बंगलुरू – यहां विद्यालयों में विद्यार्थियों द्वारा भ्रमणभाष लाने की शिकायत मिलने के उपरांत विद्यालय प्रशासन ने ८ वीं से १० वीं के विद्यार्थियों के बैग जांचने का अभियान चालू किया । बैग जांचने पर उनमें से निरोध, सिगरेट, लाइटर, व्हाइटनर आदि सामान मिले । शिक्षा मंडल के महासचिव डी. शशि कुमार ने लगभग ८० विद्यालयों में जांच की । एक विद्यार्थी के बैग में गर्भनिरोधक गोलियां, साथ ही पानी की बोतल में दारू मिली । १० वीं में पढने वाली छात्रा के बैग में निरोध मिले । जब उससे इस विषय में पूछा तब उसने बताया, ‘जहां मैं पढने जाती हूं उस स्थान के लोग इसके लिए दोषी हैं ।’ इन प्रकरणों के कारण शिक्षकों सहित अभिभावक भी आश्चर्यचकित हुए हैं । इसके उपरांत कुछ विद्यालयों ने अब अभिभावकों और शिक्षकों की बैठक बुलाई है । साथ ही अभिभावकों *को? अपनी लडकियों से बात करनी चाहिए, ऐसी सूचना कुछ विद्यालयों ने दी है ।
From #condoms to #ContraceptivePills, how surprise bag checks at #Bengaluru schools left authorities shockedhttps://t.co/BWaSyUvkfm
— DNA (@dna) November 30, 2022
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ए. जगदीश ने कहा कि, विद्यार्थी जिस समस्या का सामना कर रहे हैं उससे इन्हें बाहर निकालने के लिए संघर्ष करना होगा । मां-बाप को बच्चों की ओर ध्यान देना चाहिए । एक प्रकरण में १४ वर्षीय लडके के जूते से निरोध मिले । कुछ बच्चे धूम्रपान, नशीले पदार्थ और यौन सुख आदि का प्रयोग करते हैं । मां-बाप को बच्चों के साथ चर्चा करनी चाहिए । उनसे बात करनी चाहिए ।
संपादकीय भूमिकाबच्चों पर संस्कार करने के लिए अभिभावक उनको विद्यालय में भेजते हैं; लेकिन वे वहां क्या करते हैं, यह इस घटना से ध्यान में आता है । घर, विद्यालय और समाज में बच्चों पर योग्य संस्कार होने के लिए प्रयास करने के लिए वहां वैसा वातावरण भी निर्माण करने की आवश्यकता है ! |