Indus Water Treaty : सिंधु जल समझौता स्थगित करने के बाद पाकिस्तान को जाने वाला पानी रोकने के लिए तीन चरणों में प्रयास किए जाएंगे।

पाकिस्तान को सिंधु जल समझौते के अंतर्गत दिया जाने वाला पानी रोकने के लिए भारत ने प्रयास प्रारंभ कर दिए हैं। इस संदर्भ में केंद्रीय जल आपूर्ति मंत्रालय ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निवास स्थान पर एक बैठक आयोजित की थी।

 Don’t Broadcast Live Coverage : मीडिया को रक्षा बलों की कार्रवाई का सीधा प्रसारण नहीं करना चाहिए ।

आखिर ऐसा सुझाव क्यों देना पड़ता है ? मीडिया को अपने उत्तरदायित्व क्यों समझ में नहीं आते ? यदि कोई इसका उल्लंघन करता है, तो उस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और देशद्रोह का प्रकरण प्रविष्ट होना चाहिए ।

SC Slams Rahul Gandhi : स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर जिम्मेदाराना बयान मत दीजिए !

‘हम किसी को भी स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बुरा बोलने की अनुमति नहीं दे सकते । उन्होंने हमें स्वतंत्रता दी और हम उनके साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं ? यदि आप भविष्य में ऐसा कोई बयान देंगे तो हम उसका संज्ञान लेंगे और स्वयं कार्रवाई करेंगे ।’

Indus Waters Treaty : सिंधु जल संधि को समाप्त कर पाकिस्तान को जाने वाला पानी रोकना कितना आसान?

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को पाठ सिखाने के लिए 4 बड़े निर्णय लिए हैं। इनमें से सिंधु जल संधि को स्थगित करना सबसे बड़ा निर्णय है। भारत ने कहा है कि “जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता रहेगा, तब तक भारत यह संधि लागू नहीं करेगा।”

Fatwa Against Pahalgam Terrorist : किसी भी मरे हुए आतंकवादी को कब्रिस्तान में जगह नहीं दी जाएगी और कोई भी इमाम उसका अंतिम संस्कार नहीं करेगा । – डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी, ‘ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन’

‘ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन’ का राष्ट्रभक्ति से भरा फतवा नई दिल्ली – यदि देश में कोई आतंकवादी मारा जाता है, तो कोई भी इमाम (मस्जिद में प्रार्थना करवाने वाला) या काज़ी (इस्लामी कानून विशेषज्ञ और न्यायाधीश) उसके अंतिम संस्कार का नेतृत्व नहीं करेगा । उसे देश के किसी भी कब्रिस्तान में दफनाने की अनुमति नहीं … Read more

न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण आतंकवाद के विरुद्ध लड़ने की क्षमता पर प्रभाव पड़ रहा है । इसलिए सर्वोच्च न्यायालय को कश्मीर जाकर वहां की स्थिति को देखना चाहिए ! – – Lt Gen D.P. Pandey (Retd)

सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे मामलों में कई बार हस्तक्षेप किया है, जिससे सरकार और सेना द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों में विलंब हो रहा है । इस प्रकार के न्यायिक हस्तक्षेप से आतंकवाद के विरुद्ध लडने की क्षमता प्रभावित होती है ।

Taslima Nasreen On Pahalgam Attack : जब तक इस्लाम रहेगा, आतंकवाद रहेगा ! – बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन

बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा है कि जब तक इस्लाम रहेगा, आतंकवाद भी रहेगा ।’

Supreme Court On Article 355 In Bengal : बंगाल में अनुच्छेद ३५५ के अनुसार कार्रवाई करने से सर्वोच्च न्यायालय ने मना कर दिया !

सर्वोच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के हिंसा-प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग को लेकर प्रविष्ट याचिका पर तात्कालिक कोई निर्देश देने से मना कर दिया है ।

Anurag Kashyap Brahmin Controversy : फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने ब्राह्मणों के विरुद्ध आपत्तिजनक वक्तव्य देने के लिए क्षमा याचना की

यदि अनुसूचित जाति-जनजाति, दलित आदि के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया गया होता तो अत्याचार अधिनियम के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट कर कश्यप को कारागृह में भेज दिया जाता; परंतु चूंकि ब्राह्मणों के संबंध में ऐसा कोई कानून नहीं है, इसलिए कश्यप का लाभ हो रहा है !

नाबालिग लड़की पर बलात्कार करने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास का दंड

यदि किसी न्यायालय के लिए किसी प्रकरण की *कार्रवाई २० दिनों के अंदर करना संभव है, तो ऐसा हर जगह क्यों नहीं किया जाता? यह प्रश्न जनता के मन में उठता है!