हिन्दुओं को ज्ञानवापी अपने अधिकार में लेना चाहिए ! – तस्लिमा नसरीन
देश के और विदेश के कितने मुसलमान सत्य इतिहास स्वीकार कर ऐसा बताने का साहस कर रहे हैं , ऐसा विचार किया, तो ‘एक भी नहीं’, ऐसा ही उत्तर मिलता है । इसका अर्थ यह है कि धर्मनिरपेक्षता और अन्य धर्मों का आदर केवल हिन्दुओं को करना चाहिए और अन्य हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों पर आघात करें , ऐसा ही होता है, यह बात हिन्दू कम से कम अब तो समझें ?