Andhra Pradesh : आंध्र प्रदेश में ‘नन’ की प्रशिक्षण लेने वाली ईसाई लडकी ने कॉन्वेंट में बच्चे को जन्म दिया !
चर्च द्वारा संचालित संस्थाएं अनाचार के अड्डे बनती जा रही हैं, इसका यह एक और उदाहरण है।
चर्च द्वारा संचालित संस्थाएं अनाचार के अड्डे बनती जा रही हैं, इसका यह एक और उदाहरण है।
भारत में हिन्दू संतों, महंतों, धार्मिक गुरुओं तथा पुजारियों की फिल्मों, जनसंचार माध्यमों तथा अन्य माध्यमों से आलोचना की जाती है । इसके विपरीत, कई वासनात्मक गतिविधियों में लिप्त मौलाना अथवा पादरी के संबंध में कुछ नहीं कहा जाता है ।
पादरियों द्वारा यौन शोषण के सहस्त्रों प्रकरण उजागर हुए हैं। इस स्थिति के कारण, अब पादरियों को विवाह अनुमति की मांग करने का समय आ गया है !
ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने पादरियों को समलैंगिक विवाह करनेवालों को आशीर्वाद देने की अनुमति दी है । इसका उद्देश्य चर्च कोअधिक सर्वसमावेशी बनाना है ।
देश का सबसे बडा ईसाई संगठन !
धनदान के नियमों का उल्लंघन !
‘चर्च अर्थात लैंगिक शोषण का स्थान’ और ‘पादरी अर्थात वासनांध व्यक्ति’, ऐसी प्रतिमा किसी के मन में निर्माण हो रही हो, तो इसमें गलत क्या है ? ऐसी घटनाओं के विरोध में जगभर के ईसाई खुले आम विरोध करते हुए क्यों नहीं दिखाई देते ?
भारत में सामाजिक माध्यमों द्वारा ऐसी घटनाओं को दबा दिया जाता है, क्योंकि वे स्वयं को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं और उनकी दृष्टि में पादरी सभ्य गृहस्थ होते हैं !
पोप फ्रान्सिस ने दी पादरियों को सूचना !
चर्च की परिवर्तित भूमिका पर कुछ पादरियों ने उठाए प्रश्न!
इस घटना से अब, ऐसे कितने पादरी जीवित अथवा मृत हैं, जिन पर ऐसे आरोप किए गए हैं, उसकी जांच होनी चाहिए, ऐसा ही ध्यान में आता है !
चर्च द्वारा स्पष्टीकरण मांगते ही पादरी ने चर्च का पहचान पत्र और अनुमति वापस की ! समानता हिन्दुओं को सर्वधर्म समभाव का ज्ञान देनेवाले आधुनिकतावादी, नास्तिकतावादी, कांग्रेसवाले, वामपंथी अब चर्च को यह ज्ञान क्यों नहीं देते ?