सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘हिन्दुओ, हिन्दू राष्ट्र में दासता दर्शानेवाली तथा रज-तम प्रधान अंग्रेजी भाषा भारत में नहीं रहेगी । राज्यों की भाषा प्रशासकीय भाषा होगी । इसलिए यदि आपको ऐसा लगता है कि आगे आपके बच्चे को नौकरी मिले, तो उसे अभी से भारतीय राज्यभाषा में शिक्षा दें ।’

ज्ञानव्यापी मुक्ति संघर्ष से पुनः प्रवाहित होगी देश की आध्यात्मिक ऊर्जा ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

काशी हमारी आध्यात्मिक नगरी है । काशी हमारी ऊर्जा का एक स्रोत है । इसलिए हमें विकास तो चाहिए, परंतु आध्यात्मिक विकास भी चाहिए । काशी विश्वनाथ मुक्ति का यह संघर्ष इस आध्यात्मिक ऊर्जा को प्रवाहित करने के लिए है ।

यदि धर्मांतरण पर रोक नहीं लगाई गई, तो परिस्थिति भयंकर होगी !

‘मुसलमानों की वेशभूषा देखकर डर लगता है । यदि देश में धर्मांतरण पर रोक न लगाई गई, तो परिस्थिति भयंकर होगी ।’ बद्रीनाथ के ज्योतिष पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजी ने ऐसा स्पष्ट मत व्यक्त किया है ।

भारत का शत्रु : भ्रष्टाचार

पानी में रहनेवाली मछली पानी कब पीती है, यह हम नहीं समझ सकते, उसी प्रकार सरकारी अधिकारी भ्रष्टाचार कब करते हैं, इसे हम नहीं पहचान सकते’, ऐसा आर्य चाणक्य ने भ्रष्टाचार के विषय में लिख रखा है ।

चीनी फिल्में तथा औषधियां बनानेवाले प्रतिष्ठानों द्वारा लूटमार !

चीन में ‘वो बू शी याओ शेन’ (‘डाइंग टू सर्वाइव’ – जीने के लिए मरना) फिल्म को दर्शक बहुत पसंद कर रहे हैं । व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगानेवाली यह फिल्म चीन में प्रदर्शित हो सकी, यह भी एक चमत्कार ही है !

रामराज्य के समय की पितृसत्ता एवं आधुनिक लोकतंत्र !

प्रा. भरत गुप्त देहली विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राध्यापक हैं । वे प्राचीन भारतीय शास्त्रीय तत्त्वज्ञ, संगीत विशेषज्ञ, स्तंभ लेखक एवं लेखक हैं । यू ट्यूब वाहिनी ‘मानुषी इंडिया’ की संपादक मधुपूर्णिमा किश्वर ने उनसे संवाद किया ।

हिन्दू समाज को स्वयं का अस्तित्व टिकाए रखने के लिए हिन्दू राष्ट्र के आंदोलन को प्रखर बनाना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

अनुच्छेद ३७० के हटने के उपरांत भी कश्मीर में हिन्दुओं की लक्ष्यित हत्याएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं । ऐसी स्थिति में हिन्दू समाज को स्वयं का अस्तित्व टिकाए रखने के लिए हिन्दू राष्ट्र के आंदोलन को प्रखर बनाना आवश्यक है ।

आंदोलन, संसद एवं सर्वाेच्च न्यायालय के माध्यम से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का हिन्दू धर्मप्रेमियों का निश्चय !

अनादि काल से भारत एवं नेपाल हिन्दू राष्ट्र थे; परंतु धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था के दुष्टचक्र में फंसने के कारण यहां के हिन्दुओं का दमन हो रहा है । इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु पुनः संवैधानिक पद्धति से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना अनिवार्य बन गया है ।

राष्ट्रीय स्तर पर ‘लव जिहाद विरोधी कानून’ एवं ‘धर्मांतरण विरोधी कानून’ लागू किएं जाएं !

‘लव जिहाद’ के लिए विदेशों से मिलनेवाली आर्थिक सहायता, युवतियों की तस्करी तथा आतंकवादी गतिविधियों के लिए उनके किए जा रहे उपयोग की घटनाओं की जांच की जाए ।

देहली के भारत सरकार के ‘कथक केंद्र’ में महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय द्वारा संगीत शोध का प्रस्तुतीकरण !

कथक केंद्र की कथक गुरु श्रीमती मालती श्याम, गायन गुरु श्री. ब्रिजेश मिश्रा एवं कु. तेजल पात्रीकर के हस्तों दीपप्रज्वलन किया गया । इस कार्यक्रम में इस कथक केंद्र में गायन, वादन एवं नृत्य सीखनेवाले छात्र तथा उन्हें शिक्षा देनेवाले कुछ गुरुजन उपस्थित थे ।