देव दीपावली कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समिति का सम्मान !
हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी और सनातन संस्था की श्रीमती प्राची जुवेकर को मुख्य अतिथि के रूप में माल्यार्पण कर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया ।
हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी और सनातन संस्था की श्रीमती प्राची जुवेकर को मुख्य अतिथि के रूप में माल्यार्पण कर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया ।
अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का व्यासपीठ सभी हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए है । इस कारण हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के माध्यम से हिन्दुओं में नवशक्ति निर्माण हुई है । विविध राज्यों में और जिलों में इस प्रकार के अधिवेशन हो रहे हैं । अखंड हिन्दू राष्ट्र के लिए ये सम्मलेन हो रहे हैं ।
आज हिन्दुओं की जो भी कुछ समस्याएं हैं, उनका हम संगठित शक्ति से ही हल ढूंढ सकते हैं । अतः सनातन धर्म वट वृक्ष की शाखाएं भले ही अनेक हों; परंतु हमें एकत्रित होकर ही कार्य करना होगा’’, ऐसा मार्गदर्शन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया ।
‘सनातन संस्था सेवा’ द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह में हिन्दू जनजागृति समिति के वाराणसी के समिति सेवक श्री. राजन केशरी को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाकर सम्मान किया गया ।
‘हरियालो राजस्थान’ संगठन के पाली जिला प्रमुख श्री. वासुदेव सांखलाजी ने बताया कि ‘‘समिति को पिछले १५-२० वर्ष से देख रहा हूं । समाज में जब भी प्रबोधन की आवश्यकता होती है, समिति आगे होकर बहुत अच्छे से इस कार्य को करती है । राष्ट्र और धर्म के लिए ऐसे निरपेक्ष कार्य करने की आज नितांत आवश्यकता है ।’’
नेताजी सुभाषचंद्र बोस के आत्मसमर्पण के तत्त्वज्ञान एवं ईश्वर के अधिष्ठान के बल पर कार्य करने की प्रेरणा लेकर हमें हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य में योगदान बढाने की आवश्यकता है ।
विश्व के किसी भी देश में अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों से धर्मपरिवर्तन का भय होता है; परंतु भारत में यह स्थिति उल्टी है । यहां अल्पसंख्यक नहीं, अपितु बहुसंख्यक लोग अपने धर्म की रक्षा के लिए धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग कर रहे हैं ।
आंदोलन में विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू जनजागृति समिति इत्यादि हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता, साथ ही स्थानीय हिन्दू विशाल संख्या में सहभागी हुए थे । इनमें महिलाएं भी सम्मिलित थीं ।