स्वबोध, मित्रबोध एवं शत्रुबोध
धर्मशिक्षा लेनेवाला तथा धर्माचरण करनेवाला हिन्दू व्यक्ति जब स्वबोध कर लेगा, उस समय रामराज्य की (हिन्दू राष्ट्र की) स्थापना करना सहजता से होगा संभव !
धर्मशिक्षा लेनेवाला तथा धर्माचरण करनेवाला हिन्दू व्यक्ति जब स्वबोध कर लेगा, उस समय रामराज्य की (हिन्दू राष्ट्र की) स्थापना करना सहजता से होगा संभव !
मायनाक भंडारी ने हिन्दू स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी थी । पत्र में नार्वेकर ने कहा कि उनकी वीरता के स्मरण में ‘अलीबाग’ शहर तथा ‘अलीबाग’ तालुका का नाम ’मायनाकनगरी’ रखा जाना चाहिए ।
अब सरकार को ये आभूषण वैसे ही हैं न, इसकी आश्वस्तता कर श्रद्धालुओं को उसकी जानकारी देनी चाहिए !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज ने सबसे पहले यह अनुभव किया था कि किसी देश के लिए समुद्री शक्ति कितनी महत्त्वपूर्ण होती है । उन्होंने ही भारतीय नौसेना की नींव रखी थी । ‘समुद्र पर जिसका प्रभुत्व, वही सर्वशक्तिमान व्यक्ति,’ यह बात उन्होने पहचानी ।
अब इस पर कथित धर्मनिरपेक्षतावादी राजनैतिक पार्टियां, साम्यवादी एवं आधुनिकतावादी टोली चिल्लाना आरंभ कर दें कि भारतीय नौसेना का भगवाकरण हो रहा है, तो इसमें आश्चर्य कैसा !
भारतीय नौसेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ४ दिसंबर की दोपहर सिंधुदुर्ग जिले में पहुंचे । राजकोट में मालवन के समुद्र तट पर छत्रपति शिवाजी महाराज की ४५ फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया ।
श्री दुर्गामाता दौड के लिए सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी एवं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी की वंदनीय उपस्थिति का लाभ हुआ ।
असम के महान हिन्दू योद्धा लचित बरफुकन का भी जीवनचरित्र इस प्रकार के महानाट्य के रूप में विश्व के सामने लाने का विचार !
जो एक विदेशी पत्रकार को समझ में आता है, वह निद्राधीन हिन्दुओं की समझ में नहीं आता, यह दुर्भाग्यपूर्ण ! यदि कोई कहे ‘ऐसे हिन्दू मार खाने के ही योग्य हैं’, तो यह गलत नहीं होगा !
इसी बघनखा द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज ने उनसे धोखा करने वाले अफजलखान की आंतें बाहर निकाली थीं ।