संपादकीय : ‘रिक्लेमिंग भारत’ अत्यावश्यक !

आम हिंदुओं के प्रयासों के साथ-साथ हिंदू धर्म के प्रति समर्पित संगठन एकत्र आकर इन आयोजनों तक ही सीमित न रहकर, हिंदुओं की सुरक्षा के लिए एक सार्वभौमिक ‘हिंदू इकोसिस्टम’ की दिशा में निर्णायक कदम उठाएंगे !

‘डीप स्टेट’ का नया मोहरा ‘सोनम वांगचुक’ !

‘डीप स्टेट’ अर्थात एक छुपी यंत्रणा जो किसी देश को चलानेवालों पर (वहां की सरकार) पर प्रभाव डालकर, स्वयं को अपेक्षित ऐसे नीति-नियम कार्यान्वित करने के लिए सरकार को विवश करती है ।

वास्तुशास्त्र (भवन-निर्माण शास्त्र)

वेदकाल से विकसित वास्तुशास्त्र और विज्ञान के उत्तम उदाहरण, हिन्दुओं के देवालय !

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु हिन्दुओं को सक्रिय करनेवाली ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ का बढता कार्य !

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु हिन्दुओं को संगठित करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति का कोरोना महामारी की आपदा के उपरांत बढते दैवीय कार्याें का लेख यहां दिया है ।

देवतातत्त्व आकृष्ट करनेवाली सनातन-निर्मित सात्त्विक रंगोलियां तथा सात्त्विक चित्रों में देवताओं के यंत्र की भांति सकारात्मक ऊर्जा (चैतन्य) होना

रंगोली ६४ कलाओं में से एक कला है । यह कला आज घर-घर पहुंच गई है । त्योहारों-समारोहों में, देवालयों में तथा घर-घर में रंगोली बनाई जाती है । रंगोली के दो उद्देश्य हैं – सौंदर्य का साक्षात्कार तथा मांगलिक सिद्धि ।

हस्तरेखा विशेषज्ञ सुनीता शुक्ला द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी की हस्तरेखाओं का विश्लेषण !

ऋषिकेश (उत्तराखंड) की हस्तरेखा विशेषज्ञ सुनीता शुक्ला द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी का किया विश्लेषण यहां दे रहे हैं ।

संपादकीय : विनाशकारी संघर्ष : वास्तविकता एवं भविष्य !

परमाणु हथियारों के लालच में विश्व के अनेक राष्ट्र विनाश की खाई में गिरते जा रहे हैं, इस वास्तविकता को जानें !

‘ओपिनियन पोल’ एवं ‘एक्जिट पोल’

‘ओपिनियन पोल’ एवं ‘एक्जिट पोल’ कैसे किए जाते हैं ? उसके लिए प्रतिष्ठान क्या करते हैं ?, इस विषय में कौतुहल होता है । इस लेख के माध्यम से इस विषय पर प्रकाश डालने का किया गया प्रयास !

आदर्श प्राचीन भारतीय न्याय व्यवस्था !

‘आत्मा, शरीर, इंद्रिय, अर्थ, बुद्धि, ज्ञान, सिद्धि, मन, वृत्ति, दोष, भूत, परिणाम एवं न्यायसूत्र के विषयों पर लिखनेवाले गौतम ऋषि ने कहा, ‘दुःख जन्मप्रवृत्तिदोष मिथ्याज्ञान मुत्तरोत्रापे तदन्तर पयदापा वर्गः ।’

छठ पूजा (७ नवंबर)

छठ पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाई जाती है । यह चार दिवसीय त्योहार होता है, जो चतुर्थी से सप्तमी तक मनाया जाता है । इसे कार्तिक छठ पूजा कहा जाता है ।