संपादकीय : सामर्थ्य… सनातन का !

‘केवल साधना ही करनी है’, ऐसा नहीं; अपितु ‘आध्यात्मिक प्रगति कर आनंदप्राप्ति करनी होती है’, यह समाज को बतानेवाली सनातन संस्था आध्यात्मिक संस्थाओं में से एक ‘आदर्श’ संस्था सिद्ध हुई है ।

सनातन धर्म का अस्तित्व बनाए रहने हेतु प्रयासरत सनातन संस्था !

वैदिक काल के ऋषि-मुनियों ने भौतिक एवं आध्यात्मिक, इन दोनों जीवनों का अच्छा मेल कर स्व-अनुशासित मानवीय समाज का निर्माण किया । ऐसे मानवीय समाज के निर्माण हेतु स्थल-काल का बंधन नहीं है, यह धर्म का मूलभूत सिद्धांत है ।

दिव्य, अलौकिक एवं एकमेवाद्वितीय सनातन संस्था !

‘आनंद (ईश्वर) प्राप्ति हेतु साधना सिखाना’ अध्यात्म का ज्ञान अगाध एवं अनंत है । सामान्य लोगों को वह कठिन लग सकता है अथवा उसमें दी गई उपासनाओं में से निश्चित रूप से कौनसी उपासना करनी चाहिए ?, यह प्रश्न उठता है ।

मैं एक ‘उद्यमी से साधक उद्यमी’ !

‘पितांबरी उद्योग समूह’ का नाम आज महाराष्ट्र के उद्योग जगत में एक सुप्रतिष्ठित हो चुका है । विगत ३५ वर्षाें से अत्यंत स्थिरतापूर्वक प्रगति करते हुए आज ‘पितांबरी उद्योग समूह’ ने वार्षिक ३०० करोड के कारोबार का चरण पार किया है ।

सनातन के आश्रम : रामराज्य की (हिन्दू राष्ट्र की) प्रतिकृति !

हिन्दू राष्ट्र के प्रेरणास्रोत सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के मार्गदर्शन में तैयार सनातन के आश्रमों में अनेक साधकों को चैतन्य, आनंद एवं शांति की अनुभूतियां होती हैं ।

सनातन संस्था के कार्य हेतु ज्ञानबल एवं चैतन्यबल की आपूर्ति करनेवाली सनातन की ग्रंथसंपदा !

सनातन के ग्रंथों में दिए ज्ञानामृत का कार्यान्वयन कर १.२.२०२४ तक १२२ साधकों ने ‘संतपद’ प्राप्त किया है तथा १,०५४ साधक ‘संतपद’ प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर हैं । सनातन के अनेक संत एवं उन्नत साधक धर्मप्रचारक के रूप में सेवारत हैं ।

होली

इस वर्ष २४ मार्च को होली है । होली के दिन अग्निदेवता का तत्त्व २ प्रतिशत कार्यरत रहता है । इस दिन अग्निदेवता की पूजा करने से व्यक्ति को तेजतत्त्व का लाभ होता है ।

संपादकीय : कतर पर प्राप्त विजय !

कतर ने भारत के ८ पूर्व नौसेना अधिकारियों को छोड दिया है । यह भारत सरकार की कूटनीति की विजय है; इसलिए सरकार की अवश्य प्रशंसा करनी ही होगी ।

धर्म की लडाई में अधिवक्ता जैन पिता-पुत्र का योगदान !

‘कुछ ही दिन पूर्व अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के स्थान पर श्रीराममूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा का समारोह संपन्न हुआ । उस विषय में संपूर्ण देश में बहुत बडे स्तर पर आनंदोत्सव मनाया गया । श्रीराम मंदिर हेतु किए गए इस संघर्ष में अनेक लोगों ने अपना योगदान दिया है

अवयस्क बालक के साथ अश्लील व्यवहार करने के प्रकरण में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का निर्णय !

‘एक महिला ने एक अवयस्क बालक को अपने पास रखा तथा उसके साथ बाहर जाकर उसके साथ अश्लील आचरण किया, साथ ही उसे ‘इस विषय में किसी को कुछ न बताने की धमकी दी, ऐसा आरोप अवयस्क बालक की दादी ने बद्दी पुलिस थाने में दी गई शिकायत में लगाया ।