मन में राम और रामराज्य की स्थापना का लक्ष्य लेकर हमें कार्य करना होगा ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दुओं को आज स्वबोध नहीं, तो शत्रुबोध कैसे होगा ? हिन्दू संगठनों के माध्यम से हिन्दू समाज को यह बोध हो, इसलिए यह हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन है ।

धर्माधारित हिन्दू राष्ट्र के लिए धर्मशिक्षा और संगठितत प्रयास आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

हमें स्वयं धर्मशिक्षा लेनी होगी और समाज को देनी होगी । यह एक प्रकार से धर्म की स्थापना का अर्थात पुरुषार्थ का कार्य है । ऐसा प्रतिपादन दिल्ली से उज्जैन यात्रा पर आए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया । वे यहां के वेदनगर स्थित आनंद भवन में आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे ।

भारत में राज्य व्यवस्था हिन्दुओं के लिए अनुकूल होने हेतु भारत को वैधानिक रूप से ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना आवश्यक है – श्री. रमेश शिंदे

‘‘भारत में राज्य व्यवस्था हिन्दुओं के लिए अनुकूल होने हेतु वैधानिक मार्ग से भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना आवश्यक है । इसलिए हिन्दू संगठित होकर लोकतांत्रिक मार्ग से हिन्दू राष्ट्र आंदोलन को सशक्त बनाएं ।’’,

हिन्दू राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अपने क्षेत्र के हिन्दू शक्तियों को संगठित करें ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

‘‘हिन्दू राष्ट्र के लिए समविचारी हिन्दू शक्तियों को जोडकर हमें अपने क्षेत्र के मंदिर, गोमाता, हिन्दुओं को सुरक्षित करने का संकल्प करना होगा । हिन्दू राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त करने के लिए समर्पित भाव से कार्य करें । काल प्रवाह हिन्दू राष्ट्र के अनुकूल है ।

ज्ञानव्यापी मुक्ति संघर्ष से पुनः प्रवाहित होगी देश की आध्यात्मिक ऊर्जा ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

काशी हमारी आध्यात्मिक नगरी है । काशी हमारी ऊर्जा का एक स्रोत है । इसलिए हमें विकास तो चाहिए, परंतु आध्यात्मिक विकास भी चाहिए । काशी विश्वनाथ मुक्ति का यह संघर्ष इस आध्यात्मिक ऊर्जा को प्रवाहित करने के लिए है ।

आंदोलन, संसद एवं सर्वाेच्च न्यायालय के माध्यम से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का हिन्दू धर्मप्रेमियों का निश्चय !

अनादि काल से भारत एवं नेपाल हिन्दू राष्ट्र थे; परंतु धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था के दुष्टचक्र में फंसने के कारण यहां के हिन्दुओं का दमन हो रहा है । इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु पुनः संवैधानिक पद्धति से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना अनिवार्य बन गया है ।

राष्ट्र एवं धर्म के विषय में लोगों को सतत जागृत करना चाहिए ! – स्वामी निर्गुणानंद महाराज, रिसडा प्रेम मंदिर आश्रम, बंगाल

धर्मकार्य करते हुए हमारे मन में सकारात्मकता और मुख पर प्रसन्नता रखनी चाहिए । अपने-अपने घरों के छोटे-छोटे कार्यक्रमों के माध्यम से भी लोगों को एकत्र करते रहना है । भले ही कोई भी निमित्त हो, राष्ट्र एवं धर्म के विषय में लोगों को सतत जागृत करना चाहिए ।

हिन्दुओं की समस्याओं का समाधान हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ! – पू. नीलेश सिंगबाळजी, हिन्दू जनजागृति समिति

वर्ष २०२५ के उपरांत सत्त्वगुणी हिन्दुओं की ओर से भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी । इसलिए सभी संगठनों के एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है ।’’ ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक संत पू. नीलेश सिंगबाळजी ने अधिवेशन में सभी को संबोधित करते हुए किया ।

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के लिए धन के रूप में अर्पण कर हिन्दू राष्ट्र के कार्य में सम्मिलित हों !

गोवा में होनेवाले इस अधिवेशन में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु कार्यरत हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के पदाधिकारी, अधिवक्ता, उद्योगपति और लेखक भाग लेनेवाले हैं । इस अधिवेशन में भारत, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे देश-विदेश से प्रतिनिधि भाग लेनेवाले हैं ।

वामपंथियों की शिक्षापद्धति के कारण आज की पीढी मुगलों को ही उनका आदर्श मानती है ! – जगजीतन पांडेय, महामंत्री, अखिल भारतीय धर्मसंघ शिक्षा मंडल

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना केवल मत नहीं, अपितु व्रत बनना चाहिए । राष्ट्र और धर्म पर मंडरा रहे संकट के समय धर्म के पक्ष में रहना, हम सभी का दायित्व है । वर्ष २०२५ के पश्चात सत्त्वगुणी हिन्दुओं द्वारा भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ।