भविष्य काल के नेतृत्व में भारत का होगा महत्वपूर्ण स्थान ! – Former British PM Elizabeth Truss
पूर्व ब्रिटिश प्रधान मंत्री एलिजाबेथ ट्रस का बयान
पूर्व ब्रिटिश प्रधान मंत्री एलिजाबेथ ट्रस का बयान
स्विट्जरलैंड ने हाल ही में घूंघट और नकाब जैसे चेहरे को ढंकने पर प्रतिबन्ध लगाने वाला एक कानून पारित किया है । स्विट्जरलैंड में यह कानून १ जनवरी, २०२५ से लागू होगा ।
वे रूस के सोची में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इससे ज्ञात होता है कि यह अमेरिकी संगठन हिन्दुओं के नाम पर संगठन स्थापित करके हिन्दुओं को विभाजित करने का प्रयास कर रहा है! क्या इस संगठन के पीछे भारत विरोधी अमेरिकी सरकार है? इसका पता लगाया जाना चाहिए!
बीबीसी, अर्थात ‘ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन’, हिन्दू द्वेष से ग्रस्त एक समाचार चैनल है तथा भारत एवं हिन्दुओं के बारे में झूठी कहानियां फैलाने के लिए कुख्यात है ।
यदि विरोध करनेवाले ब्रिटीश हैं, तो वे पहले से ही वर्णद्वेषी हैं एवं आज भी उनमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, यही पुनः ध्यान में आता है !
ब्रिटेन आर्थिक संकट में है, वह दूसरों को क्या भरपाई देगा ? कई सदियों तक अन्य देशों को लूटने के बाद भी ब्रिटेन की यह स्थिति “हर देश को उसके कर्मों का फल भुगतना पड़ता है,” ऐसा ही कहने को बाध्य करती है !
पैरिस महामाया पूजा परिषद के अध्यक्ष श्री. सुकांता सरकार, प्रधान सचिव श्री. अमर मुजुमदार, मुख्य परामर्शदाता श्री. अवनी दास, श्री. रिपन देबनाथ एवं श्री. संजीव सरकार ने निषेध सभा को संबोधित किया ।
अब इस सूची में ब्रिटेन का नाम भी जुड़ गया है । ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन व्यक्त किया ।
पहले नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों में दुनियाभर के छात्र पढ़ाई के लिए आते थे । भारत को स्वतंत्र हुए ७७ साल हो गए हैं, फिर भी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में शाखाएं खोलनी पड रही हैं, यह सभी पार्टियों की सरकारों की विफलता है !