त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड की ओर से मंदिरों के परिसर में संघ की शाखाएं आयोजित किए जाने पर पुनः प्रतिबंध !

मंदिरों में इफ्तार की मेजबानियां करने के लिए बोर्ड की ओर से अनुमति कैसे दी जाती है ? यह हिन्दू धर्म विरोधी नहीं है क्या ? 

केरल के ईसाई एवं इस्लामी विद्यालयों द्वारा ‘डार्विन थ्योरी’ पाठ्यक्रम का विरोध !

इससे सिद्ध होता है कि साम्यवादी सरकार को हिन्दुओं के मतों का कोईमूल्य नहीं । अब हिन्दुओं को संगठित होकर कम्युनिस्टों पर दबाव डालना चाहिए कि मुगलों का इतिहास दोबारा न पढाया जाए !

चलचित्र ‘द केरला स्टोरी’ की कथा की तरह मेरा जीवन भी है !

केरल में ‘लव जिहाद’ की विभीषिका तथा जिहादी आतंकवाद का षड्यंत्र उजागर करने वाला चलचित्र ‘द केरला स्टोरी’ के प्रदर्शित होने के उपरांत अनेक पीडित युवतियों ने स्वयं समक्ष आकर अपने साथ घटित घटनाओं की जानकारी दी है ।

मुसलमान मित्र ने हिन्दू युवती को फंसा कर किया धर्मांतरण और विवाह !

‘द केरल स्टोरी’ का विरोध करने वालों को इस विषय में क्या कहना है ?

केरल में नाव पलटने से २२ यात्रियों की मृत्यु

मृतकों में बच्चों एवं महिलाओं की संख्या अधिक है । ४ यात्रियों को चिकित्सालय में भरती किया है ।

कोची (केरल) में ५० में से केवल १७ स्थानों पर ही ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म प्रदर्शित

क्या केरल में कानून का राज है ? यदि सिनेमा हॉल के मालिकों को भय लगता हो, तो यह राज्य के साम्यवादी आघाडी सरकार की असफलता ही है । ऐसे लोगों को सुरक्षा देना आवश्यक है !

‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को केरल उच्च न्यायालय ने किया अस्वीकार !

मद्रास उच्च न्यायालय ने भी किया याचिका को अस्वीकार !

यदि केरल में लव जिहाद की घटनाएं होती हों, तो राज्य सरकार को रोकनी चाहिए !

केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान का ‘द केरल स्टोरी’ चलचित्र के संदर्भ में वक्तव्य

‘द केरल स्टोरी’ के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाना अनुचित ! – सर्वाेच्च न्यायालय

सर्वाेच्च न्यायालय ने कहा है, ‘द केरल स्टोरी’ के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने की मांग करनेवाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करना उचित नहीं होगा । चलचित्र (फिल्म) के प्रसारण से पूर्व ही उसे चुनौती देना अनुचित है ।

(इनकी सुनिए, कहते हैं) ‘संघ परिवार के राजकीय लाभ के लिए बनाया गया है ‘द केरल स्टोरी’ चलचित्र !’ – केरल के मुख्यमंत्री विजयन्

केरल की ‘लव जिहाद’में फंसी हिन्दू एवं ईसाई लडकियां सीरिया जैसे देश पहुंच गईं, यह वास्तविकता है । तब भी उसे झूठा ठहरानेवाले एक राज्य के मुख्यमंत्री, लोकतंत्र की अपकीर्ति कर रहे हैं !