राष्ट्रोद्धार के लिए लाखों युवाओं को तैयार करने वाले व्रतस्थ पू. संभाजीराव भिडेगुरुजी ! 

पू. भिडेगुरुजी के संपर्क में आने से पहले अनेक युवाओं को देव, देश, धर्म के प्रति जागरूकता नहीं थी । मंडल के नाम पर कार्यकर्ताओं को मौजमस्ति करना इतना ही पता होता था; पर पू. गुरुजी के सहवास से यह सब बदल जाता है ।

हिन्दू राष्ट्र निर्मिति के लिए वीर सावरकर समान विचारधारा के प्रचार का कार्य हाथ में लेनेवाले श्री. दुर्गेश परुळकर !

श्री. परुळकर वर्ष १९७७ से शैक्षिक और सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत हैं । उन्होंने आज तक विविध विषयों पर २,५०० से अधिक व्याख्यान दिए हैं ।

हिन्दुत्व, संस्कृति एवं स्वभाषा की रक्षा हेतु सदैव सफलतापूर्वक वीर योद्धा की भूमिका सफलतापूर्वक निभानेवाले गोवा के प्रा. सुभाष वेलिंगकर !

फ्रांसिसत जेवियर को गोवा में पोर्तुगीज साम्राज्य को सशक्त बनाने तथा किसी भी प्रकार से गोवा के हिन्दुओं के धर्मांतरण को गति दिलाने के लिए भेजा गया था तथा वह पोर्तुगीजों का कटिबद्ध बिचौलिया हस्तक था ।

अधिवक्ताओं का संगठन कर उन्हें समाज एवं राष्ट्र कार्य में सम्मिलित करनेवाले मुंबई के अधिवक्ता प्रकाश साळसिंगीकर !

कानून की पदवी प्राप्त कर केवल स्वयं ही नहीं, अपितु युवा अधिवक्ताओं को भी निरपेक्षता से समाज एवं राष्ट्र कार्य से जोडकर लिया है । अधिवक्ता प्रकाश साळसिंगीकर का कार्य केवल महाराष्ट्र में ही नहीं, अपितु राष्ट्रीय स्तर पर भी अनोखा है ।

हिन्दू धर्म, मंदिरों की रक्षा के साथ ‘लव जिहाद’के विरोध में तथा जातिभेद मिटाने के लिए कार्य करनेवाले कर्नाटक के प्रखर वक्ता श्री. चक्रवर्ती सुलीबेले !

श्री. चक्रवर्ती सुलीबेले के मार्गदर्शन में युवा ब्रिगेड ने देशभर में समाज और धर्म जागृति का कार्य किया है । उन्होंने युवकों में राष्ट्रभक्ति एवं सेवाभाव निर्माण किया है । संपूर्ण राज्य में सैकडों मंदिरों का जीर्णोद्धार हुआ ।

अनेक माध्यमों से भारतीय प्राचीन संस्कृति का प्रचार करने वाली दिल्ली की प्रख्यात ‘इंडोलॉजिस्ट’ प्रो. डॉ. शशिबाला !

प्रख्यात ‘इंडोलॉजिस्ट’ (भारतविद), ‘भारतीय विद्या भवन’ के ‘के.एम्. मुंशी सेंटर फॉर इंडोलॉजी’ की अधिष्ठाता, दिल्ली स्थित भारतीय विद्या भवन की मुख्य आचार्य रघु वीरा प्रो. डॉ. शशिबाला इन विविध माध्यमों से भारतीय संस्कृति, यहां के प्राचीन शास्त्रों का प्रचार-प्रसार कर रही हैं । उनके कार्य की व्याप्ति एवं संक्षिप्त परिचय यहां देखते हैं ।

भारत के गौरवशाली हिन्दू इतिहास को पुनर्जीवन देनेवाले डॉ. विक्रम संपत !

कर्नाटक के बेंगलुरू में स्थित डॉ. विक्रम संपत एक लोकप्रिय इतिहासकार तथा लेखक हैं । वर्ष २०२१ में प्रसिद्ध ‘रॉयल हिस्टॉरिकल सोसाइटी’का ‘फेलो’के रूप में उनका चयन हुआ ।

कर्नाटक विधान परिषद की पूर्व सदस्या डॉ. एस्.आर्. लीला : हिन्दू संस्कृति की रक्षा का कार्य करनेवाली आधुनिक रणरागिनी !

डॉ. लीला का जन्म १७ जनवरी १९५० को कर्नाटक के कोलार जिले के मालूर तहसील में स्थित संपंगेरे गांव में हुआ । उन्होंने संस्कृत में एम्.ए. एम्.फील एवं पीएच. डी की उपाधियां प्राप्त की ।

कट्टरवादी विचारधारा की ओर मुड़े ८ सहस्त्र से अधिक युवक-युवतियों को सनातन धर्म में वापस लानेवाले केरल के आचार्यश्री के.आर. मनोज !

युवा पीढ़ी का बौद्धिक तथा नैतिक धैर्य विकसित किए जाने पर ही वह सभी प्रकार के संकटों का सामना कर सकती है !

‘गोमाता ही सबकुछ करती है’, इस भाव से गोवा राज्य की सबसे बडी गोशाला चलानेवाले श्री. कमलाकांत तारी !

श्री. कमलाकांत तारी ‘गोमंतक गौसेवक महासंघ, गोवा’ द्वारा संचालित मये, डिचोली के सिकेरी में गोशाला चलाते हैं । वर्ष २०१५ में केवल २ गायों से आरंभ की गई गोशाला में वर्तमान में ५ सहस्र ५०० गोवंश है । गोवा राज्य की यह सबसे बडी गोशाला है ।