गुरुदेवजीकी असीम कृपा ।
आपकी असीम कृपा पाकर धन्य हूं मैं । छोटा हो या बडा, हर संकट को टाला ।
कैसी भी हो स्थिति, हर स्थिति में संभाला । आपकी असीम कृपा पाकर धन्य हूं मैं ।। १ ।।
आपकी असीम कृपा पाकर कृतज्ञ हूं मैं ।
जैसे मेरे मन की बात, सुन लेता है आपका मन ।
वैसे आप चाहें जैसे, हमेशा बनी रहे मेरी लगन ।
आपकी असीम कृपा पाकर कृतज्ञ हूं मैं ।। २ ।।
आपकी असीम कृपा पाकर जीवित हूं मैं ।
बहुत नासमझियां कीं मैंने, फिर भी आपने अपनाया ।
जब कोई नहीं था, तो आपके हाथों ने मुझे थामा ।
आपकी असीम कृपा पाकर जीवित हूं मैं ।। ३ ।।
आपकी असीम कृपा पाकर शरणागत हूं मैं ।
मन में भक्ति की ज्योत कभी कम ना हो ।
आपको याद ना करूं, ऐसा कोई क्षण ना हो ।
आपकी असीम कृपा पाकर शरणागत हूं मैं ।। ४ ।।
– अधिवक्त्या (श्रीमती) अमिता सचदेवा, देहली (९.११.२०२०)