पुलिसकर्मी यह ध्यान रखें !
‘पुलिस को ऐसा लगना चाहिए कि जनता पुत्रवत है, तभी उनकी नौकरी उचित पद्धति से होगी !’
‘पुलिस को ऐसा लगना चाहिए कि जनता पुत्रवत है, तभी उनकी नौकरी उचित पद्धति से होगी !’
प्राचीन भारतीय शास्त्रों के अनुसार कालचक्र के अनुसार विश्व ऊपर-नीचे होता रहता है । रज-तमोगुण की प्रबलता बढने के कारण उसका नकारात्मक प्रभाव पृथ्वी, आप, तेज, वायु एवं आकाश इन पंचमहाभूतों पर पडता है । उसके फलस्वरूप पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदाएं बढती हैं ।
परशुरामभूमि गोमांतक में सनातन के आश्रम में, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थयात्रा ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष प.पु. स्वामी गोविंददेव गिरि का भावपूर्ण वातावरण में स्वागत किया गया । ३० नवंबर की दोपहर को उन्होंने सनातन के आश्रम में शिष्टाचार भेंट की ।
‘मुझे ‘यह चाहिए’, ‘वह चाहिए’, ऐसा शासनकर्ताओं से मांगनेवाले और ‘मुझे अपना मत दीजिए’, ऐसा जनता से मांगनेवाले नेता ईश्वर को प्रिय होंगे अथवा राष्ट्र एवं धर्म के लिए सर्वस्व का त्याग करनेवाले ईश्वर के प्रिय होंगे ?’
श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) गाडगीळजी ने अनेक वर्षों तक सूक्ष्म परीक्षण करना, सूक्ष्म से ज्ञान प्राप्त करना, सूक्ष्म के प्रयोग करना जैसी सूक्ष्म स्तर की सेवाएं की हैं । वर्तमान में वे सूक्ष्म के उस ज्ञान का हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में उपयोग कर उस कार्य को गति प्रदान कर रही हैं ।
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी का जन्मदिवस तो धर्मसंस्थापना हेतु अवतरित ईश्वर की चैतन्यशक्ति का प्रकट दिवस ही है !
गोवा राज्य में स्थापित और वर्तमान में पूरे भारत में सनातन हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार करने वाली सनातन संस्था का रजत जयंती समारोह ३० नवंबर को आयोजित किया गया है।
‘वृद्धावस्था में संतान ध्यान नहीं देती, ऐसा कहनेवाले वृद्धजनों, आपने संतान पर साधना के संस्कार नहीं किए, इसका यह फल है । इसलिए संतान के साथ आप भी उत्तरदायी हैं !’
सनातन के प्रेरणास्रोत प.पू. भक्तराज महाराजजी की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में उनके शिष्य डॉ. जयंत आठवलेजी द्वारा समर्पित भावसुमनांजलि !
प.पू. भक्तराज महाराजजी एवं परात्पर गुरुदेवजी के चित्र बनाते समय श्री. प्रसाद हळदणकर को हुई अनुभूतियां यहां दे रहे हैं