आतंकवादियों से लडाई !
वर्ष २०११ के ९ सितंबर ‘९/११’ को जिस ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ के ‘ट्वीन टॉवर’ पर हुए आतंकवादी आक्रमण में ३ सहस्र से अधिक अमेरिकी नागरिक मारे गए थे, उसका प्रतिशोध अमेरिका ने अंततः १ अगस्त २०२२ को ले ही लिया ।
वर्ष २०११ के ९ सितंबर ‘९/११’ को जिस ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ के ‘ट्वीन टॉवर’ पर हुए आतंकवादी आक्रमण में ३ सहस्र से अधिक अमेरिकी नागरिक मारे गए थे, उसका प्रतिशोध अमेरिका ने अंततः १ अगस्त २०२२ को ले ही लिया ।
इस प्रकरण में केंद्र सरकार ने स्वतंत्र हस्तक्षेप याचिका अथवा आवेदन देकर न्यायालय से यह अनुरोध किया कि नक्सलियों के समर्थक और वामपंथी विचारधारा के लोग बडी मात्रा में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कथित अत्याचार के विरुद्ध झूठी याचिकाएं प्रविष्ट करते हैं ।
जिहाद का अर्थ है ‘तलवार के बल पर आगजनी और बलात्कार करते हुए काफिरों की (गैरमुसलमानों की) अंधाधुंध हत्याएं करते हुए उनकी संपत्ति लूटना और उनकी स्थाई और अन्य संपत्ति हडप लेना !’ वास्तव में देखा जाए तो एक पंथ के रूप में इस्लाम का अध्यात्म के साथ थोडा भी संबंध नहीं है ।
इंग्लैंड की न्यायव्यवस्था ने भी धर्म पर हो रहे ‘लव जिहाद’ का आक्रमण पहचानकर दोषियों को दंड दिया, साथ ही वहां की जनता ने भी उसके विरुद्ध संगठित होकर आंदोलन चलाया ।
लव जिहाद का उद्देश्य हिन्दू वंशवृद्धि का स्रोत नष्ट करना, इस्लामी वंशवृद्धि करना, हिन्दू महिलाओं का तस्करी और आतंकी गतिविधियां चलाने के लिए उपयोग कर भारत का इस्लामीकरण करना है !
केरल में ‘लव जिहाद’ के द्वारा धर्मांतरित हुए लोगों को ४० दिन का प्रशिक्षण देनेवाले ३ इस्लामी केंद्र हैं । इन ३ केंद्रों में एक ही समय में १८० युवतियां रह सकती हैं । यहां इन युवतियों को कुरआन, जिहाद आदि सिखाया जाता है ।
हलाल प्रमाणपत्र की मुद्रा अंकित सभी वस्तुओं को खरीदना अस्वीकार कर हिन्दू भाईयों का व्यवसाय बढे, इस दृष्टि से प्रयास करने होंगे तथा आंदोलन खडा कर संगठित रूप से सरकार के पास परिवाद प्रविष्ट करना होगा ।
आगे दिख रहा ‘लव जिहाद’ का संकट ध्यान में आकर भी हमने स्वयं की लडकी को सतर्क नहीं किया, तो उसके लिए शिक्षक, अभिभावक और हिन्दू नेता दोषी प्रमाणित होंगे ।
धर्मांधों ने अभी तक कांग्रेस सरकार के माध्यम से विभिन्न प्रकार से हिन्दुओं के साथ अन्याय किया और उनका तुष्टीकरण करनेवाला ढोंगी धर्मनिरपेक्षतावाद चलाया । धर्मांधों ने वोटबैंक के बल पर कांग्रेस से यह सब करवा लिया ।
गोवंश की तस्करी, यातायात, गोहत्याएं, सहस्रों अवैध पशुवधगृहों आदि सभी प्रकारों में धर्मांध ही अधिक होते हैं । कानून के होते हुए भी पुलिस उन पर स्वयं कार्यवाही नहीं करती, तो अधिकांश बार उनसे मार खाकर आती है ।