कन्हैयालाल की हत्या के एक वर्ष उपरांत भी परिवार तनावग्रस्त !

  • एक वर्ष उपरांत भी अस्थियों का नहीं हुआ है विसर्जन !

  • आरोपियों को मृत्युदंड न होने तक पैरों में जूते-चप्पल न पहनने का पुत्र ने किया है निश्चय  !

  • परिवार अब भी है पुलिस के संरक्षण में !

  • आरोप है कि सरकार ने आरोपियों के विरुद्ध द्रुत गति न्यायालय में प्रकरण चलाने का अपना आश्वासन नहीं निभाया !

उदयपुर (राजस्थान) – गत वर्ष कन्हैयालाल की उनकी दुकान में घुसकर मुसलमान धर्मांध कट्टरपंथियों ने गर्दन काटकर हत्या कर दी थी । हत्या को चित्रित किया गया एवं उसका चलचित्र सामाजिक माध्यम पर प्रसारित किया गया । तत्कालीन बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण उनकी हत्या कर दी गई थी । नूपुर शर्मा पर पैगंबर मुहम्मद का कथित अपमान करने का आरोप लगाया गया था । अब एक वर्ष व्यतीत होने के उपरांत भी उस बाजार में तनावपूर्ण सन्नाटा है, जहां कभी कन्हैयालाल की दुकान हुआ करती थी । यहां लगभग ३०० दुकानें हैं । पहले यहां बहुत भीड-भाड हुआ करती थी, किंतु अब वहां कोई नहीं जाता । यहां के दुकानदारों में अब भी डर बना हुआ है । जिस गली में कन्हैयालाल की दुकान थी, वहां की शेष दुकानें अब खाली हो गई हैं । कन्हैयालाल का परिवार अब भी तनावग्रस्त है । उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई है ।

१. यहां के दुकानदारों का कहना है कि हम और हमारा परिवार अब भी भयग्रस्त जीवन जी रहे हैं । यहां के अधिकांश व्यापारी अपनी दुकानें छोड चुके हैं । कुछ लोगों की दुकानों पर ताला लगा दिया गया है । पहले यहां की दुकानें रात्रि १० बजे तक खुली रहती थीं । अब शाम ६ बजे ही दुकानदार अपनी दुकानेें बंद करके चले जाते हैं । जो दुकानदार यहां हैं वे भी अन्यत्र दुकानें खोलने का विचार कर रहे हैं ।

२. कुछ दुकानदारों का कहना है कि यहां व्यवसाय कम हो गया है । कुछ दुकानों पर ग्राहक नहीं आते । यहां गुंडागर्दी तो नहीं है, किंतु व्यवसाय पहले जैसा नहीं रह गया ।

३. उधर, कन्हैयालाल के घर के बाहर अब भी पुलिस तैनात है । यदि परिवार कहीं जाना चाहता है तो उन्हें पुलिस सुरक्षा में ही जाना पडता है । कन्हैयालाल की अस्थियों का अब तक विसर्जन नहीं किया गया है । उनके बच्चों ने जन्मदिन मनाना बंद कर दिया है । ज्येष्ठ पुत्र ने जूते-चप्पल पहनना और बाल काटना बंद कर दिया है । उसका कहना है कि जब तक आरोपियों को फांसी नहीं मिल जाती, तब तक वह जूते-चप्पलों का उपयोग नहीं करेगा और न ही बाल कटवाएगा ।

४. कन्हैयालाल की पत्नी का कहना है कि यदि आरोपियों को बंदी बना लिया गया है तो अब उन्हें मार डालना चाहिए । सरकार ने प्रकरण को द्रुत गति न्यायालय में ले जाने एवं ६ महीने के भीतर आरोपियों को दोषी ठहराने का आश्वासन दिया था, जो अब तक पूर्ण नहीं हुआ है ।

५. इस स्थिति के कारण सगे-संबंधियों एवं पडोसियों ने कन्हैयालाल के घर आना-जाना बंद कर दिया है ।

संपादकीय भूमिका 

भारत में धर्मांधों द्वारा मारे गए हिन्दुओं के परिवारों को न्याय नहीं मिलता, यह लज्जास्पद तथ्य उजागर हुआ है ! ऐसी स्थिति में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ही एकमात्र विकल्प है !