सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की आयु १६ वर्ष होनी चाहिए !

यदि लडके-लडकियों को बचपन से ही साधना सिखाई जाए तो उनकी बुद्धि सात्विक हो जाएगी और वे अनुचित कार्य नहीं करेंगे ! शासन को इसके लिए प्रयास करना चाहिए !

अमेरिकी विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को रंग के आधार पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा !

अमेरिका में वर्ण द्वेेष के प्रकरण सामने आ रहे हैं । यहां के विश्वविद्यालयों में भी वर्णद्वेषी मामले होते रहते हैं । अमेरिका को भारत सहित अन्य देशों के आंतरिक मामलों में नाक घुसेडने की अपेक्षा अपने देश की समस्या हल करने का प्रयास करना चाहिए ! इसी में इस देश का भला होगा !

बिना अनुमति हाउसिंग कॉलोनी में बकरियों की हत्या करनेवालों पर कार्रवाई करें  !

पुलिसकर्मियों की मुगलाई ! क्या हिन्दुओं पर लाठी बरसानेवाली पुलिस, अन्य धर्मियों को कभी इस प्रकार पीटने का साहस करेगी ? ऐसी पुलिस पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए, हिन्दुओं को यही अपेक्षित है !

स्वीडन में न्यायालय की अनुमति से प्रदर्शनकारी ने मस्जिद के बाहर जलाई कुरान !

तुर्कीये द्वारा निषेध व्यक्त !
स्वीडन द्वारा स्पष्टीकरण : पुलिस कार्रवाई करेगी !

कन्हैयालाल की हत्या के एक वर्ष उपरांत भी परिवार तनावग्रस्त !

एक वर्ष उपरांत भी अस्थियों का नहीं हुआ है विसर्जन !
आरोपियों को मृत्युदंड न होने तक पैरों में जूते-चप्पल न पहनने का पुत्र ने किया है निश्चय  !
परिवार अब भी है पुलिस के संरक्षण में !

बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच हुए झगडे में एक कार्यकर्ता की मृत्यु

बंगाल में राष्ट्रपति शासन कब लागू होगा ?

गुजरात दंगों के ३५ हिन्दुओं की २० वर्षों के उपरांत निर्दोष मुक्तता !

ढोंगी धर्मनिरपेक्ष प्रसारमाध्यम और संगठनों के दबाव के कारण हिन्दुओं को अनावश्यक ही मुकदमों का सामना करना पडा ! – न्यायालय की टिप्पणी

सत्र एवं उच्च न्यायालय ने २७ वर्षों पूर्व हत्या के प्रकरण में उम्रकैद का दंड भुगत रहे आरोपी को सर्वोच्च न्यायालय ने ठहराया निर्दोष !

२७ वर्षों के उपरांत किसी प्रकरण में अंतिम निर्णय मिलता हो तो वह न्याय नहीं, अपितु उसे अन्याय ही कहेंगे !

प्रसारमाध्यमों को न्यायालयीन प्रकरणों की रिपोर्टिंग (वार्तांकन) करते समय सावधान रहना चाहिए – केरल उच्च न्यायालय

केरल उच्च न्यायालय ने कुछ दिन पूर्व प्रसारमाध्यमों को न्यायालयीन प्रकरणों की रिपोर्टिंग (वार्तांकन) करते समय सावधान रहने का आवाहन किया है ।

रथयात्रा पर बंगाल पुलिस द्वारा प्रतिबंध लगाना, यह धार्मिक प्रथा में हस्तक्षेप ! – कोलकाता उच्च न्यायालय

इससे स्पष्ट होता है कि, बंगाल सरकार संविधान के अनुसार निर्णय नहीं लेती है । ऐसी सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू करना ही योग्य होगा !