Sanatan Rashtra Shankhnad Mahotsav : सनातन संस्था की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत से की गई भेंट।

सनातन संस्था की रजत जयंती और सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले के ८३वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में फोंडा, गोवा में १७ से १९ मई की अवधि में ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का आयोजन किया गया है।

गोवा, फोंडा की श्रीमती ज्योति ढवळीकर सनातन के १३२ वें (समष्टि) संतपद पर विराजमान

रामनाथी स्थित सनातन आश्रम में आयोजित एक अनौपचारिक समारोह में यह घोषणा की गई । इस अवसर पर पू. (श्रीमती) ज्योति ढवळीकर के परिवार के कुछ सदस्य और साधक उपस्थित थे । इस अवसर पर सभी का भाव जागृत हुआ ।

Prayagraj Kumbh Parva 2025 : कुंभ क्षेत्र पदयात्रा में गूंजी हिन्दू राष्ट्र की हुंकार !

२२ जनवरी २०२५ को अयोध्या में श्री रामलला की स्थापना समारोह के एक वर्ष पूर्ण होने के शुभ अवसर पर, हिन्दू राष्ट्र की मांग को लेकर यहां ‘हिन्दू राष्ट्र पदयात्रा’ का आयोजन किया गया । इसके माध्यम से हिन्दू राष्ट्र की गर्जना पूरे कुंभ क्षेत्र में गूंज उठी ।

श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी और श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने अखाडा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरीजी से भेंट की !

सत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी और श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने श्री महंत रविन्द्र पुरीजी को सनातन संस्था के २५ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सनातन संस्था के रजत जयंती का स्मृति चिन्ह भेंट किया ।

कर्नाटक के श्री. सांतप्पा गौडा, श्रीमती कमलम्मा एवं श्रीमती शशिकला किणी संतपद पर विराजमान !

इस अवसर पर पू. रमानंद गौडा ने मार्गदर्शन करते हुए कहा, ‘‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ने कर्नाटक के सभी साधकों को केवल आनंद ही नहीं, अपितु चैतन्य प्रदान करनेवाला शुभ समाचार दिया है ।

सनातन के ६४ वें संत पू . (श्रीमती) शेऊबाई लोखंडे (उम्र 100 वर्ष) इनका देहत्याग !

पू.( श्रीमती) शेऊबाई लोखंडे मांडवगन, तालुका श्रीगोंडा, जिला अहिल्यानगर की मूल निवासी है और पिछले ९ वर्षों से धवली में निवास कर रही थी। देहत्याग के बाद पू .आजी का चेहरा बहुत तेजस्वी, पीला और शांतिपूर्ण लग रहा था। वातावरण में भी अधिक चैतन्य की अनुभूती आ रही थी।

पुणे के सनातन के १२५ वें संत पू. अरविंद सहस्त्रबुद्धे (आयु ७७ वर्ष) का देहत्याग !

देहत्याग के पश्चात पू. काका का मुखमंडल अत्यंत तेजस्वी दिखाई दे रहा था। वातावरण में भी अधिक चैतन्य और शांति का अनुभव हो रहा था।