भारत से एक कदम आगे ?
यदि सरकारी स्तर पर क्रांतिकार्य किया गया, तो उससे स्वर्णिम युग आने में समय नहीं लगेगा, यह जानकर कमर कसना समय की मांग है !
यदि सरकारी स्तर पर क्रांतिकार्य किया गया, तो उससे स्वर्णिम युग आने में समय नहीं लगेगा, यह जानकर कमर कसना समय की मांग है !
महाराष्ट्र में ८० लाख, जबकि देश में १० करोड बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठिए हैं। उन्होंने सडकों पर किए जानेवाले सभी व्यवसायों पर अपना नियंत्रण प्राप्त किया है। अनेक महत्वपूर्ण स्थानों पर उनकी अवैध झोपडियां हैं।
‘व्यवस्था नरबलि लेती है’, यह सत्य ही है । इस लेख में हम इसी की चर्चा करेंगे । उसका आरंभ वर्ष १९४७-४८ में हुआ । किसी देश का स्वतंत्र होना, वास्तव में कितनी आनंद की बात होती है; परंतु हमारे देश को स्वतंत्रता मिलने के समय ही धर्म के आधार पर उसके २ टुकडे किए गए । उस समय भडके दंगों में लाखों हिन्दुओं को अपने प्राण गंवाने पडे थे ।
निर्माण कार्य जैसी कृति (वास्तु का निर्माण) सेवाभाव से की, तो उस निर्माण कार्य में बहुत सात्त्विकता उत्पन्न होती है !
‘तमिलनाडु के कोयंबतूर में वेल्लियांगगिरी पर्वतशृंखलाएं हैं । वहां शिवजी की पौराणिक निवासस्थली है । उसका महत्त्व भी कैलाश पर्वत की भांति ही है । वह आध्यात्मिक दृष्टि से शक्तिशाली स्थान है । इस स्थान पर योगगुरु एवं सद्गुरु जग्गी वासुदेवजी ‘ईशा फाउंडेशन’ नामक संस्था चलाते हैं ।
‘एक सामान्य व्यक्ति भी रोगी की सहायता कर सकता है’, यह सभी को ज्ञात हो; इस विषय में उद्बोधन करना समय की मांग है ।
फिल्म प्रदर्शित होने से पूर्व उसके संबंध में कुछ विवाद उत्पन्न हुए थे; परंतु फिल्म के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने इस फिल्म में गलत इतिहास रखने की अपेक्षा उन्होंने लोगों के सामने एक महान राजा का जीवनचरित्र पहुंचाने का प्रामाणिक प्रयास किया है !
पंचकर्म चिकित्सा लेने पर दोष बाहर निकलने के कारण आनेवाली अशक्तता उचित है । उसका कुछ समय के लिए आना तथा उसके उपरांत शरीर में हल्कापन, बीमारी का नाश तथा स्वास्थ्यलाभ अपेक्षित है ।
‘आधुनिक जीवनशैली के कारण उत्पन्न होनेवाली शारीरिक समस्याओं का ‘व्यायाम’ एक प्रभावी उपाय है । प्राचीन ग्रंथों में दिया गया व्यायाम का तत्त्वज्ञान आज भी उतना ही उपयुक्त है तथा हम उससे प्रेरणा ले सकते हैं । इस लेख में हम ‘स्त्रियों के व्यायाम करने का महत्त्व तथा स्त्री एवं पुरुष का शारीरिक सामर्थ्य !’ के विषय में समझ लेंगे ।
इस वर्ष ३० मार्च २०२५ को नवसंवत्सर अर्थात गुडी पडवा है । इस मंगल दिवस के उपलक्ष्य में हम नववर्षारंभ के संबंध में अधिक जानकारी लेंगे । नवसंवत्सर के विषय में सामान्य प्रश्न तथा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे द्वारा उनके दिए उत्तर –