सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘ब्राह्मण और गैर-ब्राह्मण विवाद निर्माण करनेवालों ने हिन्दुओं में भेदभाव उत्पन्न किया । इस कारण हिन्दुओं और भारत की स्थिति दयनीय हो गई है । अतः भेदभाव करनेवाले राष्ट्रद्रोही एवं धर्मद्रोही हैं !
‘ब्राह्मण और गैर-ब्राह्मण विवाद निर्माण करनेवालों ने हिन्दुओं में भेदभाव उत्पन्न किया । इस कारण हिन्दुओं और भारत की स्थिति दयनीय हो गई है । अतः भेदभाव करनेवाले राष्ट्रद्रोही एवं धर्मद्रोही हैं !
लव जिहाद का वास्तव अस्वीकार कर कर्नाटक की युवतियों और महिलाओं की सुरक्षा से खिलवाड करनेवाले कर्नाटक के गृहमंत्री ! ऐसे राज्यकर्ताओं के राज्य में लव जिहाद की घटनाएं होकर युवतियों का जीवन ध्वस्त होगा, तो कोई आश्चर्य नहीं लगना चाहिए !
राष्ट्रद्वेषी ममता बनर्जी के कारण बंगाल का बांग्लादेश की दिशा में मार्गक्रमण रोकने हेतु केंद्र सरकार एवं भारतवासी सक्रिय हों !
वक्फ बोर्ड जैसा भयानक कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश, ईरान, तुर्की जैसे किसी भी इस्लामी राष्ट्र में नहीं है; परंतु जहां हिन्दू बहुसंख्यक हैं, उस भारत में लागू है । इस कानून के कारण वक्फ बोर्ड के पास, रक्षा विभाग एवं रेल विभाग के पास जितनी प्रचंड भूमि का स्वामित्व है, उसके नीचे तीसरे क्रम की भूमि का स्वामित्व है । वर्तमान समय में वक्फ बोर्ड के पास भारत की ८ लाख ६५ सहस्र ६४६ एकड भूमि का स्वामित्व है, ऐसा बताया जाता है ।
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन जी अधिवेशन अथवा अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में भगवान श्रीकृष्ण तथा सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी को प्रणाम कर ही अपना भाषण आरंभ करते हैं । उनकी गुणविशेषताएं यहां दी हैं ।
सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्यायजी की रामनाथी, गोवा स्थित सनातन आश्रम को सदिच्छा भेंट !
झारखंड में समाज के विविध घटकों के लिए ‘तनाव नियंत्रण’ विषय पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन
‘हम आपको मार डालेंगे’, ‘हम आप पर कुछ करोड रुपए का आर्थिक दंड लगाएंगे’, इस प्रकार की भाषा सडक पर चलनेवाले झगडों में सुनने को मिलती है; परंतु ऐसी भाषा का प्रयोग यदि न्यायालय में किया जाता है, तो क्या वह उचित है ?’ कुल मिलाकर भारत में जब ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना होगी, उस समय न्यायाधीश रामशास्त्री प्रभुणे को अपेक्षित न्यायतंत्र बनाया जाएगा !’
यह सीतामाता की जन्मभूमि है, इस पर मुझे गर्व है; परंतु इस जिले का नाम पूछा जाए, तो दुर्भाग्यवश मुझे ‘मुजफ्फरपुर’ बताना पडता है, इसका मुझे बहुत बुरा लगता है; क्योंकि यह नाम एक विदेशी आक्रांता के नाम पर आधारित है ।
बच्चों को विद्यालय ले जाने हेतु स्टील अथवा अच्छी प्लास्टिक की बोतलें दें, जिन्हें प्रतिदिन स्वच्छ करना आवश्यक है; क्योंकि बच्चे बोतल को मुंह लगाकर पानी पीते हैं ।