एक असफल क्रांति !
अक्टूबर १९१७ में रूस में क्रांति हुई । पूरे विश्व में साम्यवादी क्रांति के विचारों की हवा बहने लगी । पीटर फ्राइर ब्रिटिश मार्क्सवादी लेखक था । उसने अपने लेख से तथाकथित क्रांति का बहुत अच्छा विश्लेषण किया ।
अक्टूबर १९१७ में रूस में क्रांति हुई । पूरे विश्व में साम्यवादी क्रांति के विचारों की हवा बहने लगी । पीटर फ्राइर ब्रिटिश मार्क्सवादी लेखक था । उसने अपने लेख से तथाकथित क्रांति का बहुत अच्छा विश्लेषण किया ।
‘आप यदि पतले हैं, तब भी आपने व्यायाम किया, तो उससे आपका वजन और घटेगा, ऐसा नहीं है । वास्तव में देखा जाए, तो ऐसी स्थिति में वजन बढाने हेतु तथा शरीर की मांसपेशियों को सशक्त बनाने हेतु ‘व्यायाम’ एक बहुत ही अच्छा प्राकृतिक विकल्प है ।
शरीर के विभिन्न घटकों के कारण हो रही सूजन अथवा सूजन संबंधी होते जा रहे ‘इंफ्लेमेट्री’ (क्षोभजन्य) परिवर्तन जैसे लक्षण बहुत ही सामान्यरूप से दिखाई दे रहे हैं । उसके निम्न कारण हैं
बलात् राज्य परिवर्तन के तुरंत उपरांत पूरे देश में अल्पसंख्यकों पर कई आक्रमण हुए । इस अत्याचार और हिंसा को वैश्विक समुदाय के सामने उजागर करना और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का समर्थन करना समय की मांग है ।
मुसलमान पंथ में मुगलों के काल से ही महिलाओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं; परंतु ये कथित आधुनिकतावादी उसके विरुद्ध कभी नहीं बोलते ।
‘डीप स्टेट’ अर्थात एक छुपी यंत्रणा जो किसी देश को चलानेवालों पर (वहां की सरकार) पर प्रभाव डालकर, स्वयं को अपेक्षित ऐसे नीति-नियम कार्यान्वित करने के लिए सरकार को विवश करती है ।
वेदकाल से विकसित वास्तुशास्त्र और विज्ञान के उत्तम उदाहरण, हिन्दुओं के देवालय !
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु हिन्दुओं को संगठित करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति का कोरोना महामारी की आपदा के उपरांत बढते दैवीय कार्याें का लेख यहां दिया है ।
रंगोली ६४ कलाओं में से एक कला है । यह कला आज घर-घर पहुंच गई है । त्योहारों-समारोहों में, देवालयों में तथा घर-घर में रंगोली बनाई जाती है । रंगोली के दो उद्देश्य हैं – सौंदर्य का साक्षात्कार तथा मांगलिक सिद्धि ।
ऋषिकेश (उत्तराखंड) की हस्तरेखा विशेषज्ञ सुनीता शुक्ला द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी का किया विश्लेषण यहां दे रहे हैं ।