घुसपैठ का जाल तथा बंगाल के सत्ताधारियों का कुटिलतापूर्ण खेल !

बंगाल की कोलकाता पुलिस के गुप्तचर विभाग ने अलीपुर न्यायालय में प्रविष्ट आरोपपत्र के साथ बांग्लादेशी घुसपैठियों तथा आरोपियों के आपराधिक कृत्यों के प्रमाण प्रस्तुत किए; परंतु यह घटना केवल एक गिरोह तक सीमित नहीं है, अपितु यह आरोपपत्र राज्य की भ्रष्ट नौकरशाही, दलालों का जाल तथा अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करनेवाले राजनीतिक सत्ताधारियों, उनके अंतरराष्ट्रीय साम्यवादियों तथा उदारमतवादी समर्थकों का देशविघातक षड्यंत्र उजागर करता है ।

‘गुइलेन बैरे सिंड्रोम’ (जी.बी.एस.) के लिए पंचगव्य-ओजोन चिकित्सा : एक प्रभावी विकल्प !

विगत कुछ वर्षाें में पुणे के वैद्य दिलीप कुलकर्णी तथा अन्य कुछ आयुर्वेदाचार्याें ने पंचगव्य चिकित्सा एवं ओजोन का कैंसर, मधुमेह, चर्मरोग तथा तंत्रिका तंत्र की बीमारियों के उपचार के लिए सफलतापूर्वक उपयोग किया है ।

कलियुग वर्ष ५१२७ (वर्ष २०२५) का विभिन्न परिप्रेक्ष्य में महत्त्व !

३०.३.२०२५ से हिन्दू कालगणना के अनुसार कलियुग वर्ष ५१२७ का आरंभ हो गया है । इस वर्ष का आध्यात्मिक महत्त्व क्या है ? इस काल में संधिकाल का क्या महत्त्व है ?, यह वर्ष हिन्दुत्व की दृष्टि से कैसे रहेगा ?

बैंक (अधिकोष) ग्राहको, सजग रहें तथा अपने अधिकारों एवं नियमों को समझ लें !

बैंक ग्राहक इन नियमों को समझकर अपने ग्राहक अधिकार अक्षुण्ण रखें, साथ ही ग्राहकों के लिए बैंकों के क्या नियम हैं, इस लेख में इसका विस्तृत विवेचन किया है; ग्राहक इसे ध्यान में रखें ।

गर्मी के मौसम में यात्रा करते समय निम्न बातों का रखें ध्यान !

आपको धूप से कितना कष्ट होता है तथा स्वयं की आयु के अनुसार आपके लिए निम्न सूचनाएं उपयुक्त सिद्ध हो सकती हैं । वर्तमान समय में हो रही धूप सभी को कुछ अधिक ही कष्ट दे रही है, यह ध्यान में लेकर यहां कुछ सरल सूचनाएं दे रहे हैं

अक्षय तृतीया का महत्त्व

अक्षय तृतीया सत्कार्याें का अक्षय फल प्रदान करती है ! इस दिन किए सभी सत्कर्म अविनाशी होते हैं  !

आदर्श कर्मयोगी तथा क्षात्रधर्म साधना के प्रतीक भगवान परशुराम !

आजीवन निष्काम कर्म करने पर शिवजी की आज्ञा से उन्होंने क्षत्रियों का निर्मूलन करना रोका । क्षत्रिय वध के पापक्षालन हेतु परशुराम ने अश्वमेध यज्ञ किया तथा उन्होंने जीती हुई संपूर्ण पृथ्वी इस यज्ञ के अध्वर्यु महर्षि कश्यप को दान में दे दी ।

अक्षय तृतीया को तिलतर्पण किसे एवं कैसे करें ?

अक्षय तृतीया को उच्च लोक से आनेवाली सात्त्विकता ग्रहण करने हेतु पूर्वज इस दिन पृथ्वी के समीप आते हैं । मानव पर पूर्वजों का बहुत ऋण भी है । ईश्वर को अपेक्षित है ये ऋण चुकाने हेतु मानव प्रयास । इसलिए अक्षय तृतीया पर पूर्वजों को गति मिलने हेतु तिलतर्पण करना होता है ।

हिन्दुत्व, धर्म, अध्यात्म, क्रांतिकारियों एवं राष्ट्र इन पर आंधी के समान प्रखर भाष्य करनेवाले व्याख्याता डॉ. सच्चिदानंद सुरेश शेवडे !

डोंबिवली के डॉ. सच्चिदानंद सुरेश शेवडे भारताचार्य पू. (प्रा.) सु.ग. शेवडेजी (आयु ८९ वर्ष) के (वर्तमान समय में रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में निवास) बडे पुत्र हैं । डॉ. सच्चिदानंद शेवडे राष्ट्र एवं धर्म के विषय पर आधारित विभिन्न पुस्तकें लिखने के साथ ही वे विभिन्न विषयों पर आधारित परिचर्चाओं में भाग लेते हैं ।

‘शाश्वत भारत ट्रस्ट’के माध्यम से सनातन संस्कृति का प्रसार करनेवाले देहरादून (उत्तराखंड) के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप दत्ता !

डेहराडून (उत्तराखंड) के डॉ. कुलदीप दत्ता (आयु ७५ वर्ष) एक विख्यात हृदयरोग विशेषज्ञ हैं । उन्होंने वर्ष १९७६ से १९९८ के दौरान उत्तरप्रदेश में ‘चिकित्सकीय निदेशक’के रूप में सरकारी नौकरी की ।