(और इनकी सुनिए…) ’कच्चातिवु द्वीप पर भारत का दावा निराधार है !’ – डगलस देवानंदा, श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री

इससे पहले श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने भी कच्चातिवु पर ऐसा ही बयान दिया था । मूल रूप से सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत, यह बताया गया कि कांग्रेस ने बिना किसी मुआवजे के श्रीलंका को कच्चातिवु द्वीप की पेशकश की थी । इस विषय पर हुए करार का इतिहास है तो श्रीलंका द्वारा इसे अस्वीकार करना हास्यास्पद है !

Katchatheevu Island Row : कच्चातिवु समस्या पर ५० वर्ष पहले समाधान हुआ है, इसलिए अब उसे फिर से उठाने की आवश्यकता नहीं ! – श्रीलंका के विदेश मंत्री

केवल मतों के लिए उपस्थित किया जा रहा है प्रश्न ! – श्रीलंका के भारत में नियुक्त भूतपूर्व उच्चायुक्त फर्नांडो 

भारत ने अभी तक हमसे कच्‍चातिवु वापस नहीं मांगा है !

कच्‍चातिवु द्वीप श्रीलंका की सीमा में आता है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्रीलंका से अच्‍छे संबंध हैं ।

Sri Lanka Ranil Wickremesinghe : भारत का अनुकरण कर श्रीलंका आगे जा सकता है !

श्रीलंका ने देरी से जो सीखा, वही मालदीव भी शीघ्र ही सीखेगा, ऐसी अपेक्षा !

Shri Lanka Housing Project : श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के करकमलों द्वारा वहां के तमिल हिन्दुओं के लिए घर-निर्मिति की परियोजना का शुभारंभ !

भारत को भी धन्यवाद दिया

Srilanka Fishermen Arrested : श्रीलंका ने २३ भारतीय मछुआरों को बंदी बनाया !

श्रीलंका की नौसेना ने २३ भारतीय मछुआरों को बंदी बनाया तथा उनकी २ बड़ी नौकाओं को जप्त भी कर लिया ।

Srilanka Ship Hijacked : श्रीलंकाई मछली पकड़ने वाली नाव का सोमाली समुद्री डाकुओं ने किया अपहरण ! 

श्रीलंकाई नौसेना ने अपनी कथित समुद्री सीमा में प्रवेश करने पर भारतीय मछुआरों को बंदी बनाता है; लेकिन वह अपनी ही अपहृत नाव का छुडाने के लिए निष्‍क्रिय रहता है और इसके लिए भारत को श्रीलंका की सहायता करनी पडती है !

China Spy Ship : शोध के नाम पर गुप्तचरी करनेवाली चीन की नौका को एक वर्ष तक अपने बंदरगाह पर आने से प्रतिबंध !

भारत के दबावतंत्र को बडी सफलता  !
श्रीलंका का बडा निर्णय !

Indian Fishermen Detained : श्रीलंका की नौसेना ने ६ भारतीय मच्छीमारों को बनाया बंदी !

इस वर्ष में अब तक २२० मच्छीमारों को बनाया गया है बंदी !

भारत के विरोध के उपरांत भी श्रीलंका द्वारा चीन की गुप्तचर नौका को उसके बंदरगाह पर आने की  अनुमति !

भारत जिन देशों की सहायता करता है, उनमें से अधिकांश देश भारत के साथ विश्वासघात करते हैं, ऐसा ही दिखाई देता है । इसलिए भारत को किसी की सहायता करने के पूर्व विचार करना आवश्यक है !