता के प्रति श्रद्धा निर्माण होती है । यह उद्देश्य ध्यान में रखकर इस लेख में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के निमित्त श्रीकृष्ण भगवान की कुछ विशेषताएं तथा उनकी उपासना से संबंधित उपयुक्त अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी दी जा रही है ।
बिहार सरकार ने अन्य धर्मियों की छुट्टियां क्यों नहीं रद्द कीं ? इससे बिहार की जनता दल (संयुक्त) तथा राष्ट्रीय जनता दल की सरकार मुसलमान तथा ईसाइयों को दुखाना नहीं चाहते पर हिन्दुओं पर अन्याय करते हैं, यह ध्यान दें !
‘धर्मशास्त्र में बताया गया है कि, ‘सूर्योदय से ६ घटिकाएं (१४४ मिनिट से) अधिक और भद्रा (टीप) रहित श्रावण पौर्णिमा के दिन अपराण्हकाल अथवा प्रदोषकाल में रक्षाबंधन मनाएं ।’