मॉरिशस में छत्रपति शिवाजी महाराज के १२ फुट ऊंचे अश्वारूढ पुतले का अनावरण !

मॅारिशस के प्रधानमंत्री प्रवींदकुमार जगन्नाथ तथा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुतले का अनावरण किया । इस समय पूरा परिसर शिवाजी महाराजजी के जयघोष से गूंज उठा था ।

असम में ६०० मदरसे बंद किए एवं अन्य सभी बंद करने का मानस !

यदि असम के मुख्य मंत्री ऐसा कर सकते हैं, तो अन्य राज्यों के मुख्य मंत्री क्यों नहीं  ?

अतिक्रमण हटाकर गढ-किलों के संवर्धन के लिए महामंडल गठित करने की मांग राज्य सरकार ने स्वीकार की !

स्वधर्म बचाने तथा स्वराज्य की रक्षा करने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने सैनिकों के साथ प्राणों को दांव पर लगाकर ५ बादशाहों के साथ लडाई की । उसमें गढ-किलों ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

साम्यवादी छात्र संगठन ने जेएनयू में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाने का किया विरोध !

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनादर !

कैलिफोर्निया (अमेरिका) में छत्रपति शिवाजी महाराज के एकमात्र पुतले की चोरी !

अमेरिका में कैलिफोर्निया के सेन्ट जान्स उद्यान से छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले की चोरी होने की घटना हुई है । इस पुतले को काटकर चोरी किया गया है । पुलिस इस घटना की जांच कर रही है ।

गोहत्यासहित राष्ट्र की प्रत्येक समस्या का शाश्वत समाधान – धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की (आदर्श रामराज्य की) स्थापना !

‘केवल गोहत्याबंदी कानून करना पर्याप्त नहीं है, अपितु देश में गोपालक राज्यकर्ता होना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है ।’ ऐसे राज्यकर्ता मिलने के लिए धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र नहीं, अपितु धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए !

पाठ्यपुस्तक में भारत के तेजस्वी इतिहास का समावेश करने का ठराव हिन्दू राष्ट्र संसद में एकमत से संमत !

मुगलों ने हिन्दुओं पर जो अत्याचार किए, उसका इतिहास विद्यालयीन पाठ्यक्रम में सिखाया जाना चाहिए । छत्रपति शिवाजी महाराज ने किस प्रकार से अफजल खान का वध किया और शाहिस्ते खान की उंगलियां काट दीं, यह हिन्दुओं के पराक्रम का इतिहास युवा पीढी को सिखाया जाना चाहिए ।

आगामी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में गोवा का महत्त्व !

जब मैं गोवा से लौट रहा था, तो मेरे मन में एक विचार आया कि भविष्य में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए गोवा का महत्त्व बहुत अधिक होगा; क्योंकि यदि हम छत्रपति शिवाजी महाराज के समय को देखें तो पाएंगे कि उन्होंने इतना बडा साम्राज्य खडा किया था; परंतु इसका आरंभ एक छोटी सी जगह से हुआ था ।

राष्ट्र के प्रति कर्तव्य निभाकर राष्ट्राभिमानी बनें !

हमारे राष्ट्र के तेजस्वी इतिहास और श्रेष्ठतम संस्कृति को हम समझ लेंगे, तो हममें हमारे राष्ट्र के प्रति अभिमान जागृत होगा । राष्ट्र के प्रति अभिमान होगा, मन में राष्ट्रप्रेम होगा, तो राष्ट्र के प्रतीकों के प्रति भी हमारे मन में आदर रहेगा ।