गुजरात दंगों के ३५ हिन्दुओं की २० वर्षों के उपरांत निर्दोष मुक्तता !

ढोंगी धर्मनिरपेक्ष प्रसारमाध्यम और संगठनों के दबाव के कारण हिन्दुओं को अनावश्यक ही मुकदमों का सामना करना पडा ! – न्यायालय की टिप्पणी

कर्णावती (गुजरात) – गुजरात राज्य में हलोल के सत्र न्यायालय ने वर्ष २००२ के गुजरात दंगों से संबंधित ४ प्रकरणों में ३५ हिंदू आरोपियों को निर्दोष मुक्त किया । कुल ५२ लोगों पर आरोप प्रविष्ट किए गए थे; लेकिन पिछले २० वर्षों में इनमें से १७ लोगों की मृत्यु हो गई ।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हर्ष बालकृष्ण त्रिवेदी ने निर्णय देते समय कहा कि पुलिस ने डॉक्टर, प्राध्यापक, शिक्षक, व्यापारी, पंचायत अधिकारी आदि प्रमुख हिन्दू व्यक्तियों को इसमे फंसाया और ढोंगी धर्मनिरपेक्ष प्रसारमाध्यमों और संगठनों के दबाव के कारण आरोपियों को अनावश्यक लंबे समय तक मुकदमों का सामना करना पडा । दंगों के कथित पीडितों के विविध अधिकारियों के सामने प्रविष्ट किए गए साक्ष्य विसंगत थे । उन्हें आरोपपत्र में प्रविष्ट किए अनुसार सही साक्ष्य नहीं दे पाए ।

संपादकीय भूमिका 

  • देर से मिलने वाला न्याय यह अन्याय नहीं क्या ?
  • न्यायालय को ऐसे लोगों को दंड देना चाहिए, ऐसा ही धर्माभिमानी हिन्दुओं को लगता है !