संपादकीय : विनाशकारी संघर्ष : वास्तविकता एवं भविष्य !

परमाणु हथियारों के लालच में विश्व के अनेक राष्ट्र विनाश की खाई में गिरते जा रहे हैं, इस वास्तविकता को जानें !

‘ओपिनियन पोल’ एवं ‘एक्जिट पोल’

‘ओपिनियन पोल’ एवं ‘एक्जिट पोल’ कैसे किए जाते हैं ? उसके लिए प्रतिष्ठान क्या करते हैं ?, इस विषय में कौतुहल होता है । इस लेख के माध्यम से इस विषय पर प्रकाश डालने का किया गया प्रयास !

आदर्श प्राचीन भारतीय न्याय व्यवस्था !

‘आत्मा, शरीर, इंद्रिय, अर्थ, बुद्धि, ज्ञान, सिद्धि, मन, वृत्ति, दोष, भूत, परिणाम एवं न्यायसूत्र के विषयों पर लिखनेवाले गौतम ऋषि ने कहा, ‘दुःख जन्मप्रवृत्तिदोष मिथ्याज्ञान मुत्तरोत्रापे तदन्तर पयदापा वर्गः ।’

छठ पूजा (७ नवंबर)

छठ पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाई जाती है । यह चार दिवसीय त्योहार होता है, जो चतुर्थी से सप्तमी तक मनाया जाता है । इसे कार्तिक छठ पूजा कहा जाता है ।

देवदीपावली

कुलस्वामी, कुलस्वामिनी एवं इष्टदेवता के अतिरिक्त अन्य देवताओं की पूजा भी वर्ष में किसी एक दिन करना तथा उनको भोग प्रसाद अर्पण करना आवश्यक होता है । यह इस दिन किया जाता है ।

तुलसी विवाह

तुलसी विवाह यह विधि कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक किसी भी दिन करते हैं ।

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का छायाचित्रमय (फोटोवाला) जीवनदर्शन’ ग्रंथ में प्रचुर मात्रा में चैतन्य होना

इन ग्रंथों को पढते समय साधक भावविभोर हो जाते हैं तथा भावविश्व में रम जाते हैं । अनेक लोगों ने इन ग्रंथों में प्रकाशित छायाचित्रों एवं लेखों से प्रचुर मात्रा में चैतन्य प्रक्षेपित होने की अनुभूति की है ।

हस्तरेखा विशेषज्ञ सुनीता शुक्ला द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी की हस्तरेखाओं का किया गया विश्लेषण !

ऋषिकेश (उत्तराखंड) की हस्तरेखा विशेषज्ञ सुनीता शुक्ला के द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी की हस्तरेखाओं का किया गया विश्लेषण यहां दे रहे हैं

विशेष संपादकीय : ‘रिक्लेमिंग भारत’ अत्यावश्यक !

 हिन्दू धर्मरक्षण के लिए हिन्दूवादी विचारकों के वैचारिक उद्बोधन को सर्वत्र हिन्दू कृति में लाएं, ऐसी अपेक्षा !

विशेष संपादकीय : निर्णायक ‘बीबीसी ट्रायल’ !

भारत के संदर्भ में झूठे कथानक फैलानेवालों के लिए वैचारिक विष (जहर) की आपूर्ति करने में ‘बीबीसी’ क्रमांक एक पर है । भारत अर्थात निर्धनों का, लाचार जनता का एवं ‘शैतानी धर्म’ (सनातन धर्म) का, इस प्रकार विकृत एवं निराधार तस्वीर उसने प्रस्तुत की है ।