सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की एकत्रित ‘हिन्दू हेल्पलाइन’ होना आवश्यक ! – डॉ. विवेक शील अगरवाल, देहली

डॉ. विवेक शील अगरवाल

४० वर्ष पूर्व इस देश में हिन्दू जनजागृति समिति बनेगी, यह कल्पना भी हम नहीं कर सकते थे; परंतु आज समाचारपत्रों एवं समाचारवाहिनियों पर ‘हिन्दू’ शब्द पर चर्चा हो रही है । उसके कारण उनका ‘टी.आर्.पी.’ (लोकप्रियता) बढता रहता है । केवल हिन्दी ही नहीं, अपितु अंग्रेजी समाचारवाहिनियों पर भी हिन्दुओं के विषय में चर्चाएं हो रही हैं । ‘द काश्मीर फाईल्स’ एवं ‘द केरला स्टोरी’ जैसे हिन्दुओं पर हो रहे आघातों के प्रति समाज में जागृति लानेवाली फिल्में करोडों रुपए का व्यवसाय कर रही हैं । बागेश्वर धाम के महाराज खुलेआम हिन्दू राष्ट्र का जयघोष कर रहे हैं । इसलिए आज के कारण आज का समय हिन्दुओं के लिए भले ही स्वर्णिम काल लगता हो, तब भी हमारे शत्रु की तैयारी हमसे अनेक गुना अधिक है, इसे हमें ध्यान में लेना होगा । आज सभी बाजुओं से हिन्दुओं पर आघात हो रहे हैं ।

भारत में अनेक स्थानों पर हिन्दुओं को ही अपने घर-बार छोडकर पलायन करना पड रहा है । आज भी भारत में विभाजन के समय की भांति स्थिति है । हिन्दू लडके-लडकियां धर्म से दूर चली जा रही हैं, जिसका धर्मांध लाभ उठा रहे हैं । उसके कारण धर्मांधों द्वारा उनका धर्मांतरण किया जा रहा है । अनेक स्थानों पर हिन्दुओं को मार खानी पड रही है । इसलिए यह काल हिन्दुओं के लिए ‘‘अमृतकाल’ नहीं, अपितु ‘विषकाल’ है । धर्मांधों की वर्ष २०४७ की दिशा में तैयारी चल रही है । इससे पहले पुलिस को धर्मांधों के क्षेत्रों से गुप्त सूचनाएं मिलती थीं; परंतु अब वो मिलना असंभव बन गया है । एक ओर वे अपनी योजनाओं पर विचारपू‍र्वक काम कर रहे हैं, तो ऐसे में हिन्दुओं को भी अपना बल बढाना आवश्यक है । आज के समय में अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन अपने-अपने स्तर पर धर्म का कार्य कर रहे हैं; इसलिए उन सभी को एक ही व्यासपीठ पर ले आकर उन्हें संगठित कर उसके माध्यम से भी शहरों में ‘हिन्दू हेल्पलाईन’ तैयार करना आवश्यक है । सभी संगठनों ने एकत्रित होकर कार्य किया, तभी जाकर आनेवाले ३०-४० वषों में हिन्दुओं की रक्षा हो पाएगी ।