शाश्वत आनंदप्राप्ति हेतु साधना तथा स्वभावदोष-निर्मूलन आवश्यक है ! – कु. मिल्की अग्रवाल, गोवा
शोध का निष्कर्ष बताते हुए कु. मिल्की अग्रवाल ने कहा कि ‘‘कोई अध्यात्मशास्त्र के अनुसार सत्यनिष्ठा से साधना करे, तो कुछ समय के उपरांत उसके जीवन के दु:ख तथा तनाव घटते हैं तथा उस व्यक्ति को शांति एवं आनंदप्राप्ति में सहायता होती है ।’’