वामपंथियों तथा जिहादियों का अगला आघात संस्कृति पर ! – अभिजीत जोग, प्रसिद्ध लेखक

भारत की संस्कृति ५ व्यवस्थाओं परिवार व्यवस्था, धर्म व्यवस्था, देशभक्ति, शिक्षा व्यवस्था एवं लोकतंत्र पर आधारित है। अतः वामपंथी तथा जिहादी इन ५ प्रणालियों को नष्ट करना चाहते हैं। सबसे पहले वे परिवार व्यवस्था को नष्ट करना चाहते हैं।

लोकसभा में ‘फिलीस्तीन’ की विजय का नारा देनेवाले असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता रद्द करें !

भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद १०२ ‘ड’के अनुसार संसद के किसी भी सदस्य का अन्य किसी भी देश को समर्थन देना गैरकानूनी है । ऐसा करने पर सांसद की सदस्यता रद्द होती है ।

सनातन संस्था को फंसाने का शहरी नक्सलियों का प्रयास विफल !

१० मई को न्यायालय ने डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्या प्रकरण में सनातन संस्था के साधक श्री. विक्रम भावे को निर्दाेष मुक्त किया । न्यायालय के इस निर्णय का हम स्वागत करते हैं ।

सनातन संस्था की रजत जयंती के अवसर पर २१ अप्रैल को पुणे में भव्य शोभायात्रा का आयोजन  !

सनातन धर्म की महिमा व गौरव वृद्धिंगत करने के लिए २१ अप्रैल को पुणे नगर में सनातन धर्म की सेवा और कार्य, सर्व लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से ‘सनातन गौरव शोभायत्रा’ का आयोजन किया गया है।

अखिल मानवजाति का हित साध्य करना ही सनातन संस्था का उद्देश्य है !

सनातन संस्था विगत २५ वर्षाें से अनेक जनहितकारी उपक्रम चला रही है, जिससे समाज धर्माचरणी एवं श्रद्धावान बन रहा है । यह कार्य देखकर नास्तिकतावादी, आधुनिकतावादी, अंधविश्वास निर्मूलनवादी, हिन्दूद्वेषी, वामपंथी एवं तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादियों को सहन नहीं हो रहा है ।

साधना के विषय में उपयुक्त दृष्टिकोण !

‘साक्षित्व की अवस्था विलक्षण विलोभनीय है । यहां शुद्ध विश्राम है तथा परम विश्राम है । विभिन्न योनियों से भटककर परिश्रांत बना ऐसा जीव, जिस समय इस साक्षित्व की दशा को प्राप्त होता है, उस समय उसका संसार भ्रमण रुक जाता है

श्रीराम मंदिर के निर्माण-कार्य में सनातन संस्था का आध्यात्मिक सहभाग !

१५.१.२०२४ से सनातन संस्था के साधक ‘अयोध्या में श्रीराममंदिर के प्राणप्रतिष्ठा का कार्यक्रम निर्विघ्नता से संपन्न हो’, इसलिए प्रार्थना एवं अनुष्ठान कर रहे हैं ।’

सं‍विधान के द्वारा भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना आवश्यक ! – चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

‍विगत ७५ वर्षों में हिन्दुओं को धर्मशिक्षा से वंचित रखा गया । केवल संत, महात्माओं की कृपा से भारत में आज भी धर्म टिका हुआ है । ‘सेक्युलरिजम’ शब्द के कारण हिन्दुओं को धर्मशिक्षा प्रदान करने का मार्ग बंद किया गया है । धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था अर्थात अधर्मी व्यवस्था है ।

अभिव्यक्तिस्वतंत्रता की दिशा भारतविरोधी शक्तियों ने निर्धारित की है ! – चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

शबरीमला मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश के लिए अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का सूत्र उपस्थित किया जाता है; परंतु अन्य धर्मियों के विषय में ये अभिव्यक्ति स्वतंत्रतावाले मौन साध जाते हैं,

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में ‘हिन्दू राष्ट्र आक्षेप एवं खंडन’ इस ‘ई बुक’ का लोकार्पण !

‘ई बुक’ विक्रय के लिए एमेजोन पर उपलब्ध रहेगी । भारत में सेक्युलरवादी ‘हिन्दू राष्ट्र’ पर आपत्ति उठाते हैं । सेक्युलरवादी हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना को संविधान विरोधी कहते हैं ।