स्वीडन में न्यायालय की अनुमति से प्रदर्शनकारी ने मस्जिद के बाहर जलाई कुरान !

  • तुर्कीये द्वारा निषेध व्यक्त !

  • स्वीडन द्वारा स्पष्टीकरण : पुलिस कार्रवाई करेगी !

स्टॉकहोम (स्वीडन) – बकरी ईद के दिन यहां की एक मस्जिद के बाहर एक व्यक्ति ने कुरान जलाई । इसके लिए उसने न्यायालय से अनुमति ली थी । न्यायालय ने इस व्यक्ति को एक दिन के लिए अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के अंतर्गत निदर्शन की अनुमति दी थी । इस व्यक्ति ने प्रथम कुरान के कुछ पन्ने फाडे और उससे अपने जूते साफ किए । फिर उन पन्नों पर सुअर का सुखाया हुआ मांस रखा और उसे आग लगा दी । तदुपरांत उसने स्वीडन का ध्वज भी फहराया । यह घटना देखनेवाले उपस्थित २०० लोगों में से कुछ ने उसका समर्थन किया, तो कुछ ने निषेधार्थ घोषणाएं दीं । इस अवसर पर एक व्यक्ति ने कुरान जलानेवाले पर पथराव भी किया । तदुपरांत पुलिस ने उसे नियंत्रण में ले लिया । कुरान जलाने की इस घटना के निषेध में तुर्कीये के नागरिकों ने स्वीडन का राष्ट्रध्वज जलाया ।

१. तुर्कीये के विदेशमंत्री हकन फिदान ने इस घटना पर ट्वीट किया कि अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के नाम पर कोई भी इस्लामविरोधी निदर्शन नहीं कर सकता । हम उसे मान्य नहीं करेंगे । यदि किसी भी देश को ‘नाटो’में (‘नाटो’ अर्थात ‘नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन’ नामक जग के २९ देशाें का सैनिकी गठबंधन) सम्मिलित होना है, तो उसे इस्लामविषयी द्वेष फैलानेवाले आतंकवादियों पर नियंत्रण रखना होगा ।’ स्वीडन को ‘नाटो’ का सदस्य बनना है तो बिना तुर्किए के समर्थन से वह संभव नहीं होगा ।

२. स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन बोले, इस निदर्शन का हमारे संभाव्य ‘नाटो’ सदस्यता पर क्या परिणाम होगा ? इसका अनुमान न लगाया जाए । इस प्रकार का निषेध कानून की कक्षा में आता है; परंतु तब भी वह योग्य नहीं । इस प्रकरण में क्या कार्रवाई करनी है ? यह पुलिस तय करेगी । नागरिकों के विरोध करने पर पुलिस ने कुरान जलानेवाले व्यक्ति पर एक धर्म को लक्ष्य करने के प्रकरण में अपराध प्रविष्ट किया है ।

३. इसी वर्ष जनवरी में कुछ लोगों ने स्वीडन में तुर्किए के दूतावास के बाहर निदर्शन कर कुरान जलाई थी । इसके प्रत्युत्तर में तुर्किए की राजधानी अंकारा में स्वीडन के दूतावास के बाहर निदर्शन करते हुए लोगों ने स्वीडन का ध्वज जलाया था ।

४. फरवरी में स्वीडिश पुलिस ने निदर्शकों को इराक के दूतावास के बाहर आंदोलन नहीं करने दिया । तब भी कुरान जलाई जानेवाली थी । ‘नाटो’विरोधी एक गुट पर कुरान की प्रत जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था; परंतु न्यायालय ने यह बंदी इस वर्ष अप्रैल में उठा दी थी । न्यायालय ने कहा, ‘देश के संविधान के अनुसार लोगों का संगठित होकर आंदोलन करने का अधिकार है ।’ अभिव्यक्ति स्वतंत्रता कहते हुए न्यायालय ने इन निदर्शनों को मान्यता दी ।

संपूर्ण जगभर में इस्लाम पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ! – सलवान मोमिका

सलवान मोमिका ने कुरान जलाने का कारण बताते हुए कहा कि मैं सभी को यह बताना चाहता हूं कि अब समय आ चुका है कि स्वीडन को जाग जाना चाहिए । हम मुसलमानों के विरोध में नहीं, अपितु उनके विचारों और परंपराओं के विरोध में हैं । इस्लाम धर्म के कारण नकारात्मक परिणाम हुआ है ।  संपूर्ण जगभर में इस्लाम पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ।