देश के विभाजन का पुनः प्रयास किया गया, तो इससे पहले विभाजित क्षेत्र को पुनः अपने हाथ में ले लेंगे ! – कपिल मिश्रा, पूर्व विधायक तथा संस्थापक, ‘हिन्दू् इकोसिस्टम’

हिन्‍दू सेवा परिषद की ओर से स्‍वामी विवेकानंद की १५९वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ‘युवा संवाद’ कार्यक्रम !

दीपप्रज्वलन करते श्री. कपिल मिश्रा, महामंडलेश्वर स्वा मी मुकुंददासजी महाराज, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. आनंद जाखोटिया एवं अन्य मान्यवर

     जबलपुर (मध्‍य प्रदेश) – ‘हिन्‍दू इकोसिस्‍टम’ के संस्‍थापक तथा पूर्व विधायक श्री. कपिल मिश्रा ने ऐसे विचार व्‍यक्‍त किए कि भारत में हिन्‍दू बहुसंख्‍यक हैं और वे धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की मांग कर रहे हैं । विश्‍व के किसी भी देश में अल्‍पसंख्‍यकों को बहुसंख्‍यकों से धर्मपरिवर्तन का भय होता है; परंतु भारत में यह स्‍थिति उल्‍टी है । यहां अल्‍पसंख्‍यक नहीं, अपितु बहुसंख्‍यक लोग अपने धर्म की रक्षा के लिए धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग कर रहे हैं । स्‍वतंत्रतापूर्व के काल में हुए खिलाफत आंदोलन में १० सहस्र हिन्‍दुओं का नरसंहार हुआ; परंतु हिन्‍दुओं का दुर्भाग्‍य यह कि इस आंदोलन में सम्‍मिलित जिहादियों को पिछले वर्ष तक स्‍वतंत्रतासैनिकों के रूप में निवृत्तिवेतन दिया गया । इससे जिहाद को ही स्‍वतंत्रता संग्राम बनाया गया । देहली के जामिया मिलिया इस्‍लामिया विश्‍वविद्यालय की दीवार पर ‘खिलाफत २.०’ लिखा गया । इसका क्‍या अर्थ है  क्‍या आपको पुनः खिलाफत आंदोलन चलाकर देश का विभाजन करना है ? इस देश में पुनः विभाजन का प्रयास किया गया, तो याद रखिए ! उस समय हिन्‍दू जनजागृति समिति, हिन्‍दू युवा परिषद जैसे संगठन नहीं थे और आज के जैसे तेजस्‍वी युवक भी नहीं थे । अब पुनः देश के टुकडे करने का प्रयास किया गया, तो इससे पूर्व हमने जो क्षेत्र गंवाया है, उस क्षेत्र को इस देश के तेजस्‍वी युवक पुनः अपने हाथ में ले लेंगे । यहां के शहीद स्‍मारक गोलबाजार में हिन्‍दू युवा परिषद की ओर से स्‍वामी विवेकानंद की १५९ वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ‘युवा संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे । ५०० युवकों ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाया । इस अवसर पर व्‍यासपीठ पर महामंडलेश्‍वर स्‍वामी मुकुंददासजी महाराज, आर्य समाज के आचार्य धीरेंद्र, हिन्‍दू जनजागृति समिति के मध्‍य प्रदेश एवं राजस्‍थान राज्‍यों के समन्‍वयक श्री. आनंद जाखोटिया, हिन्‍दू सेवा परिषद के प्रदेशाध्‍यक्ष श्री. अतुल जेसवानी, हिन्‍दू सेवा परिषद के जिलाध्‍यक्ष श्री. सौरभ जैन, प्रदेश महासचिव श्री. धर्मेंद्र ठाकूर और सूत्रसंचालक श्री. योगेंद्र त्रिपाठी उपस्‍थित थे ।

श्री. कपिल मिश्रा द्वारा हिन्‍दू जनजागृति समिति के विषय में व्‍यक्‍त किए गए गौरवोद़्‍गार !

श्री. कपिल मिश्रा

     आज संपूर्ण देश में हिन्‍दुओं के लिए सक्षमता से खडा हिन्‍दू जनजागृति समिति एकमात्र संगठन है । यह संगठन समर्पित लोगों की है, जो प्रशिक्षण एवं कानूनी माध्‍यम से हिन्‍दुओं की सहायता कर रही है ।

स्‍वामी विवेकानंदजी को अपेक्षित तेजस्‍वी युवक बनने का संकल्‍प लेंगे – आनंद जाखोटिया, मध्‍य प्रदेश एवं राजस्‍थान राज्‍यों के समन्‍वयक, हिन्‍दू जनजागृति समिति 

श्री. आनंद जाखोटिया

१. स्‍वामी विवेकानंद कोट पहनकर नहीं, अपितु भगवा वस्‍त्र धारण कर विदेश में धर्मसंसद के लिए गए; परंतु उन्‍होंने वहां सभी के सामने जो सनातन धर्म के मूल्‍य रखे, उसका हर्ष से स्‍वागत किया गया । आज हम कोट पहनकर पश्‍चिमी परंपरा की नकल करते हैं; परंतु हम स्‍वामी विवेकानंद जैसे तेजस्‍वी युवक बनने का संकल्‍प क्‍यों नहीं लेते ? उस समय स्‍वामी विवेकानंद ने १०० तेजस्‍वी और ऊर्जावान युवकों की अपेक्षा की थी । आज हम उनकी जयंती के दिन उन्‍हें अपेक्षित राष्‍ट्रभक्‍त, व्‍यसनमुक्‍त और बाहुबल की उपासना करनेवाला तेजस्‍वी युवक बनने का संकल्‍प लेना होगा ।

२. केश-विन्‍यासकार जावेद हबीब ने हिन्‍दू महिला के केश में थूककर उसका अनादर किया । उसके उपरांत इस प्रकरण में फंसता हुआ देखकर उसने झूठी क्षमायाचना की । किसी प्रकरण में फंसने पर क्षमा मांगने की धर्मांधों की इस पद्धति को हमें पहचानना होगा ।

३. इसी जावेद हबीब ने उसकी दुकान के विज्ञापन के लिए देवताओं को उसके ‘पार्लर’ में बैठा हुआ दिखाया था, तब भी उसने क्षमा मांगी थी; परंतु थूकने की घटना से उसकी मानसिकता पुनः उजागर हुई है ।

४. इस प्रकार से थूकने की जिहादी मानसिकता को लगाम लगाने के लिए हमें उसकी गिरफ्‍तारी होने तक शांति से नहीं बैठना चाहिए ।

संतों और अन्‍य मान्‍यवरों द्वारा किया गया उद़्‍बोधन

१. महामंडलेश्‍वर स्‍वामी मुकुंददास, पीठाधीश्‍वर, गुप्‍तेश्‍वर पीठ : हिन्‍दू आज जागृत हुआ है; परंतु उसके लिए उसे उठकर कार्य करने की आवश्‍यकता है । वह जब उठकर चलने लगेगा, तब उसे अपनी गति कितनी है ? और उसे कितना बढाना पडेगा ?, यह देखने में आ सकता है ।

२. श्री. अतुल जेसवानी, प्रदेशाध्‍यक्ष, हिन्‍दू सेवा परिषद : प्रत्‍येक संघर्ष की स्‍थिति में संगठन हिन्‍दुआें के साथ ही है । प्रत्‍येक हिन्‍दू को धर्मकार्य के लिए एकत्रित होना चाहिए ।

३. श्री. सौरभ जैन, जिलाध्‍यक्ष, हिन्‍दू सेवा परिषद : आज की कठिन परिस्‍थिति में प्रत्‍येक हिन्‍दू को तैयार रहना चाहिए ।