कोटि-कोटि प्रणाम !

५ अगस्त को हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु चारुदत्त पिंगळेजी का ५७ वां जन्मदिन

त्यागी वृत्ति से युक्त केरल की स्व. (श्रीमती) सौदामिनी कैमल (आयु ८२ वर्ष) संतपद पर विराजमान !

पिछले १ वर्ष से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था । वे अंत तक अखंड नामजप करती थीं । पू. कैमल दादी को केरल के साधक प्रेम से ‘अम्मा’ कहकर बुलाते थे ।

सनातन संस्था के संत पू. भगवंत कुमार मेनरायजी (आयु ८५ वर्ष) ने किया देहत्याग !

मूल फरीदाबाद (हरियाणा) निवासी एवं वर्तमान में रामनाथी स्थित सनातन संस्था के आश्रम में रह रहे सनातन के ४६ वें संत पू. भगवंत कुमार मेनरायजी ने ४ जून २०२४ को सायंकाल ७.१५ बजे देहत्याग किया ।

अंत तक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के अखंड सान्निध्य में रहनेवाले सनातन के ४६ वें (समष्टि) संत पू. (स्व.) भगवंत कुमार मेनरायजी (आयु ८५ वर्ष) !

वे उनके साथ आए प्रत्येक साधक का नाम लेकर मुझे पूछते, ‘क्या उनका भोजन हो गया ?’ यदि मैं एवं हमारे साथ आए साधकों ने भोजन न किया हो, तो वे हमें भोजन करने के लिए कहते ।

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की कृपा से ‘सनातन के साधक आनंद में रहनेवाले जीव हैं, इसकी प्रतीति लेनेवाले समाज के विभिन्न व्यक्ति !

‘‘सनातन के साधक सदैव आनंद में रहते हैं । हमारे यहां संप्रदाय जैसी विशिष्ट वेशभूषा नहीं होती; परंतु ‘चेहरे पर दिखाई देनेवाला आनंद’ ही हमारे साधकों की पहचान है ।

स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन हेतु निरंतर प्रयासरत तथा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति अपार भाव एवं दृढ श्रद्धा रखनेवालीं कतरास (झारखंड) की सनातन की ८४ वीं (समष्टि) संत पू. (श्रीमती) सुनीता खेमकाजी (आयु ६३ वर्ष) !

सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी एवं श्री. शंभू गवारे ने क्रमशः ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में साधना की आवश्यकता’ तथा ‘हलाल (जो इस्लाम के अनुसार वैध है, वह) अर्थव्यवस्था की भीषणता’ विषयों पर उपस्थित धर्मप्रेमियों को संबोधित किया ।

सनातन की पुणे की संत पू. (श्रीमती) मालती शाह (आयु ८६ वर्ष) का देहत्याग !

सनातन की धर्मप्रचारक सद्गुरु स्वाती खाडयेजी ने ४ अगस्त २०२२ को उन्हें ‘संत’ के रूप में घोषित किया था ।