वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव हेतु प.पू. समर्थ श्री त्र्यंबकेश्वर चैतन्य महाराजजी एवं अन्य संतों के शुभाशीष !

सभी संतों ने हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए समर्थन देते हुए इस हेतु आशीर्वाद प्रदान किया ।

भारत को हिन्दू राष्ट्र बनने से कोई भी नहीं रोक सकता ! – पू. श्रीरामज्ञानीदास महात्यागी, संस्थापक, तिरखेडी आश्रम, गोंदिया, महाराष्ट्र

जिनकी शारीरिक क्षमता है, वह देह से, बौद्धिक क्षमता है वह बुद्धि से, इस प्रकार सभी को स्वयं की क्षमता के अनुसार हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए योगदान देना आवश्यक है । केवल भाषण देकर नहीं, तो प्रत्यक्ष योगदान देकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी । समाज परिवर्तनशील है ।

सर्व संतों एवं महात्माओं को हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए कार्य करना आवश्यक ! – पू. परमात्माजी महाराज, धारवाड, कर्नाटक

कर्नाटक में धारवाड के पू. परमात्माजी महाराज जी ने आवाहन किया कि, जब धर्म पर अधर्म बढ गया, तब भगवान परशुराम ने परशु धारण किया । ऐसे परशुराम को हमें अपना आदर्श मानना चाहिए । यह तपस्या करने का नहीं, युद्ध करने का समय है ।

सनातन के ‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ को कोलकाता के पू. संत स्वामी श्री कल्याणेश्वरजी महाराज के आशीर्वाद

स्वामीजी को सनातन के ग्रंथ भेंट किए गए । उन्होंने उनमें से कुछ ग्रंथ उत्सुकता से पढे और वे कहने लगे, ‘‘मैं बहुत रुचि से सनातन के ग्रंथ और पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ पढता हूं ।’’ इससे पूर्व भी विविध कार्याें के लिए स्वामीजी के आशीर्वाद मिले हैं ।