Puja Started At Gyanvapi : ज्ञानवापी के ‘व्यास’ तलघर में रात्रि से पूजा-अर्चना प्रारंभ !
तलघर में काशी विश्वनाथ का मंदिर है। यह एक स्वयंभू मंदिर था और रहेगा। यदि आप इसे ढक भी दें तो भी यह एक मंदिर ही है। – जितेंद्र नाथ व्यास
तलघर में काशी विश्वनाथ का मंदिर है। यह एक स्वयंभू मंदिर था और रहेगा। यदि आप इसे ढक भी दें तो भी यह एक मंदिर ही है। – जितेंद्र नाथ व्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्री राम मंदिर के उद्घाटन की पार्श्वभूमि पर देशवासियों के नाम एक संदेश प्रसारित किया है। जिसमें उन्होंने घोषणा की है कि वह आगामी ११ दिनों तक अनुष्ठान करेंगे।
१ जनवरी को मोढेरा सूर्य मंदिर सहित १०८ स्थानों पर ४ हजार से अधिक नागरिकों ने एक साथ सूर्य नमस्कार किया तथा ’गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया ।
अब इस पर कथित धर्मनिरपेक्षतावादी राजनैतिक पार्टियां, साम्यवादी एवं आधुनिकतावादी टोली चिल्लाना आरंभ कर दें कि भारतीय नौसेना का भगवाकरण हो रहा है, तो इसमें आश्चर्य कैसा !
हमने ‘धन विजय’ एवं ‘असुर विजय’ का अनुभव किया है । धन विजय का अर्थ है; स्थूल वस्तु से मिलने वाला आनंद किंतु उसमें हेतु योग्य नहीं ! यह आत्मकेंद्रित होने समान है ।
कितनी हिन्दू अभिनेत्रियाँ सोचती हैं कि यह एक शोध का विषय हो सकता है !
छठ पूजा के कारण नहीं, अपितु कारखानों के रासायनिक पदार्थ एवंअन्य प्रदूषणकारी कचरा नदी में छोडे जाने से यमुना नदी की स्थिति अत्यंत बुरी हो गई है । इन वास्तविक कारणों पर उपाय निकालने के स्थान पर पूजा पर प्रतिबंध लगानेवाली देहली के आम आदमी पक्ष की सरकार जनताद्रोही और हिन्दूद्रोही है !
यह एक प्रशंसनीय कदम है कि केंद्र सरकार युवा पीढी की स्थिति को देखते हुए इस तरह का पाठ्यक्रम लेकर आई है । इसके साथ ही यदि युवा पीढी को साधना सिखाई जाए, तो वह स्वयं अपने जीवन की अधिकाधिक समस्याओं का समाधान करने में समर्थ होगी !
आज विदेश में भौतिक सुख भले ही मिलता है, किंतु मन की शांति नहीं, यह स्पष्ट दिखाई दे देती है । नैतिकता का भी ह्रास हुआ है । ये दोनों बातें हिन्दू धर्म में हैं । भौतिक सुविधाएं निर्मित करने में भारत को अनेक वर्ष लग सकते हैैं; किंतु साधना के माध्यम से भारत विश्वगुरु हो सकता है ।
यदि लडके-लडकियों को बचपन से ही साधना सिखाई जाए तो उनकी बुद्धि सात्विक हो जाएगी और वे अनुचित कार्य नहीं करेंगे ! शासन को इसके लिए प्रयास करना चाहिए !