British Parliament Kashmiri Hindus Genocide : कश्मीरी हिन्दुओं के हत्याकांड के ३४ वें स्मृतिदिन के अवसर पर ब्रिटिश संसद में प्रस्ताव !

जो ब्रिटिश संसद सदस्यों को ध्यान में आता है, यह अधिकांश भारतीय जनप्रतिनिधियों के ध्यान में नहीं आता, यह जानिए !

Genocide Kashmiri Hindus :‘कश्मीरी हिन्दुओं’ की अनदेखी की गई क्योंकि उनके पास राजनीतिक ध्यान आकर्षित करने के लिए पर्याप्त बडी मतपेटी का आधार नहीं था ! – न्यायमूर्ति संजय किशन कौल

कहीं भी हिन्दुओं पर ‘हिन्दू’ होने के कारण अत्याचार हुए, तो सभी हिन्दुओं को उसके विरुद्ध संगठित होकर आवाज उठानी चाहिए, कश्मीर का यह संस्करण टालने का यही मार्ग है !

‘जी ५’ ओटीटी  मंच पर प्रदर्शित होगी ‘दि कश्मीर फाइल्स : अनरिपोर्टेड’ नामक वेब सीरीज !

यह वेब सीरीज एक लघुपट के समान होगी तथा इसमें विशेषज्ञ एवं पीडित हिन्दुओं के साथ कश्मीर के जिहादी आतंकवादी एवं धर्मांध मुसलमानों द्वारा हुए अत्याचारों के संबंध में किए गए वार्तालाप का समावेश है ।

अनुच्छेद ३७० को हटाकर भी कश्मीर में हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं ! – राहुल कौल, अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर, पुणे

‘‘सरकार अभी भी कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है । उसके परिणामस्वरूप बंगाल सहित भारत में जहां-जहां मुसलमानबहुल क्षेत्र है, वहां ‘कश्मीरी पैटर्न’ चलाया जा रहा है ।

कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा हिन्दू व्यक्ति की गोली मारकर हत्या !

३३ वर्षों उपरांत भी कश्मीर में हिन्दू का असुरक्षित होना, यह अभी तक की सभी पार्टियों की सरकारों के लिए लज्जास्पद ! यह स्थिति बदलने के लिए हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए !

निराधार कश्मीरी हिन्दू !

ईसाई नववर्ष के दिन पाक-समर्थित जिहादी आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में ४ कश्मीरी हिन्दुओं की हत्या कर भारत को दिखा दिया है कि ‘आप हमें मिटा नहीं सकते, हमें मिटाने की आप में शक्ति नहीं है !

अंतरराष्ट्रीय स्तर से जुडे हिन्दूद्वेष के तार !

हमें जिन बातों की जानकारी होती है, उसे परिपूर्ण मानकर हम उनके आधार पर कुछ निष्कर्ष निकालते रहते हैं अथवा उस विषय में स्वयं का मत बना लेते हैं, तथापि उन्हीं बातों में ऐसे अनेक पक्ष होते हैं, जिनके विषय में हमें कुछ भी ज्ञात नहीं होता । कुछ दिन पूर्व ही गोवा में आयोजित … Read more

पिछले ३ वर्षों में आतंकवादियों द्वारा ९ कश्मीरी हिन्दुओं की हत्या

३३ वर्ष पश्चात भी कश्मीर में हिन्दू असुरक्षित ! यह स्थिति हिन्दू राष्ट्र को अपरिहार्य बनाती है !

कश्मीरी हिन्दुओं के विषय में प्रश्न पूछने पर पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला चर्चासत्र छोडकर निकल गए !

नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने हमेशा ही कश्मीरी हिन्दुओं के वंशविच्छेद के विषय में बोलना टाला है । उनके कार्यकाल में हिन्दुओं की हत्या होने के कारण वे भी इसके लिए उत्तरदायी हैं । ऐसे सभी लोगों पर मुकदमा चलाकर उन्हें दंड देना आवश्यक !

कश्मीर से विस्थापित हुए हिन्दुओं की दयनीय स्थिति !

एक समय में करोडों की संपत्ति रखनेवाले इन परिवारों पर अब विस्थापितों के शिविरों में जीवन व्यतीत करने की स्थिति आ गई है । लगभग ३.५ लाख कश्मीरी पंडित देहली और जम्मू के शिविरों में आज भी सड रहे हैं ।