जाने हम सब कितने युगों में कौन-कौन से योनी में जन्म लेते आए ।
लेकिन भगवान का बहुत उपकार है ।। १ ।।
हमको कलियुग मे मानव का जन्म दिया ।
और परम पूज्य के रूप में विष्णुदर्शन दिया ।। २ ।।
इस कलियुग में हम किसी गहरे नरक में पडे थे ।
वहां मौज थी, बहुत सारा खाना मिलता था ।। ३ ।।
सोना, चांदी सब था ।
परंतु ‘प्रसन्नता’ और ‘मन की शांति’ नहीं थी ।। ४ ।।
भगवान ने परम पूज्य के रूप में आकर ।
हमको धीमे से उठाया ।। ५ ।।
और अपने आश्रम में लाया ।
वहां बहुत प्रसन्नता, मनःशांति मिली ।। ६ ।।
उनके बताए रास्ते पे चलते-चलते जन्म का सार्थक हुआ ।
इस कलियुग में भी हमारे पूरे कुटुंब को मोक्ष का मार्ग दिखाया ।। ७ ।।
– सौ. आदिती अनिल सामंत, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (११.१०.२०२१)