सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘अनिष्ट से संसार की रक्षा करनेवाले, तथा मानव की ऐहिक और पारलौकिक उन्नति सहित मोक्ष प्रदान करनेवाला तत्त्व है धर्म ! अधिकांश विदेशी भाषाओं में ‘धर्म’ शब्द का समानार्थी शब्द भी नहीं ! इस कारण उनके लिए धर्माचरण करना कठिन होता है ।’