केवल कानून नहीं, अपितु पूरी व्यवस्था को ही बदल देना चाहिए ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन
हिन्दुओं पर किए गए आघातों से संबंधित अभियोग अभी भी न्यायालयों में लंबित हैं । इन अभियोगों पर निर्णय आने में कितना समय लगेगा, यह हम सभी को सुनिश्चित करना है ।
हिन्दुओं पर किए गए आघातों से संबंधित अभियोग अभी भी न्यायालयों में लंबित हैं । इन अभियोगों पर निर्णय आने में कितना समय लगेगा, यह हम सभी को सुनिश्चित करना है ।
‘राष्ट्र की रक्षा शस्त्रों से ही करनी पडती है । भारत ने पाकिस्तान को बार-बार क्षमा की है । युद्ध में ३ बार हारने के उपरांत भी पाकिस्तान ने भारत पर पलटवार किया । ‘शत्रु को बार-बार क्षमा नहीं करनी चाहिए’, यह सनातन धर्म की सीख है ।
हिन्दुत्व एवं राष्ट्रहित के लिए कार्य कर अन्य हिन्दुओं के समक्ष आदर्श प्रस्तुत करनेवाले व्यक्तियों को सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के करकमलों से पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
इस वर्ष सनातन संस्था का रजत जयंती वर्ष है एवं ज्येष्ठ कृष्ण षष्ठी के दिन सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का ८३वां जन्मोत्सव भी था । इस दुग्धशर्करा योग के उपलक्ष्य में सनातन शक्ति का भव्य दर्शन संसार ने देखा !
सनातन के संतों एवं साधकों ने इस यज्ञ की संकल्पपूर्ति हेतु श्री दुर्गादेवी के चरणों में मनोभाव से प्रार्थना की । उसके पश्चात यज्ञ में पूर्णाहुति अर्पित की गई ।
यह पूजा करने से साधकों एवं धर्मप्रेमियों के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर उन्हें मानसिक शांति प्राप्त होती है, वैसे ही आध्यात्मिक प्रगति होने में सहायता मिलती है । इसके साथ ही यह पूजा साधकों एवं धर्मप्रेमियों के मन एवं आत्मा को शुद्ध करती है ।
गोवा के रामनाथी (फोंडा) स्थित सनातन संस्था के आश्रम भारतीय जनता पार्टी के सांसद श्री सदानंद शेट तानावडे, पुरातत्त्व विभाग के मंत्री श्री सुभाष फलदेसाई, मये क्षेत्र के विधायक श्री प्रेमेंद्र शेट, वास्को क्षेत्र के विधायक श्री दाजी उर्फ कृष्णा सालकर तथा मुरगाव क्षेत्र के विधायक श्री संकल्प आमोणकर ने सद्भावना भेंट दी ।
सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्यजी विश्व शांति तथा सामंजस्य के माध्यम से संसार को एक साथ लाने के लिए पूरे विश्व में कार्य करनेवाले ‘इंटरनेशनल सद्गुरु फाउंडेशन’ के प्रमुख संस्थापक हैं । वर्तमान में वे सहस्त्रों वर्षों की अमर गुरु-शिष्य परंपरा के ‘श्री दत्त पद्मनाभ पीठ, गोवा’ (भारत) संस्था के पीठाधीश हैं ।
सनातन धर्म का ध्वज केशरी रंग का है । इस ध्वज पर ‘कल्पवृक्ष के नीचे कामधेनु खडी है’, ऐसा चित्र है। कल्पवृक्ष एवं कामधेनु, ये दोनों ‘समृद्धि, पालन-पोषण, संरक्षण एवं श्रीविष्णु का अभय वरदहस्त’, इनके प्रतीक हैं ।
पद्मश्री सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य स्वामीजी सनातन के साधकों की प्रशंसा करते हुए बोले, ‘‘जिस प्रकार सैनिक सीमा पर राष्ट्र के लिए लड रहे हैं, उसी प्रकार सनातन के साधक गांव-गांव जाकर धर्मशिक्षा देंगे, वैसे ही सनातन की महिमा संपूर्ण विश्व में फैलाएंगे ।