कर्नाटक विधान परिषद की पूर्व सदस्या डॉ. एस्.आर्. लीला : हिन्दू संस्कृति की रक्षा का कार्य करनेवाली आधुनिक रणरागिनी !

डॉ. लीला का जन्म १७ जनवरी १९५० को कर्नाटक के कोलार जिले के मालूर तहसील में स्थित संपंगेरे गांव में हुआ । उन्होंने संस्कृत में एम्.ए. एम्.फील एवं पीएच. डी की उपाधियां प्राप्त की ।

शास्त्र एवं शौर्य के आधार पर बौद्धिक स्तर पर मूलभूत परिवर्तन कराने हेतु कठिन श्रम करनेवाले योद्धा श्री. संजीव नेवर !

नोएडा (उत्तरप्रदेश) के श्री. संजीव नेवर ‘अग्नि समाज’, ‘जेम्स ऑफ बॉलीवूड’, ‘सेवा न्याय उत्थान फाऊंडेशन’ इन संस्थाओं के संस्थापक हैं ।

हिन्दू नववर्ष के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश तथा बिहार में सामूहिक ब्रह्मध्वज पूजन का आयोजन

फत्तूपुर विश्वकर्मा मंदिर के पास गोवर्धन मंदिर भदोही पर हिन्दू नवसंवत्सर (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) के उपलक्ष्य में ब्रह्मध्वज का पूजन सामूहिक रूप से किया गया ।

‘शाश्वत भारत ट्रस्ट’के माध्यम से सनातन संस्कृति का प्रसार करनेवाले देहरादून (उत्तराखंड) के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप दत्ता !

देहरादून (उत्तराखंड) के डॉ. कुलदीप दत्ता (आयु ७५ वर्ष) एक विख्यात हृदयरोग विशेषज्ञ हैं । उन्होंने वर्ष १९७६ से १९९८ के दौरान उत्तरप्रदेश में ‘चिकित्सकीय निदेशक’के रूप में सरकारी नौकरी की ।

Shri Ram Navami Celebrated : श्री रामनवमी पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई !

देशभर में ६अप्रैल को श्री राम नवमी हर्षोल्लास के साथ मनाई गई । देश के विभिन्न श्रीराम मंदिरों में पूजा-अर्चना की गई। अयोध्या में श्री राम मंदिर में श्री राम लला के दर्शन के लिए लाखों भक्त कतार में खड़े हैं।

छावा – कल, आज और कल का… !

‘छत्रपति संभाजी महाराज का जीवन पराक्रम, त्याग एवं बलिदान देखकर संपूर्ण महाराष्ट्र ही नहीं, अपितु संपूर्ण देश के लोगों की मानो सांसें रुक गईं; परंतु यह चलचित्र देखने के उपरांत हमें अपनेआप से प्रश्न करना चाहिए, ‘अब आगे क्या ?’

Ganga Can Purify Itself : गंगा नदी की आत्म-शोधन क्षमता विश्व की अन्य नदियों की तुलना में ५० गुना अधिक है !

गंगा जल में १,१०० प्रकार के बैक्टीरियोफेज पाए जाते हैं जो मानव निर्मित प्रदूषण घटकों को नष्ट करते हैं । बैक्टीरियोफेज अपने से ५० गुना बडे हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करके स्वयं विलुप्त हो जाते हैं ।

‘Sanatan Kumbh’ : महाकुंभ की विशालता को देखते हुए उसे ‘सनातन कुंभ’ कहें !

प्रयागराज के महाकुंभ हेतु जिस पद्धति से भाविक पधार रहे हैं, उसपर से मुझे लगता है कि इसे ‘सनातन कुंभ’ कहना चाहिए ।

Prayagraj Kumbh Parva 2025 : सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी द्वारा संकलित ग्रंथ सभी को पढने चाहिए ! – वेदमूर्ति महेश दुबे, अध्यापक, श्रीदिगंबर वेद विद्यालय, प्रयागराज

सनातन संस्था का कक्ष बाहर से दिखाई देने पर मेरे मन में आया कि एक बार तो इसे देखना ही चाहिए । उस अनुसार हम सभी आज प्रदर्शन देखने के लिए आए हैं ।

‘सनातन बालसंस्कार वर्ग’ के माध्यम से आदर्श एवं सुसंस्कृत पीढी का निर्माण ! – अभिभावक

सनातन संस्था की ओर से यहां के सेक्टर २९ में स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में कुछ ही दिन पूर्व ‘बालक-अभिभावक परिचय समारोह’ संपन्न हुआ ।