देश, भाषा, संस्कृति और हिन्दू धर्म के प्रति निष्ठा रहकर धर्मकार्य करने से हिन्दू राष्ट्र आने में समय नहीं लगेगा ! – जगद्गुरु रामराजेश्वर माऊली सरकारजी महाराज, रुक्मिणी वल्लभ पीठ, कौंडण्यपुर अमरावती, महाराष्ट्र

दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में राष्ट्र और धर्म के लिए क्रियाशील होने का हिन्दुओं से आवाहन !

संप्रदायवाद छोडकर हिन्दुत्ववाद और राष्ट्रवाद अपनाइए ! – पू. चंद्रकांत महाराज शुक्लजी, जिलाप्रमुख, गुरुवंदना मंच, वलसाड, गुजरात.

जिस प्रकार से कि किसानों ने अनेक महिनोंतक आंदोलन किया और उसके कारण सरकार को ३ कृषि कानून रद्द करने पडे, उसी प्रकार हिन्दुओं को सरकार पर भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए दबाव बनाना पडेगा ।

नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए भारत की सहायता आवश्यक ! – डॉ. भोलानाथ योगी, हिन्दू विश्वविद्यालय, नेपाल

‘नेपाल में ९५ प्रतिशत हिन्दू हैं; परंतु पाश्चात्त्यों के प्रभाव के कारण अब वहां पर टोपी के स्थान पर टाइ को महत्व दिया जा रहा है । नौकरी के निमित्त पश्चिमी देशों में जाने के कारण नेपाल में पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव बढ रहा है । इसलिए वहां अब हाथों से भोजन करना असभ्य समझा जाता है ।

१२ से १८ जून की अवधि में गोवा में होनेवाले दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के उपलक्ष्य में …

इस्लामी अथवा ईसाई देशों की भांति हिन्दू राष्ट्र कोई संकीर्ण अवधारणा (संकल्पना) नहीं है, अपितु वह विश्वकल्याण का विचार करनेवाली, प्रत्येक नागरिक की लौकिक एवं पारलौकिक उन्नति का विचार करनेवाली एक सत्त्वप्रधान व्यवस्था है ।

सनातन की ग्रन्थमाला : राष्ट्र एवं धर्म रक्षा

अंग्रेजोंकी मैकॉले प्रणित शिक्षाप्रणालीके दुष्परिणाम तथा पश्चिमी संस्कृतिका आक्रमण रोकने हेतु उपाय बतानेवाले जून २०१२ के ‘प्रथम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन’ के मान्यवरोंके व्याख्यानोंसे युक्त ग्रन्थ !

सनातन के दिव्य ग्रंथों के लिए अनुवादकों की आवश्यकता !

जिन्हें अध्यात्म के प्रति रुचि है उन्हें ईश्वरप्राप्ति शीघ्र कराने हेतु तथा संपूर्ण विश्व में हिन्दू धर्म का शास्त्रीय परिभाषा में प्रचार करने के उद्देश्य से, सनातन ने मई २०२१ तक ३३८ अनमोल ग्रंथों का प्रकाशन किया है, भविष्य में हजारों ग्रंथ प्रकाशित होंगे ।

सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ आठवलेजी के ८० वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में संतों से मिली शुभकामनाएं !

महर्षि अध्यात्म विश्विद्यालय की स्थापना कर उन्होंने (परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने) हिन्दू राष्ट्र की बात को केवल राजकीय रूप न देते हुए हमारी अध्यात्म विद्या को पुनः उजागर करने का और उसके भीतर अनेक प्रयोग कर, अनेक साधकों को तैयार करने का एक महनीय कार्य किया है ।

हलाल मांस का सेवन करने से हिन्दुओं की धर्मनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति न्यून होगी ! – पू. डॉ. युधिष्ठिरलाल महाराजजी, शदाणी दरबार

हिन्दू जनजागृति समिति, अखिल भारतीय हिन्दू स्वाभिमान सेना और शदाणी सेवा मंडल, रायपुर के संयुक्त आयोजन में यहां के शदाणी दरबार तीर्थ में ‘हलाल प्रमाणपत्र – एक षड्यंत्र’ विषय पर एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया था ।

धर्मांतरण कराते समय ईसाई हिन्दुओं में राष्ट्रविरोधी भावना उत्पन्न करते हैं ! – श्रीमती एस्थर धनराज, सह निदेशिका, भगवद्गीता फाऊंडेशन फॉर वैदिक स्टडीज, भाग्यनगर, तेलंगाणा

ईसाई जब हिन्दुओं का धर्मांतरण करते हैं, तब वे उनमें राष्ट्रविरोधी भावना उत्पन्न करते हैं । उनकी यह नीति केवल भारततक सीमित नहीं है, अपितु ईसाई जिस देश में जाते हैं, वहां वे यही नीति अपनाते हैं ।

गोवा के चर्च द्वारा हडप लिए गए मंदिरों की पुनर्स्थापना के लिए हिन्दुओं को एकत्रित होकर लडाई लडनी पडेगी ! – प्रा. सुभाष वेलिंगकर, राज्य संघचालक, भारत माता की जय संघ, गोवा

पोर्तुगीज सरकार के कार्यकाल में गोवा के छोटे-बडे २ १ सहस्र से अधिक मंदिर ध्वस्त किए गए । उनमें केवल वरेण्यपुरी (वेरणा) और श्री विजयादुर्गादेवी (शंखवाळी) ये २ मंदिर ही चर्च के आक्रमण से बच सके । अब इन मंदिरों को राज्य पुरातत्व विभाग के अंतर्गत संरक्षित वास्तुओं के रूप में घोषित किए गए हैं; परंतु ऐसा होते हुए भी विगत अनेक वर्षाें से चर्च के माध्यम से इस मंदिर की भूमि हडपने का षड्यंत्र चल रहा है ।