Gujarat HC On Bhagavad Gita : स्कूलों में भगवद गीता पढ़ाना नैतिकता सिखाने जैसा है ! – गुजरात उच्च न्यायालय
भगवत गीता पढ़ाने के विरुद्ध याचिका निरस्त !
भगवत गीता पढ़ाने के विरुद्ध याचिका निरस्त !
वास्तव में प्रशासन को ऐसी गलत बातों पर ध्यान देना चाहिए । यदि हिंदुओं ने इस पर ध्यान नही दिया होता, तो यह सिलसिला जारी रहता। अत: प्रशासन में संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए !
मुख्यमंत्री श्री सरमा ने आगे कहा, “हम हिन्दू साम्प्रदायिक नहीं हैं। जब संविधान बनाया जा रहा था, तो संविधान सभा के सभी सदस्य हिन्दू थे। हम यह कह सकते थे कि देश में मंगलवार को छुट्टी होनी चाहिए; लेकिन हमने ऐसा नहीं किया।
विद्यार्थियों द्वारा विद्यालय में अर्जित ज्ञान का उपयोग यह दर्शाता है कि विद्यालय में उन्हें नैतिक मूल्यों की शिक्षा एवं संस्कार नहीं दिये गये हैं। ऐसी शिक्षा का क्या लाभ ?
ऐसा आदेश देने के लिए भोपाल भारत में है अथवा पाकिस्तान में ? मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के रहते ऐसी रोक लगाने का साहस किसी को कैसे होता है ?
सुप्रीम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ की अध्यक्षता के नीचे ७ न्यायाधीशों की खंडपीठ ने राज्य में अलीगढ़ में ‘अलीगढ़ मुस्लिम विद्यापीठ’ को दी गई ‘अल्पसंख्यक संस्थान’ की श्रेणी को स्थिर रखा है ।
मूल में इन देशों के राजदूतों के व्याख्यानों का आयोजन ही क्यूं किया गया था ? आजकल इनमें से २ देशों में युद्ध चल रहा है तथा तीसरा देश युद्ध की कगार पर है ।
युद्ध कुटनीति एवं शासन कुशलता पर अनुसंधान होगा !
‘स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया’ (SIO) ने ‘शाळा-महाविद्यालयांत कुराणाचे मार्गदर्शन’ (विद्यालयों और कॉलेजों में कुरान की शिक्षा) के तहत एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है।
ध्यान दें कि मुसलमान चाहे कितना भी सीख लें और ऊंचे पदों पर पहुंच जाएं, वे धर्म के लिए अधिक सोचते हैं !