रथयात्रा पर बंगाल पुलिस द्वारा प्रतिबंध लगाना, यह धार्मिक प्रथा में हस्तक्षेप ! – कोलकाता उच्च न्यायालय

कोलकाता – इस वर्ष श्री जगन्नाथ रथयात्रा के समय बंगाल के संकरेल, हावडा में रथ यात्रा जुलूस को अनुमति न देने के विषय में कोलकाता उच्च न्यायालय ने बंगाल पुलिस को फटकार लगाई । राज्य पुलिस द्वारा रथयात्रा पर प्रतिबंध लगाना अर्थात धार्मिक प्रथा में हस्तक्षेप करना है, ऐसा उच्च न्यायालय ने कहा है ।

कोलकाता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने कहा है कि, श्री जगन्नाथ देवता को रथ से न ले जाने का आदेश देना अत्यंत अयोग्य है । इस माध्यम से रथ यात्रा के उद्देश्य और हेतु को नकारा गया है । अनेक शतकों से लोग आनंद से इस रथयात्रा में सहभागी हो रहे हैं और सक्रिय रूप से रथयात्रा को समर्थन देते हैं । अभी तक देश के किसी भी राज्य में इस प्रकार धार्मिक प्रथा में हस्तक्षेप नहीं हुआ । भारत में रथोत्सव की प्रथा सहस्रों वर्षों से चली आ रही है, ऐसा न्यायालय ने स्पष्ट किया ।

बंगाल पुलिस द्वारा रथ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के उपरांत याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रवेश की थी । इस याचिका के निर्णय के समय न्यायालय ने कहा कि, इस धार्मिक कार्य में कुछ समाज द्रोहियों द्वारा व्यवधान लाने की संभावना होने से पुलिस को उसका निराकरण करने के लिए कठोर उपाय योजना करना आवश्यक है ।

संपादकीय भूमिका 

इससे स्पष्ट होता है कि, बंगाल सरकार संविधान के अनुसार निर्णय नहीं लेती है । ऐसी सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू करना ही योग्य होगा !