हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी के विचारों से कार्य करना चाहिए ! – रणजीत सावरकर, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक

मुसलमान दिन में ५ बार नमाजपठन करते हैं । उसी प्रकार हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दू समय दें । वीर सावरकरजी के विचारों से जागरूक होकर हिन्दुओं को विचार करना चाहिए कि, ‘हिन्दू राष्ट्र के लिए मैं क्या कर सकता हूं ।’ हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए कार्य करना हो, तो पहले हमें हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना समझ लेनी चाहिए । हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना हो, तो हमें वीर सावरकरजी के विचारों से कार्य करना चाहिए ।

श्री रणजीत सावरकर

मोहम्मद बिन कासिम ने भारत पर आक्रमण करते समय हिन्दुओं में फूट डालकर राजा दाहीर का पराभव किया । प्रांत, भाषा, पंथ आदि में भेद होने के कारण हिन्दुओं का पराभव होता है, यह आज तक का इतिहास है । सिखों के धर्मगुरु गुरु गोविंद सिंहजी ने स्वयं के पंथ को ‘खालसा’ कहा; परंतु धर्म ‘हिन्दू’ है, यह बताया । सनातन हिन्दू धर्म ही हमारा धर्म है । ‘हिन्दुत्व ही हमारा राष्ट्रीयत्व है’, वीर सावरकरजी के ये विचार हमें समझ लेने चाहिए । देश में ८० प्रतिशत हिन्दू हैं; परंतु हम जातियों में विभाजित हो गए हैं । मुसलमान हम पर अत्याचार करते हैं, इसका कारण है हिन्दू एकत्रित नहीं हैं । यह दोष हिन्दुओं का है । आज का संघर्ष तलवार के जोर पर नहीं है, अपितु आर्थिक संघर्ष चल रहा है । ‘हलाल जिहाद’ मुसलमानों का आर्थिक संघर्ष है । हिन्दुत्व केवल उपासना-पद्धति नहीं, अपितु हिन्दुत्व राष्ट्रीयत्व है ।