सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
हिन्दुओं ने पश्चिमी संस्कृति अपनाई, इस कारण दो पीढियों में अर्थात माता-पिता और बेटे बहू में भी आपस में समरसता नहीं है । अब पति-पत्नी की भी आपस में नहीं बनती । विवाह के उपरांत कुछ समय में ही विवाह-विच्छेद हो जाता है ।