Missionaries Conversion In MP School : मांडला (मध्यप्रदेश) के ईसाई पाठशाला में पिछडी जाति के बच्चों का धर्मपरिवर्तन !
मध्यप्रदेश बाल सुरक्षा आयोग के अन्वेषण में उजागर
पाठशाला का निवासस्थान ही अवैध
मध्यप्रदेश बाल सुरक्षा आयोग के अन्वेषण में उजागर
पाठशाला का निवासस्थान ही अवैध
पादरी एवं मौलाना यौन-शोषण में अग्रसर होते हैं, यह अनेक घटनाओं से उजागर हुआ है, तथापि उस विषय में प्रसारमाध्यम कभी चर्चा नहीं करते; क्योंकि अधिकांश सभी समाचारपत्रिकाएं तथाकथित ‘धर्मनिरपेक्ष’ हैं !
यदि हिन्दू मंदिर में भक्तों के बीच ऐसा विवाद होता है, तो सरकार मंदिर पर नियंत्रण कर लेती है; परंतु बड़े आर्थिक घोटाले होने पर भी सरकार द्वारा चर्च पर नियंत्रण करने की बात सुनने में नहीं आती है । इस भेदभाव के लिए हिन्दू सरकार से कब उत्तर मांगेगी ?
सिर्फ चर्च गिराने से बात नहीं रुकनी चाहिए, अपितु धर्मांतरण में शामिल पादरियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए, अन्यथा दूसरा चर्च बनाकर धर्मांतरण का काम जारी रहेगा !
चर्च द्वारा संचालित संस्थाएं अनाचार के अड्डे बनती जा रही हैं, इसका यह एक और उदाहरण है।
भारत में हिन्दू संतों, महंतों, धार्मिक गुरुओं तथा पुजारियों की फिल्मों, जनसंचार माध्यमों तथा अन्य माध्यमों से आलोचना की जाती है । इसके विपरीत, कई वासनात्मक गतिविधियों में लिप्त मौलाना अथवा पादरी के संबंध में कुछ नहीं कहा जाता है ।
पादरियों द्वारा यौन शोषण के सहस्त्रों प्रकरण उजागर हुए हैं। इस स्थिति के कारण, अब पादरियों को विवाह अनुमति की मांग करने का समय आ गया है !
ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने पादरियों को समलैंगिक विवाह करनेवालों को आशीर्वाद देने की अनुमति दी है । इसका उद्देश्य चर्च कोअधिक सर्वसमावेशी बनाना है ।
देश का सबसे बडा ईसाई संगठन !
धनदान के नियमों का उल्लंघन !
‘चर्च अर्थात लैंगिक शोषण का स्थान’ और ‘पादरी अर्थात वासनांध व्यक्ति’, ऐसी प्रतिमा किसी के मन में निर्माण हो रही हो, तो इसमें गलत क्या है ? ऐसी घटनाओं के विरोध में जगभर के ईसाई खुले आम विरोध करते हुए क्यों नहीं दिखाई देते ?