मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की सर्वोच्च न्यायालय से गुहार !
ग्वालियर (मध्य प्रदेश) – मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की आयु १८ से १६ वर्ष कर दी जाए।
१. उच्च न्यायालय ने कहा कि अंतर्जाल के युग में बच्चे जल्दी वयस्क हो रहे हैं। अनेक किशोर १८ वर्ष की आयु से पूर्व ही लडकियों के साथ शारीरिक संबंध बना रहे हैं। जिसके फलस्वरूप पुलिस उन्हें ‘पॉस्को’ कानून के अंतर्गत बंदी बना लेती है। इस कार्रवाई से बच्चों के भविष्य पर भी परिणाम पड रहा है। युवावस्था में विपरीत लिंग के अन्य व्यक्ति के प्रति आकर्षण का अनुभव करना स्वाभाविक है किन्तु बच्चों द्वारा शारीरिक संबंध प्रस्थापित रखने से उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता है।
(सौजन्य : News18 MP Chhattisgarh)
२. राहुल जाटव के विरुद्ध ग्वालियर में १४ वर्ष की लडकी से बलात्कार का प्रकरण प्रविष्ट किया गया था। उसे आरोपित कर बंदी बना लिया गया एवं वह अभी भी कारावास में है।
३. जब पीडित लडकी अध्यापन वर्ग में पढने जाती थी। १८ जनवरी २०२० को जब वह वर्ग में गई तो वहां कोई नहीं था। वहां उपस्थित राहुल ने उसे फल का रस पिलाया। उसके उपरांत लडकी अचेत हो गई। इसके उपरांत राहुल ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और अश्लील चलचित्र बना लिया। इस प्रकार उसने पीडित लडकी को चलचित्र प्रसारित करने की धमकी देकर बार-बार शारीरिक संबंध बनाने के लिए बाध्य किया, परिणामस्वरूप पडिता गर्भवती हो गई। न्यायालय की अनुमति के उपरांत उसका गर्भपात कराया गया।
राहुल के अधिवक्ता ने न्यायालय से कहा कि दोनों के बीच संबंध सहमति से बने थे और राहुल को अकारण फंसाया गया है। उन्होंने राहुल के विरुद्ध प्रविष्ट आपराधिक प्रकरण को रहित करने की भी याचना की। न्यायालय ने उसकी याचिका को स्वीकार करते हुए सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि सहमति से संबंध बनाने की आयु को अपराध न मानते हुए १८ वर्ष की जगह १६ वर्ष करने पर विचार किया जाए।
संपादकीय भूमिकायदि लडके-लडकियों को बचपन से ही साधना सिखाई जाए तो उनकी बुद्धि सात्विक हो जाएगी और वे अनुचित कार्य नहीं करेंगे ! शासन को इसके लिए प्रयास करना चाहिए ! |