सनातन संस्था का रजत जयंती समारोह ३० नवंबर को गोवा में !

गोवा राज्य में स्थापित और वर्तमान में पूरे भारत में सनातन हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार करने वाली सनातन संस्था का रजत जयंती समारोह ३० नवंबर को आयोजित किया गया है।

Chennai Protest On Brahmin Attack : चेन्नई (तमिलनाडु) में ब्राह्मणों पर आक्रमण के विरुद्ध हिन्दू मक्कल काची’ द्वारा मोर्चा

ब्राह्मणों की रक्षा तथा ब्राह्मण समुदाय पर आक्रमणों को रोकने के लिए ‘हिन्दू मक्कल काची’ ने ३ नवंबर, २०२४ को चेन्नई में एक विरोध मोर्चा निकाला ।

उत्तर प्रदेश तथा बिहार में नवरात्रि के पावन अवसर पर सनातन संस्था द्वारा धर्मप्रसार

शारदीय नवरात्रि निमित्त उत्तर प्रदेश के कानपुर, अयोध्या, भदोही में तथा बिहार के समस्तीपुर और गया में ६ प्रवचन हुए; जिसमें जिज्ञासुओं को देवी पूजा से संबंधित शास्त्रों की जानकारी दी गई । इसका लाभ अनेकों देवी भक्तों ने उठाया ।

रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में संपन्न हुआ महामृत्युंजय यज्ञ !

सप्तर्षि की आज्ञा से यहां के सनातन के आश्रम में दशहरे के दिन अर्थात १२ अक्टूबर को सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का स्वास्थ्य अच्छा रहे तथा उन्हें दीर्घायु प्राप्त हो; इसके लिए महामृत्युंजय यज्ञ किया गया ।

गुजरात में ‘कर्णावती समन्वय परिवार गुजरात’ संस्था द्वारा उत्तम धर्मप्रसार कार्य के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री के हाथों सनातन संस्था का सम्मान !

‘समन्वय परिवार गुजरात’ की ओर से ‘पूर्व शंकराचार्य श्री भारतमाता मंदिर, हरिद्वार’ के द्वितीय संस्थापक प.पू. ब्रह्मलीन पद्मश्री स्वामी श्री सत्यमित्रानंद गिरीजी महाराज की ९३ वीं जयंती निमित्त १९ सितंबर को प.पू. वाल्मीकि संत सम्मेलन आयोजित किया गया था ।

आध्यात्मिक कष्टों को दूर करने हेतु उपयुक्त दृष्टिकोण

कभी-कभी कष्ट की तीव्रता बहुत बढ जाने से नामजप करते समय बार-बार ध्यान विचलित होता है तथा उसे भावपूर्ण करने का चाहे कितना भी प्रयास करें, तब भी वह भावपूर्ण नहीं हो पाता ।

ग्रंथमाला : ‘कुम्भपर्व एवं वर्तमान स्थिति’

कुम्भमेला अर्थात हिन्दुओं का धार्मिक सामर्थ्य बढानेवाला पर्व ! प्रस्तुत ग्रन्थ में कुम्भपर्वक्षेत्र एवं उसकी महानता, कुम्भमेले की विशेषताएं, कुम्भक्षेत्र में करने-योग्य धार्मिक कृत्य एवं उनका महत्त्व, धर्मरक्षक अखाडों का महत्त्व, हिन्दू धर्म के उत्थान की दृष्टि से कुम्भमेले के कार्य आदि सम्बन्धी मौलिक विवेचन किया गया है ।

उत्तरभारत में पितृपक्ष के निमित्त प्रवचन संपन्न !

पितृपक्ष में श्राद्ध करने से हमारे अतृप्त पूर्वजों को पृथ्वी के वातावरण कक्षा में आना सरल हो जाता है, श्राद्ध के कारण पूर्वजों की इच्छाएं तृप्त होकर उन्हें सद्गति प्राप्त होती है,

आध्यात्मिक कष्टों को दूर करने हेतु उपयुक्त दृष्टिकोण

सनातन का ग्रंथ ‘आध्यात्मिक कष्टों को दूर करने हेतु उपयुक्त दृष्टिकोण’ का कुछ भाग १६ से ३० सितंबर के अंक में पढा । आज आगे के दृष्टिकोण देखेंगे ।

दिनदर्शिका के द्वारा परिचितों को अपने व्यवसाय की जानकारी देते समय धर्मकार्य भी हो; इसके लिए स्वयं के विज्ञापन से युक्त ‘सनातन पंचांग’ छपवा लें !

अनेक उद्योगपति स्वयं के प्रतिष्ठान की (कंपनी की) प्रसिद्धि करने के लिए उनके विज्ञापन से युक्त दिनदर्शिका (कैलेंडर) प्रकाशित कर उन्हें ग्राहकों, कर्मचारियों, संबंधियों आदि को भेंट करते हैं ।