कर्नाटक के श्री. सांतप्पा गौडा, श्रीमती कमलम्मा एवं श्रीमती शशिकला किणी संतपद पर विराजमान !

इस अवसर पर पू. रमानंद गौडा ने मार्गदर्शन करते हुए कहा, ‘‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ने कर्नाटक के सभी साधकों को केवल आनंद ही नहीं, अपितु चैतन्य प्रदान करनेवाला शुभ समाचार दिया है ।

सनातन के ६४ वें संत पू . (श्रीमती) शेऊबाई लोखंडे (उम्र 100 वर्ष) इनका देहत्याग !

पू.( श्रीमती) शेऊबाई लोखंडे मांडवगन, तालुका श्रीगोंडा, जिला अहिल्यानगर की मूल निवासी है और पिछले ९ वर्षों से धवली में निवास कर रही थी। देहत्याग के बाद पू .आजी का चेहरा बहुत तेजस्वी, पीला और शांतिपूर्ण लग रहा था। वातावरण में भी अधिक चैतन्य की अनुभूती आ रही थी।

पुणे के सनातन के १२५ वें संत पू. अरविंद सहस्त्रबुद्धे (आयु ७७ वर्ष) का देहत्याग !

देहत्याग के पश्चात पू. काका का मुखमंडल अत्यंत तेजस्वी दिखाई दे रहा था। वातावरण में भी अधिक चैतन्य और शांति का अनुभव हो रहा था।

कोटि-कोटि प्रणाम !

५ अगस्त को हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु चारुदत्त पिंगळेजी का ५७ वां जन्मदिन

त्यागी वृत्ति से युक्त केरल की स्व. (श्रीमती) सौदामिनी कैमल (आयु ८२ वर्ष) संतपद पर विराजमान !

पिछले १ वर्ष से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था । वे अंत तक अखंड नामजप करती थीं । पू. कैमल दादी को केरल के साधक प्रेम से ‘अम्मा’ कहकर बुलाते थे ।

सनातन संस्था के संत पू. भगवंत कुमार मेनरायजी (आयु ८५ वर्ष) ने किया देहत्याग !

मूल फरीदाबाद (हरियाणा) निवासी एवं वर्तमान में रामनाथी स्थित सनातन संस्था के आश्रम में रह रहे सनातन के ४६ वें संत पू. भगवंत कुमार मेनरायजी ने ४ जून २०२४ को सायंकाल ७.१५ बजे देहत्याग किया ।

अंत तक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के अखंड सान्निध्य में रहनेवाले सनातन के ४६ वें (समष्टि) संत पू. (स्व.) भगवंत कुमार मेनरायजी (आयु ८५ वर्ष) !

वे उनके साथ आए प्रत्येक साधक का नाम लेकर मुझे पूछते, ‘क्या उनका भोजन हो गया ?’ यदि मैं एवं हमारे साथ आए साधकों ने भोजन न किया हो, तो वे हमें भोजन करने के लिए कहते ।