केरल की इस्लामी संस्था में पढाई जाती है गीता और उपनिषद !
यदि कट्टर मुसलमान अब इस इस्लामी संस्था के प्रशंसनीय पाठ्यक्रम पर हमला करना शुरू कर दें तो चौंकिए मत !
यदि कट्टर मुसलमान अब इस इस्लामी संस्था के प्रशंसनीय पाठ्यक्रम पर हमला करना शुरू कर दें तो चौंकिए मत !
मुसलमान संगठनों की ओर से टिप्पणी की जा रही है तथा उन्होंने ऐसा प्रश्न पूछा है कि, ‘मुसलमान छात्राओं को विद्यालय और महाविद्यालय परिसर में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाया जाता है; तो श्री गणेशचतुर्थी मनाने की अनुमति क्यों दी जाती है ?’
देश के एक भी हिन्दू ने अभी तक कभी भी हिन्दू होने का बताकर तिरंगा फहराने से और उसे वंदन करने से मना किया है क्या ? परंतु अन्य धर्मियों के द्वारा अनेकों बार विरोध करने के साथ ही साथ इसका अनादर भी किया गया है और अभी भी जारी है ।
मुगलों ने हिन्दुओं पर जो अत्याचार किए, उसका इतिहास विद्यालयीन पाठ्यक्रम में सिखाया जाना चाहिए । छत्रपति शिवाजी महाराज ने किस प्रकार से अफजल खान का वध किया और शाहिस्ते खान की उंगलियां काट दीं, यह हिन्दुओं के पराक्रम का इतिहास युवा पीढी को सिखाया जाना चाहिए ।
गढवा (झारखंड) के एक विद्यालय में ७५ प्रतिशत मुसलमान विद्यार्थी हैं । इसलिए पाठशाला में इस्लामी नियम लागू करने के लिए मुसलमानों ने प्रधानाध्यापक पर दबाव डाला, तथा विद्यार्थियों को हाथ जोडकर प्रार्थना करने से रोका । क्या ‘जमियत-उलेमा-ए-हिन्द’ ने कभी इसके विरुद्ध याचिका प्रविष्ट की है ?
लडकों एवं लडकियों के बीच डाला पर्दा सामाजिक माध्यमों द्वारा टीका-टिप्पणी थ्रिशूर (केरल) – अफगानिस्तान के तालिबान समान यहां के ‘विस्डम’ नामक संगठन ने इस्लामी संगठन के धर्मोपदेशक अब्दुल्ला बसिल के एक इस्लामी गुट ने यहां के सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय में आयोजित की हुई बैठक में ‘तालिबानी पद्धति’ अनुसार लडके एवं लडकियों के बीच पर्दा … Read more
भाजपा शासित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी ऐसी ठोस भूमिका लेकर सच्चे अर्थ से विकास करना चाहिए !