हिन्दू जनजागृति समिति और हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के बारे में हिन्दुत्वनिष्ठों के गौरवोद्गार और परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति व्यक्त किया भाव

१२ से १८ जून २०२२ की कालावधि में गोवा में दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन संपन्न हुआ । इस अधिवेशन में सहभागी हुए विविध संगठनों के संत और हिन्दुत्वनिष्ठों ने परात्पर गुरु डॉ. आठवले, हिन्दू जनजागृति समिति, हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन और सनातन संस्था के बारे में व्यक्त किए गौरवोद्गार और उनके प्रति व्यक्त किए भाव यहां दे रहे हैं ।

परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी

विश्व का इतिहास और भूगोल पलटने वाले परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी को प्रणाम ! – (पू.) अधिवक्ता हरि शंकर जैन

पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी

पू. हरि शंकर जैनजी ने दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में अपना भाषण प्रारंभ करने से पूर्व परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को वंदन कर भावपूर्ण उद्गार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की प्रेरणा से हम एकत्र आए हैं । विश्व का इतिहास और भूगोल पलटनेवाले परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी को प्रणाम ।’’

‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना’ के कार्य में हिन्दू जनजागृति समिति और सनातन संस्था भारत के अग्रणी संगठन ! – श्री. मुन्नाकुमार शर्मा, अध्यक्ष, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा

श्री. मुन्नाकुमार शर्मा

हमें सामर्थ्यशाली हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए प्रयास करना होगा । हमारे महापुरुषों के अपूर्ण सपने को हमें पूर्ण करना है । उसका एक भाग है अखंड हिन्दू राष्ट्र बनाना । हिन्दू राष्ट्र- स्थापना के कार्य में हिन्दू जनजागृति समिति और सनातन संस्था भारत का अग्रणी संगठन है । केवल संख्याबल का उपयोग नहीं होता । हिन्दू जनजागृति समिति और सनातन संस्था का कार्य वंदनीय-प्रशंसनीय कार्य है । आप हमें जो सेवा देंगे, वह महासभा स्वीकार करेगी । हम हृदय से आपके साथ चलेंगे । अखंड हिन्दू राष्ट्र के कार्य में सदैव संगठित रहें !’’

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में समाहित दैवी शक्ति का अनुभव कीजिए ! – प.पू. यती चेतनानंद सरस्वतीजी

प.पू. यती चेतनानंद सरस्वतीजी

‘‘मैं १५.६.२०२२ को सवेरे रामनाथी (गोवा) के अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन स्थल पर आई । उस समय मेरे पैर में पीडा हो रही थी । ‘मैं बोल नहीं सकूंगी । मैं यहां ३ दिन कैसे रह पाऊंगी ?’, ऐसा मुझे लगा; परंतु मैं खडी रह सकी । यहां दैवी शक्तियां हैं, उसका आप अनुभव कीजिए । स्वयं में समाहित आध्यात्मिक ऊर्जा को बल दीजिए । संपूर्ण दिन तक अधिवेशन में सम्मिलित होने के उपरांत अब मुझे अच्छा लग रहा है, ‘मेरी पीडा न्यून होकर मेरे पैर स्वस्थ हो गए हैं ।’

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र में मैं सीखने के लिए आती हूं । यहां मेरे सभी भाई और बहनें हैं । मैं यहां आने पर स्वयं को समर्पित करती हूं । हमारे मन में अहंकार नहीं होना चाहिए; क्योंकि हमें मन से संगठित होना चाहिए । हम में अहंकार हो, तो हम इस्लामी जिहाद अथवा अन्य हिन्दूविरोधी गतिविधियों का विरोध नहीं कर सकेंगे । इसके लिए हमें साधना करनी चाहिए । मुझे इस अधिवेशन में सम्मिलित होने का अवसर दिया; इसके लिए मैं कृतज्ञ हूं ।’’

‘धर्म के लिए समर्पित होकर कैसे कार्य करना चाहिए ?, यह मुझे अधिवेशन में सीखने को मिला – श्री. पाला संतोष, अध्यक्ष, हिन्दू इळैंगर येळूच्ची पेरवई (हिन्दू युवा जागरूकता महासंघ), तंजावूर, तमिलनाडु

श्री. पाला संतोष

वर्ष २०१४ से मैं अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में आ रहा हूं । धर्म के लिए समर्पित होकर और संगठित होकर कार्य कैसे करना चाहिए, यह मुझे हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में आकर समझ में आया । अधिवेशन में मुझे बहुत कुछ सीखने के लिए मिला । इसके लिए मैं हिन्दू जनजागृति समिति का आभारी हूं ।

हिन्दुओं में हिन्दू राष्ट्र का विचार निर्माण करने का श्रेय परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को जाता है ! – विधायक टी. राजा सिंह, भाजपा, तेलंगाना

विधायक श्री. टी. राजासिंह

‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में समस्त हिन्दुओं को नई ऊर्जा मिल रही है । इस ऊर्जा से अपने राज्य में जाकर हिन्दुत्वनिष्ठ कार्य कर रहे हैं । इसके पूर्व हिन्दू ‘भारत हिन्दू राष्ट्र होगा ।’ ऐसे विचार नहीं करते थे; पर अब ‘भारत देश हिन्दू राष्ट्र बने’, यह विचार हिन्दुओं में निर्माण हुआ है । हिन्दुओं में यह विचार निर्माण करने का श्रेय परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी और हिन्दू जनजागृति समिति को जाता है । इस अधिवेशन से धर्मकार्य करने के लिए अत्यधिक आध्यात्मिक शक्ति मिलती है ।’

शक्ति और भक्ति द्वारा धर्म पर हो रहे आघात रोकने की हिन्दू जनजागृति समिति की क्षमता है !

१. हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं में शक्ति और भक्ति है । आनेवाले काल में शक्ति और भक्ति द्वारा धर्म पर हो रहे आघात रोकने की उनकी क्षमता है, यह मैंने स्वयं अनुभव किया है । हिन्दू जनजागृति का कार्य मैंने देखा है ।

२. अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का व्यासपीठ सभी हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए है । इस कारण हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के माध्यम से हिन्दुओं में नवशक्ति निर्माण हुई है । विविध राज्यों में और जिलों में इस प्रकार के अधिवेशन हो रहे हैं । अखंड हिन्दू राष्ट्र के लिए ये सम्मलेन हो रहे हैं ।

सनातन के मार्गदर्शन में नामजप करने से मुझे धर्मकार्य के लिए बल मिलता है ! – योगेश अग्रवाल, संस्थापक, हिन्दू धर्मसेना, जबलपुर, मध्य प्रदेश

श्री. योगेश अग्रवाल

हिन्दू जनजागृति समिति और सनातन संस्था के मार्गदर्शन में मैंने धर्म का कार्य आरंभ किया । इसलिए मुझे कार्य में सफलता मिलने लगी । धार्मिक शक्ति के बिना हम धर्म का कार्य नहीं कर सकते । मुझे नामजप से बल मिल रहा है ।

हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन : ऊर्जा का केंद्र है ! – श्री. टी.एन्. मुरारी, भाजप नेता, तेलंगाना

‘आज के समय में चल रहा दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन हिन्दुत्वनिष्ठों और राष्ट्रप्रेमियों को मनोबल प्रदान करनेवाला ऊर्जा का केंद्र है । यहां की ऊर्जा के कारण आगे संपूर्ण वर्ष कार्य करने के लिए मनोबल मिलता है । परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी हम सभी का हाथ पकडकर आध्यात्मिक स्तर तक पहुंचने हेतु हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं, उसके लिए मैं उन्हें प्रणाम करता हूं । हाथ पकडकर आगे ले जानेवालों की आवश्यकता होती है, जिससे कार्य अच्छे ढंग से होता है ।’

हिन्दू जनजागृति समिति हमारा मातृसंगठन है । – श्री. अतुल जेसवानी, संस्थापक, हिन्दू सेवा परिषद, जबलपुर, मध्य प्रदेश.