हिन्दुओं को जबतक ‘सनातन क्या है ?’ यह मंदिरों में सीखाया नहीं जाएगा, तबतक धर्मांतरण होता रहेगा !
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री ने किया हिन्दुओं को धर्मशिक्षा देने का आवाहन !
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री ने किया हिन्दुओं को धर्मशिक्षा देने का आवाहन !
हमें स्वयं धर्मशिक्षा लेनी होगी और समाज को देनी होगी । यह एक प्रकार से धर्म की स्थापना का अर्थात पुरुषार्थ का कार्य है । ऐसा प्रतिपादन दिल्ली से उज्जैन यात्रा पर आए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया । वे यहां के वेदनगर स्थित आनंद भवन में आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे ।
हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान के अंतर्गत हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने स्वस्तिक पीठाधीश्वर डॉ. अवधेश पुरी महाराजजी की भेंट लेकर उनसे हिन्दू राष्ट्र के विषय में संवाद किया
बच्चों को धर्माचरण करने का आग्रह रखना ही चाहिए । धर्माचरण के कारण हिन्दू युवती अथवा महिला को ऐसे प्रतिकूल प्रसंग का सामना करने का निश्चित रूप से सामर्थ्य देगा ।
सायंकाल के समय झाडू न लगाएं; क्योंकि इस काल में वायुमंडल में रज-तमात्मक स्पंदनों का संचार बडी मात्रा में होता है ।
देवता को भोग लगाने के उपरान्त उस अन्न को देवता का प्रसाद मानकर ग्रहण करने से उस अन्न से देवता के तत्त्व एवं चैतन्य का लाभ होता है ।
हिन्दू धर्म के साढे तीन शुभमुहूर्ताें में से वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया एक है । इसीलिए इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहते हैं । इस तिथि पर कोई भी समय शुभमुहूर्त ही होता है । इस वर्ष २२ अप्रैल २०२३ को अक्षय तृतीया है ।
हिन्दुओं को प्रभु श्रीराम के नाम की शक्ति मिले, उनका आशीर्वाद मिले, इस उद्देश्य से रामनाम संकीर्तन आयोजित किया गया ।
प्राचीनकाल से ही हिन्दू धर्म में ऋषि-मुनियों की सहायता से जीवन की प्रत्येक क्रिया को उचित दिशा में मोडकर एक प्रकार से उसे सत्त्वगुणी रूप दिया गया है । इसी को ‘आचरण’ कहते हैं ।
इस कार्यक्रम में ‘हिन्दू नववर्ष’ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को क्यों मनाया जाता है ? इस दिन ब्रह्मध्वजारोहण क्यों किया जाता हैे ? ब्रह्मध्वजारोहण की उचित पद्धति’, साथ ही अन्य अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी दी गई ।