अखंड ज्योतिस्वरूप कांगडा, हिमाचल प्रदेश की श्री ज्वाला देवी !

हिमाचल प्रदेश में श्री ज्वालादेवी का मंदिर देश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से तथा ५१ शक्तिपीठों में से एक है ।

ज्योतिषी ईश्वर का दूत है । उसे सदैव यह भाव रखना चाहिए कि ‘मैं दैवी कार्य कर रहा हूं !’ – पू. डॉ. ॐ उलगनाथन्जी, जीवनाडी-पट्टिका वाचक

सभी ज्योतिषी एकत्रित हुए, तो हमें एक-दूसरे से सीखने को मिलेगा तथा उससे संगठित भाव उत्पन्न होगा । ‘भगवान ने मनुष्य को ज्योतिषशास्त्र क्यों प्रदान किया होगा ?’, यह प्रश्न पूछकर हमें मूल विषय तक पहुंचना चाहिए’’

भारतीय संस्कृति की वैज्ञानिकता के कारण पश्चिमी देशों में भी बढ रहा है आकर्षण ! – आनंद जाखोटिया, हिन्दू जनजागृति समिति

ऋषियों द्वारा बताई बातों के वैज्ञानिक तथ्य समझकर जीवन में उतरना आवश्यक है’’, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति श्री. आनंद जाखोटिया ने किया । वे यहां के हरिशेवा संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण विद्यालय के छात्रों को संबोधित कर रहे थे ।

अमरनाथ यात्रा छडी मुबारक समारोह के साथ समाप्त होती है

चांदी की पवित्र छडी जिसे ‘छडी मुबारक’ कहा जाता है। इन्हें भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। यह एक धार्मिक परंपरा है । यह चांदी की छडी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। माना जाता है कि इस छडी में भगवान शिव की अलौकिक शक्ति है।

हिन्दुओं पर होने वाला कोई भी प्रहार कभी सहन नहीं करेंगे ! – धनंजय महाडिक, सांसद, भाजपा

विशालगढ में हिन्दुओं के आक्रोश के पश्चात, कुछ राजनीतिक लोगों को अल्पसंख्यकों के प्रति दया आ गयी तथा वे तुरंत उनकी सहायता के लिए गढपर चले गए। इसके विपरीत कोल्हापुर शहर में जब ‘जय श्री राम’ का उद्घोष हुआ तो वहां के हिन्दू छात्रों की सहायता के लिए कोई नहीं गया।

हिन्दू धर्मविरोधियों के द्वारा किए जानेवाले दुष्प्रचार के विरुद्ध आक्रामक नीति आवश्यक ! – डॉ. भास्कर राजू वी., न्यासी, धर्ममार्गम् सेवा ट्रस्ट, तेलंगाना

ईसाई तथा इस्लामी पाखंडी हैं, जबकि वामपंथी देशद्रोही हैं । इन लोगों की विचारधारा को अस्वीकार किया जाना चाहिए । हमने उनकी झूठी कथाओं को खारीज करनेवाला ‘नैरेटिव’ तैयार करना चाहिए ।

हिन्दू धर्माचरण के पीछे आध्यात्मिकता के साथ वैज्ञानिक विचार ! – श्री वीरभद्र शिवाचार्य महास्वामीजी, बालेहोन्नरू, खासा शाखा मठ, श्रीक्षेत्र सिद्धरामबेट्टा, तुमकुरू, कर्नाटक

अन्य धर्मी लोग उनके धर्म के विषय में प्रश्न नहीं पूछते;  परंतु हिन्दू धर्माचरण करने से पूर्व प्रश्न पूछते हैं; इसलिए हमें हिन्दुओं को धर्माचरण के पीछे समाहित वैज्ञानिक कारण बताने आवश्यक हैं ।

सत्य के निकट ले जानेवाला, अर्थात ही सत्-चित्-आनंद देनेवाला एकमात्र हिन्दू धर्म !

हिन्दू धर्म क्या है ?, इस विषय में विश्लेषण करनेवाला लेख,.. ‘हिन्दुओं का तत्त्वज्ञान अद्वैत अर्थात ईश्वर एवं मैं एक ही हैं’, इस अत्युच्च स्तर का !

वैश्‍विक हिन्दू राष्‍ट्र अधिवेशन का पांचवां दिन (२८ जून) : उद़्‍बोधन सत्र – मंदिरों का सुव्‍यवस्‍थापन

सनातन धर्म के अर्थशास्‍त्र में मंदिरों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है । सनातन धर्म में मंदिरों के अर्थकारण से शिक्षाप्रणाली चलाई जा रही है । मंदिरों की अर्थव्यवस्था पर गांवों की निर्मिति हो रही है ।

हिन्दू राष्‍ट्र बनाने के लिए बडा जन आंदोलन खडा करना आवश्‍यक ! – प्रवीण चतुर्वेदी, संस्‍थापक तथा मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी, ‘प्राच्‍यम’

आज समूचा विश्व हिन्दू धर्म और संस्‍कृति को नष्‍ट करने का प्रयत्न कर रहा है । इसलिए, हमें संगठित होकर इसका सामना करना पडेगा । हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए धार्मिकता और आध्‍यात्मिकता से युक्त एक बडा  जनांदोलन खडा करना आवश्‍यक है ।