समाज के सामने देश का सच्चा इतिहास रखने हेतु अनवरत परिश्रम करनेवाले बेंगलुरू (कर्नाटक) के ‘पद्मभूषण’ डॉ. प्रा. एस.एल. भैरप्पा (आयु ९३ वर्ष) ! 

बेंगलुरू (कर्नाटक) के डॉ. प्रा. एस.एल. भैरप्पा का जन्म २० जुलाई १९३१ को हासन जिले के चन्नरायपट्टण तहसील के संतशिवर नामक गांव में हुआ । अपने बचपन में ही ‘बुबोनिक प्लेग’ के कारण उन्होंने उनकी माता एवं भाई को खो दिया ।

वीर सावरकरजी के जाज्वल्य विचार युवा पीढीतक पहुंचाने के लिए अत्यधिक लगन से प्रयत्नशील मुंबई के श्री. रणजित विक्रम सावरकर !

वीर सावरकरजी के पडपोते एवं ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ के कार्याध्यक्ष श्री. रणजित विक्रम सावरकर वर्तमान में जो विविधांगी कार्य कर रहे हैं, यहां उसकी जानकारी दे रहे हैं ।

वास्तु आनंददायक हो, इस हेतु सदनिकाओं में (फ्लैट पद्धति में) वास्तुशास्त्र का उपयोग कैसे करें ?

प्रत्येक व्यक्ति को नया घर बनाने का अवसर नहीं मिलता, विशेषकर मुंबई-पुणे जैसे व्यावसायिक शहरों में अब सदनिका ही अधिक संख्या में होती हैं । ऐसी स्थिति में यहां ‘सदनिका में वास्तुशास्त्र का उपयोग कैसे करें ?’, इसकी जानकारी दे रहे हैं ।

वास्तुदोषों के निवारण हेतु सुलभ आध्यात्मिक उपचारों के साथ ‘साधना करना’ सर्वाेत्तम उपाय !

‘वास्तुशास्त्र में अष्टदिशा, पंचमहाभूत तथा वातावरण की ऊर्जा का उचित समन्वय साधकर मनुष्य के लिए शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक स्तरों पर लाभदायक भुवन निर्माण के नियम दिए गए हैं ।

भारत के गौरवशाली हिन्दू इतिहास को पुनर्जीवन देनेवाले डॉ. विक्रम संपत !

कर्नाटक के बेंगलुरू में स्थित डॉ. विक्रम संपत एक लोकप्रिय इतिहासकार तथा लेखक हैं । वर्ष २०२१ में प्रसिद्ध ‘रॉयल हिस्टॉरिकल सोसाइटी’का ‘फेलो’के रूप में उनका चयन हुआ ।

हिन्दुत्व, धर्म, अध्यात्म, क्रांतिकारियों एवं राष्ट्र इन पर आंधी के समान प्रखर भाष्य करनेवाले व्याख्याता डॉ. सच्चिदानंद सुरेश शेवडे !

डोंबिवली के डॉ. सच्चिदानंद सुरेश शेवडे भारताचार्य पू. (प्रा.) सु.ग. शेवडेजी (आयु ८९ वर्ष) के (वर्तमान समय में रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में निवास) बडे पुत्र हैं । डॉ. सच्चिदानंद शेवडे राष्ट्र एवं धर्म के विषय पर आधारित विभिन्न पुस्तकें लिखने के साथ ही, वे विभिन्न विषयों पर आधारित परिचर्चाओं में भी भाग लेते हैं ।

‘शाश्वत भारत ट्रस्ट’के माध्यम से सनातन संस्कृति का प्रसार करनेवाले देहरादून (उत्तराखंड) के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप दत्ता !

देहरादून (उत्तराखंड) के डॉ. कुलदीप दत्ता (आयु ७५ वर्ष) एक विख्यात हृदयरोग विशेषज्ञ हैं । उन्होंने वर्ष १९७६ से १९९८ के दौरान उत्तरप्रदेश में ‘चिकित्सकीय निदेशक’के रूप में सरकारी नौकरी की ।

देशविरोधी उग्रवादियों तथा आतंकियों पर लगाम लगानेवाले कूटनितिज्ञ अधिकारी : लेफ्टनंट जनरल (डॉ.) डी.बी. शेकटकर (सेवानिवृत्त) !

छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिन्दवी स्वराज के लिए जिस प्रकार उनके सैनिकों तथा सेनापतियों द्वारा किया गया त्याग सर्वोच्च है, उस प्रकार आज भी अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ तथा राष्ट्रप्रेमी नागरिक हिन्दू धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा हेतु ‘सैनिक’ के रूप में कार्य कर रहे हैं ।

‘कार्डियक अरेस्ट’ से ग्रस्त रोगियों के लिए ‘कार्डियक रिससिटेशन’ की (हृदय-पुनरुज्जीवन तंत्र’ की ‘कोल्स-कॉॅम्प्रेशन ओन्ली लाइफ सपोर्ट’ की प्रक्रिया एक संजीवनी ही है !

‘एक सामान्य व्यक्ति भी रोगी की सहायता कर सकता है’, यह सभी को ज्ञात हो; इस विषय में उद्बोधन करना समय की मांग है ।

युवकों के सामने, ‘धर्म के लिए कैसा बलिदान होना चाहिए ?’, इसका आदर्श रखनेवाली फिल्म ‘छावा’ !

फिल्म प्रदर्शित होने से पूर्व उसके संबंध में कुछ विवाद उत्पन्न हुए थे; परंतु फिल्म के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने इस फिल्म में गलत इतिहास रखने की अपेक्षा उन्होंने लोगों के सामने एक महान राजा का जीवनचरित्र पहुंचाने का प्रामाणिक प्रयास किया है !