रेल में न्यायमूर्तियों को असुविधा : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दी रेल विभाग को नोटिस !

न्यायमूर्ति जैसे उच्चपदस्थ व्यक्ति को इतनी असुविधा होती है, तो सामान्य लोगों की  स्थिति होगी ? इसका विचार न करें, तो ही अच्छा है !

पाकिस्तान के लिए जासूसी करनेवाले तीन लोगों को आजन्म कारावास का दंड !

देशभक्त भारतीयों को लगता है कि ऐसे देशद्रोहियों को आजन्म पोसने की अपेक्षा उनको फांसी का दंड ही देना चाहिए । उससे अन्यों में भी भय निर्माण होगा !

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को २ वर्ष कारावास का दंड

४ वर्ष पूर्व आपत्तिजनक विधान किए जाने का प्रकरण

राजस्थान में बंदी बनाए गए कुख्यात गुंडे कुलदीप जघीना की अन्य गुंडों द्वारा गोलियां से हत्या !

भूमि के व्यवहार पर कृपाल सिंह जघीना ने स्थगन आदेश (स्टे आर्डर) पारित करवाया था । इस कारण क्रोधवश कुलदीप जघीना एवं उसके साथीदारों को कृपाल सिंह ने गोलियों से हत्या कर दी थी ।

श्री कृष्णजन्मभूमि पर बनी ईदगाह मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की मांग करने वाली याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नकार दी ।

श्रीकृष्णजन्मभूमि को शाही मस्जिद के स्थान पर पुनर्स्थापित करने की मांग की गई है

कब्रें १०० वर्षों से भी अधिक समय से अस्तित्व में हैं; केवल इसलिए वे ‘संरक्षित स्मारक’ नहीं हो सकतीं ! – मद्रास उच्च न्यायालय

मद्रास उच्च न्यायालय ने कुछ समय पूर्व ही दिए एक आदेश में कहा है कि १०० वर्षों से भी अधिक समय से कब्रें हैं; केवल इसलिए वे ‘प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल एवं अवशेष अधिनियम,१९५८’ कानून के अंतर्गत ‘संरक्षित स्मारक’ के रूप में घोषित करने का कारण नहीं हो सकता ।

उच्च न्यायालय ने प्रशासन को नोटिस भेजकर बाप्तिस्मा घाट के अनधिकृत निर्माणकार्य पर रोक लगा दी !

अनधिकृत निर्माणकार्य जब हो रहा था, तब क्या प्रशासन सो रहा था ? यह न्यायालय को क्यों कहना पडता है ? प्रशासन को स्वयं क्यों समझमें नहीं आता ? इसके लिए उत्तरदायी दायित्वशून्य अधिकारियों को कारागृह में डालना चाहिए !

प्रधानमंत्री के विरोध में अपशब्द का उपयोग अपमानास्पद है; परंतु देशद्रोह नहीं ! – उच्च न्यायालय

प्रधानमंत्री के विरोध में उपयोग किए गए अपशब्द अपमानजनक हैं; परंतु वह देशद्रोह नहीं, ऐसा कहते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय के कलबुर्गी खंडपीठ के न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदार ने एक विद्यालय के व्यवस्थापन के विरोध में देशद्रोह का अभियोग रहित कर दिया ।

राहुल गांधी द्वारा उनके दंड के विषय में प्रविष्ट की गई आवाहन याचिका गुजरात उच्च न्यायालय ने अस्वीकार कर दी

मोदी उपनाम के सभी लोग चोर होते हैं’, ऐसा वक्तव्य करने के प्रकरण में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को सूरत सत्र न्यायालय ने २ वर्षों के कारावास का दंड सुनाया है । उसको गुजरात उच्च न्यायालय में गांधी ने दी चुनौती को न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया है ।

गुजरात उच्च न्यायालय का तीस्ता सीतलवाड को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का आदेश !

तीस्ता सीतलवाड पर वर्ष २००२ में गुजरात में हुए दंगों के प्रकरण में निर्दाेष व्यक्तियों को झूठे अपराधों पर फंसाने का आरोप है । २५ जून २०२२ को उन्हें बंदी बनाया गया था