GlobalSpiritualityMahotsav : ‘हार्टफुलनेस’ के मार्गदर्शक कमलेशजी पटेल को ‘शांति तथा आस्था के वैश्विक राजदूत’ पुरुस्कार प्रदान किया गया !

एक समय था जब किसी व्यक्ति को पुरस्कार देने के मानदंड अतार्किक थे । समय में परिवर्तन हुआ है । आज सभी नागरिक पुरस्कार वस्तुनिष्ठ मानदंडों पर आधारित हैं ।

जो गाय को नहीं मानता, वह सनातनी हिन्दू नहीं है !

जो गाय को नहीं मानता, वह सनातनी हिन्दू नहीं है, ऐसा वक्तव्य ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदजी ने यहां दिया । यहां के माघ मेले के सेक्टर ३ में उनके शिविर में गो संसद का आयोजन किया गया था, उसमें शंकराचार्यजी ऐसा बोल रहे थे ।

‘सनातन प्रभात’ हिन्‍दुओं में निर्माण कर रहा है महाराणा प्रताप जैसी वीरता ! – प.पू. देवबाबा

हिन्‍दुओं में महाराणा प्रताप जैसा शौर्य, राजा विक्रमादित्‍य समान साहस तथा हिन्‍दुत्‍व की भावना जगाने का कार्य ‘सनातन प्रभात’ कर रहा है । सनातन प्रभात सभी को संस्‍कार देने का कार्य कर रहा है, ऐसे प्रशंसा भरे उद़्‍गार किन्‍निगोली स्‍थित श्री शक्‍तिदर्शन योगाश्रम के परम पूज्‍य देव बाबा ने व्‍यक्‍त किए ।

Swami Rambhadracharya Maharaj : पाक अधिकृत कश्मीर प्राप्त करने हेतु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज कर रहे हैं यज्ञ !

स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने आगे कहा कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा शास्त्रानुसार ही हो रही है । श्रीराम मंदिर का गर्भगृह बन गया है, वह अधूरा नहीं है ।

Vishwaprasanna Theertha Swamiji : देश को ‘हिन्दू राष्ट्र’ कहना अनुचित होगा, तो इस राज्य को ‘कर्नाटक’ कहना भी अनुचित होगा !

पेजावर मठ के विश्वप्रसन्नतीर्थ स्वामीजी का स्पष्ट वक्तव्य !

राम-कृष्ण की सेवा ही देश-सेवा है ! – पेजावर मठ के विश्‍वप्रसन्न तीर्थ श्रीपाद

उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसा मत समझना कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण किया, अर्थात हमारा काम हो गया । अब हम पर नया दायित्व है । यदि आनेवाले अनेक शतक श्रीराम मंदिर बनाए रखना हो, तो देश के हिन्दुओं को ‘हिन्दू’ के रूप में ही रहना होगा ।

राष्ट्रसेवा योगी बनकर करनी चाहिए, भोगी होकर नहीं ! – प.पू. प्रेमानंद महाराज

हमारा ध्वज और हमारा राष्ट्र हमारे लिए ईश्वर है । आप तप के माध्यम से भजन द्वारा (नामजप द्वारा) लाखो लोगों की बुद्धि शुद्ध कर सकते हैं । एक भजन लाखो लोगों का उद्धार कर सकता है । आप भजन कीजिए, इंद्रियों पर विजय प्राप्त कीजिए और राष्ट्रसेवा भी कीजिए । राष्ट्र की सेवा के लिए प्राण समर्पित करें ।

सनातन धर्म में चराचर सृष्टि के प्रत्येक जीव के उद्धार का विचार ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

‘सनातन धर्म की सीख तथा अध्यात्म एक ही है । सनातन धर्म में केवल मनुष्य के ही नहीं, अपितु प्रत्येक कण-कण के उद्धार का विचार किया गया है ।

सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळजी द्वारा व्यष्टि एवं समष्टि साधना के विषय में किया गया मार्गदर्शन

महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळजी इन्होंने साधकों की व्यष्टि एवं समष्टि साधना की समस्याओं को समझा तथा उनका मार्गदर्शन किया । इस मार्गदर्शन के सूत्र यहां दिए हैं ।

केवल धर्म की पुनर्स्‍थापना ही विश्‍व तथा मानवता को बचा सकती है ! – माता अमृतानंदमयी देवी

माता अमृतानंदमयी देवी, जिन्‍हें पूरी दुनिया श्रद्धापूर्वक ’अम्‍मा’ कहती हैं, ने २६ नवंबर को ’विश्‍व हिन्‍दू कांग्रेस’ के अंतिम दिन सुबह के सत्र का मार्गदर्शन किया ।