अक्षयकुमार को भगवान शिवजी के रूप में अनुचित पद्धति से दिखानेवाले चलचित्र ‘ओ.एम.जी. -२’ का ‘टीजर’ प्रदर्शित !

अन्य पंथियों के श्रद्धास्थानों को अनुचित पद्धति से दिखाने का साहस चलचित्र निर्माताओं में है क्या ?

सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की आयु १६ वर्ष होनी चाहिए !

यदि लडके-लडकियों को बचपन से ही साधना सिखाई जाए तो उनकी बुद्धि सात्विक हो जाएगी और वे अनुचित कार्य नहीं करेंगे ! शासन को इसके लिए प्रयास करना चाहिए !

सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की एकत्रित ‘हिन्दू हेल्पलाइन’ होना आवश्यक ! – डॉ. विवेक शील अगरवाल, देहली

हिन्दुओं के लिए भले ही स्वर्णिम काल लगता हो, तब भी हमारे शत्रु की तैयारी हमसे अनेक गुना अधिक है, इसे हमें ध्यान में लेना होगा । आज सभी बाजुओं से हिन्दुओं पर आघात हो रहे हैं ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी के विचारों से कार्य करना चाहिए ! – रणजीत सावरकर, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक

आज का संघर्ष तलवार के जोर पर नहीं है, अपितु आर्थिक संघर्ष चल रहा है । ‘हलाल जिहाद’ मुसलमानों का आर्थिक संघर्ष है । हिन्दुत्व केवल उपासना-पद्धति नहीं, अपितु हिन्दुत्व राष्ट्रीयत्व है ।

आक्रांताओं द्वारा ध्वस्त किए गए देश के सभी मंदिरों का सरकार पुनरोद्धार करे !

संस्कृति की रक्षा होने के लिए मंदिरों को संजोया जाना चाहिए । इसके लिए गोवा में गोमंतक मंदिर महासंघ काम कर रहा है, जबकि महाराष्ट्र में महाराष्ट्र मंदिर महासंघ कार्य कर रहा है ।

(…. और इनकी सुनिए) ‘समान नागरी कानून प्रथम हिन्दू धर्म पर लागू करें !’ – द्रमुक के नेता टी.के.एस्. एलंगोवन

स्वयं को नास्तिकतावादी कहलवानेवाले द्रमुकवालों से इससे भिन्न और क्या अपेक्षा की जा सकती है ?

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदेजी को ‘सांस्कृतिक योद्धा’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया !

राष्ट्र और भारतीय संस्कृति को कुटिल दृष्टि से देखने वालों के विरुद्ध संवैधानिक रूप से सतत संघर्षरत हिन्दू-द्वेषी चित्रकार एम.पी. हुसैन और डॉ. जाकिर नाइक के राष्ट्र विरोधी और असामाजिक स्वरूप को जनसामान्य के समक्ष उजागर करने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए पुस्तकें लिखने के लिए श्री. रमेश शिंदे को यह पुरस्कार दिया गया।

अभिव्यक्तिस्वतंत्रता की दिशा भारतविरोधी शक्तियों ने निर्धारित की है ! – चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

शबरीमला मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश के लिए अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का सूत्र उपस्थित किया जाता है; परंतु अन्य धर्मियों के विषय में ये अभिव्यक्ति स्वतंत्रतावाले मौन साध जाते हैं,

सनातन धर्म की ज्ञान परंपरा (ब्राह्मतेज) एवं शौर्य परंपरा (क्षात्रतेज) का पालन होना आवश्यक ! – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक संत, हिन्दू जनजागृति समिति

देश को स्वतंत्रता मिलने के उपरांत पंडित एवं महात्माओं ने सर्वधर्मसमभाव का नैरेटिव (कथानक) भारतीयों पर थोपा । उसने संपूर्ण हिन्दू धर्म को घेर लिया । सनातन धर्म के ज्ञान की परंपरा (ब्राह्मतेज) एवं शौर्य परंपरा (क्षात्रतेज) का पालन होना चाहिए ।

धर्मांतरितों का शुद्धिकरण करने के उपरांत उसे कानूनी वैधता प्राप्त होने के लिए आवश्यक कागदपत्रों की पूर्तता करें ! – अधिवक्ता नागेश जोशी, सचिव, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, गोवा

हिन्दुओं के अन्य पंथ में धर्मांतरण होने के कागदपत्र मिलते हैं; परंतु हिन्दू धर्म में ‘घरवापसी’ करने के कागदपत्र अधिकतर नहीं मिलते; इसलिए कागदपत्रीय जानकारी इकट्ठा करने का महत्त्व होता है ।